मनरेगा में भ्रष्टाचार की शिकायत पर नही हुई कार्रेवाई तो हाई कोर्ट पहुंचा मामला
— मैण्डैमस रिट याचिका पर अधिकारयों को आठ हफ्तों में जांच करने के दिए आदेश
–खंड पुन्हाना के झारोकड़ी गांव का मामला
फ़ोटो कैप्शन: गांव झारोकड़ी में शिकायत दिखाते जॉब कार्ड धारक
यूनुस अल्वी
मेवात
जिले में मनरेगा योजना में भ्रष्टाचार के मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। जहां जिला स्तर व ब्लॉक स्तर पर भ्रष्टाचार में संलिप्त दर्जनों अधिकारियों व कर्मचारियों पर मुकदमा दर्ज हो चुका है। वहीं अब ऐसा ही एक मामला पुन्हाना उपमंडल के गांव झारोकड़ी का हाई कोर्ट में पहुंचा है। गांव के दर्जनों लोगों ने अपनी पंचायत के साथ ही ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है।
पंजाब एम हरियाणा हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए पीड़ित की याचिका पर अधिकारियों से आठ सप्ताह में जांच पूरी करने के आदेश दिए हैं।
ग्रामीणों का आरोप है की सरपंच ने अधिकारियों से सांठगांठ कर मनरेगा योजना में सरकारी लोगों, छात्रों व दिमागी तौर से कमजोर लोगों के फर्जी जॉब कार्ड बनाकर करोड़ों का गबन किया है। गांव में हुए भ्रष्टाचार की शिकायत मुख्यमंत्री, पंचायत मंत्री, सीएम विजिलेंस से लेकर जिला प्रशासन के आला–अधिकारियों से पिछले एक वर्ष से करते आ रहे है। लेकिन आज तक सरपंच व अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई है। जिससे परेशान होकर उन्होने हाईकोर्ट में मैण्डैमस रिट याचिका डालकर मामले में संलिप्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। याचिकाकर्ता साजिद हुसैन ने बताया की गांव झारोकड़ी में बड़े पैमाने पर मनरेगा योजना के तहत घोटाला हुआ है। सरपंच व पंचायत स्तर के अधिकारियों ने मिलकर गांव के सरकारी नौकर,नाबालिग छात्र, दिमागी तौर पर कमज़ोर लोगों सहित सैंकड़ों लोगों के फर्जी जॉब कार्ड बनाकर और दूरदराज की बैंकों में उनके खाते खुलवाकर करोड़ों रुपए का गबन किया है। भ्रष्टाचारियों द्वारा मजदूरों के नाम से ऑनलाइन मस्टररोल जारी कर जेसीबी मशीनों से कार्य कराया गया। लेकिन कागजों में मजदूरों को दिखाकर सरकारी राशि को अपने द्वारा खुलवाएं गए फर्जी खातों में ट्रांसफर कराकर राशि को निकाल लिया गया। इस बात का खुलासा तब हुआ जब ग्रामीणों ने ऑनलाइन अपना जॉब कार्ड चेक किया। याचिकाकर्ता ने बताया कि वह वर्ष 2021 से इसकी शिकायत अधिकारियों से करते आ रहे हैं लेकिन अधिकारियों द्वारा उनकी शिकायतों पर किसी तरह की कोई कार्रवाई अमल नहीं लाई गई। जिसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट में मैण्डैमस रिट याचिका डालकर अधिकारियों व कर्मचारियों सहित सरपंच के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
वहीं हाईकोर्ट ने दस उत्तरदाताओं को आठ हफ्तों में जांच करने का समय दिया है। याचिकाकर्ता का कहना है कि उन्हें पूरा भरोसा है कि हाई कोर्ट से उन्हें जरूर न्याय मिलेगा।
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