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अब बस… मुहिम के माध्यम से लोगो को जागरूक कर कन्या भ्रूण हत्या रोकेगा मेवात प्रशासन

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अब बसमुहिम के माध्यम से लोगो को जागरूक कर कन्या भ्रूण हत्या रोकेगा मेवात प्रशासन

*सरकार व प्रशासन की ओर से कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए उठाए जा रहे प्रभावी व सराहनीय कदम : एडीसी*

*- कन्या भ्रूण हत्या लैंगिक असमानता का सबसे बड़ा कारण : सोगन*

*- प्रशासन द्वारा कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए अब बस… मुहिम के माध्यम से आमजन को किया जा रहा है जागरूक*

Younus Alvi 

*नूंह, 11 जनवरी*

अतिरिक्त उपायुक्त रेनू सोगन ने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या एक कानूनी अपराध होने के साथ-साथ सामाजिक अपराध भी है। कन्या भ्रूण हत्या लैंगिक असमानता का सबसे बड़ा कारण है। जिस दिन हम अपनी बेटियों को बेटों के बराबर समझने लगेंगे, उस दिन कन्या भ्रूण हत्या अपने आप रुक जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार और जिला प्रशासन की ओर से कन्या भ्रूण हत्या पर रोक लगाने व महिला सशक्तिकरण के लिए प्रभावी व सराहनीय कदम उठाए जा रहे हैं ताकि बेटियां समाज में गर्व के साथ सिर उठाकर जी सकें। जिला का लिंगानुपात चिंताजनक है जो जिला को लगातार शर्मसार कर रहा है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि लिंगानुपात में सुधार करने के लिए सख्त कदम उठाएं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग लिंगानुपात में सुधार के लिए जिला में नियमित रूप से रेड से संबंधित कार्रवाई का अंजाम दें और आरोपियों को पकड़ें।

एडीसी रेनू सोगन ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग कम लिंगानुपात वाले गांवों को चिन्हित कर उन गांवों में लिंगानुपात सुधार की दिशा में कदम उठाते हुए ग्रामीणों को जागरूक एवं प्रेरित करें ताकि जिला के लिंगानुपात में सुधार आए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग जिला में पोक्सो व पीएनडीटी एक्ट की सख्ती से पालना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि जिला में जिला प्रशासन की ओर से चलाई जा रही ‘अब बस…’ मुहिम के तहत जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएं।

*कन्या भ्रूण हत्या करने व करवाने वालों को पकड़वाने पर सरकार देगी एक लाख रुपए का इनाम : एडीसी*

अतिरिक्त उपायुक्त रेनू ने बताया कि सरकार की ओर से कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए कन्या भ्रूण हत्या करने व करवाने वालों को पकड़वाने पर एक लाख रुपए का इनाम दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि गर्भधारण पूर्व लिंग चयन और प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण एक आपराधिक अपराध है। उन्होंने बताया कि पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट 1994 के तहत पंजीकृत सेंटर संचालक व डॉक्टर द्वारा पहली बार गर्भधारण पूर्व लिंग चयन और प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण संबंधी जुर्म करने पर 3 साल की कैद और 10 हजार रुपए जुर्माना तथा इसके उपरांत पुन: जुर्म करने पर 5 साल कैद और 50 हजार रुपए जुर्माना का प्रावधान है।

एडीसी ने बताया कि पति/परिवार के सदस्य या लिंग चयन के लिए उकसाने वाले व्यक्ति के लिए एक्ट में पहले अपराध पर 50 हजार रुपए तक के जुर्माने के साथ 3 साल तक की कैद तथा इसके उपरांत पुन: अपराध करने पर एक लाख रुपए तक जुर्माने के साथ 5 साल तक की कैद का प्रावधान एक्ट में किया गया है। उन्होंने बताया कि अधिक जानकारी के लिए www.pcpndtharyana.gov.in पर विजिट करें। एडीसी ने कहा कि बेटियां अनमोल हैं हमें उन्हें बेटों की तरह पूरा मान-सम्मान देना देते हुए शिक्षित करना चाहिए।

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