-मनरेगा में दस लाख रूपये का घोटाला मामला–
-मुकदमा दर्ज होने के 20 दिन बाद हरकत में आया बैंक और पुलिस विभाग
-भ्रष्टाचारियों की गिरफ़्तारी की कारवाई हुई तेज, कई जगह पुलिस ने मारे छापे
-गुड़गांव के बैंक अधिकारी मनरेगा के जॉब कार्डों की जानकारी लेने पुनहाना पहुंचे।
फोटो–सहकारिता बैंक गुड़गांव के अधिकारी मनरेगा के जॉब कार्डों की बीडीपीओ कार्यालय पुन्हाना में जानकारी लेते हुए
यूनुस अलवी
नूंह/मेवात
नूंह जिला के खंड पुन्हाना के गांव सुनहेड़ा में केटल षेड बनाने को लेकर मनरेगा योजना में हुए करीब दस लाख रूपये के घोटाला मामले में करीब 20 दिन बाद बैंक और पुलिस विभाग हरकत में आ गया हैं। पुलिस ने जहां आरोपी अधिकारियों के ठिकानों में दबिष दी वहीं दी गुड़गांव केंद्रीय सहकारिता बैंक गुड़गांव के अधिकारी मनरेगा के जॉब कार्डों की जानकारी लेने मंगलवार को पुनहाना खंड विकास एवम पंचायत कार्यालय पहुंचें। बैंक अधिकारियों को बीडीपीओ कार्यालय से कर्मचारियों के गायब रहने के चलते जॉब कार्डों का रिकॉर्ड नहीं मिल सका।
जनकारी के अनुसार दी गुड़गांव केंद्रीय सहकारिता बैंक गुड़गांव के एक वरिष्ठ अधिकारी की अगुवाई में एक टीम मंगलवार को पुन्हाना स्थित खंड विकास एंव पंचायत कार्यालय पहुंची। मनरेगा के करीब 6 जॉब कार्डों की जानकारी लेने उन्होंने एक आवेदन खंड विकास एंव पंचायत कार्यालय के कर्मचारियों को सौंपा। अधिकारियों के बीडीपीओ कार्यालय से गायब रहने के चलते जॉब कार्डों का रिकॉर्ड नहीं दिया जा सका। वहीं बैंक अधिकारियों ने जांच पूरी होने से पूर्व मीडिया को कुछ भी बताने से इंकार कर दिया।
पुन्हाना के डीएसपी शमशेर सिंह ने बताया कि दो आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिका अदालत से खारिज होने के बाद उनकी गिरफ्तारी तेज कर दी है। सोमवार को पुन्हाना बीडीपीओ कार्यालय और मंगलवार को विभाग के कनिष्ठ अभियंता अजमत, बैंक मैनेजर मुबीन खान सहित अन्य अधिकारी और कर्मचारियों के ठिकाने पर दबिष दी गई हैं लेकिन आरोपी फरार हैं। डीएसपी का कहना है कि आरोपियों की धरपकड़ के प्रयास तेज कर दिये हैं। वहीं पुलिस की मजबूत पेरवी के चलते तीन आरोपियों की नूंह अदालत से अग्र्रिम जमानत को खारिज कराया गया है।
गौरतलब है कि नूंह जिला के पुन्हाना उपमंडल के गांव सुनहेड़ा में मनरेगा में हुए करीब दस लाख रूपये गबन के मामले में बिछौर थाना पुलिस ने 24 नवंबर को मुख्यमंत्री उड़न दस्ते के इंस्पेक्टर सतेंदर की शिकायत पर पुन्हाना के बीडीपीओ दिगंबर सिंह, एबीपीओ अरशद हुसैन, एबीपीओ संजय कुमार, जेई अजमत, साहबुद्दीन कंप्यूटर ऑपरेटर, ग्राम सचिव जफर अब्बास, लेखाकार विपिन कुमार व अरशद मेट, अनीश, प्रोपराईटर सिंगारिया ट्रेडर्स, अंजूम खान पुत्र मुबारिक निवासी जेंवत, हनीफ खान कैशियर, मुबीन शाखा प्रबन्धक दी- गुडगांव कॉपरेटिव सेंट्रल लि. बैंक शाखा पुन्हाना सहित 13 के खिलाफ आपस मे साज-बाज होकर फर्जी कागजात व दस्तावेज के आधार पर फर्जी बैंक खाते खोलकर व मनरेगा स्कीम के तहत करीब 10 लाख की सरकारी राशि को फर्जी बैंक खातों से फर्जीवाड़ा कर निकालने का धारा 420, 467, 468, 471, 120बी, 406, 409 के तहत मामला दर्ज किया था।
मुख्यमंत्री उड़न दस्ते द्वारा पुलिस को दी गई षिकायत में कहा गया कि सुनहेड़ा निवासी मकसूद द्वारा गांव में मनरेगा स्कीम के तहत वर्ष 2021-2022 में बनने वाले 82 कैटल शेड कार्याे में मृत लोगों के नाम से कार्य, जॉबकार्ड धारकों के खाते बदलकर अन्य खातों में राशि डालकर लाखों रूपये का गबन की जांच करने की शिकायत मुख्यमंत्री उड़नदस्ते की टीम को मिली थी। जिसके आधार पर टीम द्वारा गांव में जाँच की गई। जांच के दौरान गांव सुनहेड़ा में बनाए गए कैटल शेडों का निरीक्षण हसंराज उप मण्डल अभियन्ता व फजरुद्दीन कनिष्ठ अभियन्ता हरियाणा पुलिस हाउसिंग कार्पाेरेशन नूंह को साथ लेकर किया गया। निरीक्षण के दौरान मौके पर गांव में केवल 66 कैटल शेडों का निर्माण होना पाया गया। उनके निर्माण कार्य में भी अनियमितता पाई गई। कई कैटल शेडों पर टीन का कार्य नहीं किया गया व अधिकतर कैटल शेडों पर कोई प्लास्टर नहीं किया गया, निरीक्षण के दौरान लगभग एक दर्जन कैटल शेड निर्माणाधीन मिले। इसके अतिरिक्त जब जॉब कार्ड धारकों की जांच की गई तो शिकायतकर्ता मकसूद व उनकी पत्नी हंसीरा की मजदूरी राशि दी-गुड़गांव सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक पुन्हाना में जमा पाई गई। जब दोनों के खातों की जांच की गई तो चोकाने वाले खुलासे सामने आए, क्योंकि दोनों खाते हरिओम पत्नी श्रीचन्द व बलराम पुत्र रति निवासी गुलालता के नाम से बैंुक में खुले हुए थे और राशि का भुगतान भी बैंक से किया हुआ था। इसके अलावा जॉब कोर्डाे में भी भारी गड़बड पाई गई। मसलन यूनुस निवासी सुनहेड़ा के जॉब कार्ड में मोसिम निवासी पटाकपुर का खाता मिला। नसीम निवासी सुनहेड़ा के जॉब कार्ड में शहनाज पत्नी वसीम निवासी हथन गांव का खाता पाया गया। इसके अतिरिक्त मुबिन पुत्र नवाब निवासी सुनहेडा जिसकी मृत्यु करीब एक साल पहले हो चुकी है उसकी भी मनरेगा स्कीम के तहत फर्जी मस्टरोल तैयार कर मजदूरी की राशि निकाली।
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