नूंह जिला परिषद के वार्ड नंबर 17 के पार्षद की सदस्यता जा सकती है, हाईकोर्ट ने 42 दिन के अंदर कारवाई कर डायरेक्टर पंचायत को दिए आदेश
– मान्यता प्राप्त बोर्ड से दसवीं पास नहीं है तो धारा 177 के तहत सदस्य को अयोग्य क़रार दिया जा सकता है
ख़बर हक़
चण्डीगढ़
सदस्य वार्ड नंबर 17 जिला पार्षद नूह की सदस्यता को बर्खास्त/अयोग्य करार दिया जा सकता है,पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय की डिवीज़न बेंच ने 42 दिन के अंदर कारवाई करने के डायरेक्टर पंचायत को आदेश दिए हैं। याचिकाकर्ता जकारिया ख़ान ने मोहम्मद अरशद एडवोकेट के माध्यम से डाली गई याचिका में कोर्ट के समक्ष पेश होते हुए बताया कि मेम्बर श्री ख़ुर्शीद का दसवी पास का शैक्षणिक सर्टिफ़िकेट झारखंड स्टेट ओपन स्कूल-बोर्ड (JSOS) द्वारा जारी किया गया है जोकि एक निराधार और बोगस एवं फ़र्ज़ी बोर्ड है याचिकाकर्ता ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय एवं डिवीज़न बैंच इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने झारखंड फ़र्ज़ी बोर्ड मामले का पहले ही निपटारा कर चुकी है आगे अपना पक्ष रखते हुए बताया कि सदस्य ने अपनी शिक्षा 10 वीं पास अपने नामांकन फ़ॉर्म दर्शाई है और यह झारखंड स्टेट ओपन स्कूल-बोर्ड (JSOS) द्वारा जारी की गई थी
याचिकाकर्ता के वक़ील ने डिवीज़न बेंच के समक्ष अपनी दलील देते हुए कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय एवं सर्वोच्च न्यायाल लिए यानी सुप्रीम कोर्ट ने दो साल पहले ही इस संस्था/बोर्ड को ग़ैरक़ानूनी क़रार देते हुए संचालकों के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज करने का आदेश दिया था इसके चलते रेवॉड़ी पुलिस ने भी मुक़दमा दर्ज कर चुकी हे ।(Sahir Sohail vs Dr. A.P.J. Abdul Kalam Technical -07.09.2020) न्यायालय को यह भी बताया कि धारा 175 (v) हरियाणा पंचायत राज अधिनियम 1994 ऐसे सदस्य जिसके पास मान्यता प्राप्त बोर्ड से दसवीं पास नहीं है तो उसको धारा 177 के द्वारा अयोग्य क़रार दिया जा सकता है
पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय तथ्यों की गंभीरता को देखते हुए यह आदेश दिया है कि 42 दिन के अंदर डायरेक्टर पंचायत सदस्य/पार्षद को नोटिस देते हुए उनके के ख़िलाफ़ धारा 177 के तहत अपनी कार्रवाई करे ।
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