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जानलेवा बीमारियों से बचाव के लिए नियमित टीकाकरण जरूरी : एसडीएम अश्वनी कुमार

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जानलेवा बीमारियों से बचाव के लिए नियमित टीकाकरण जरूरी : एसडीएम अश्वनी कुमार

पहली जनवरी से मिल रही है बच्चों को एफआईपीवी की तीसरी खुराक

यूनुस अलवी

मेवात: 

एसडीएम अश्वनी कुमार ने कहा कि जानलेवा बीमारियों से बचाव के लिए सभी बच्चों को नियमित रूप से टीके लगवाना जरूरी है। उन्होंने बताया कि खसरा, टिटनस, पोलियो, क्षय रोग, गलघोटू काली खांसी और हेपेटाइटिस बी जैसे रोगों से बचाव रखना अनिवार्य है, जिसके चलते चिकित्सकों की देखरेख में समय पर टीकाकरण प्रक्रिया को पूरा किया जाए। कुछ टीके गर्भवती महिलाओं को भी लगाए जाते हैं। जिससे उन्हें व होने वाले शिशु को गंभीर बीमारियों से बचाया जा सके।
एसडीएम अश्वनी कुमार की अध्यक्षता में सोमवार को लघु सचिवालय में जिला टास्क फोर्स की बैठक का आयोजन किया गया।


एसडीएम ने कहा कि नवजात के स्वस्थ शरीर निर्माण के लिए उचित देखभाल बेहद जरूरी है। इसे सुनिश्चित करने के लिए सबसे बड़ा योगदान मां का होता है। इसमें थोड़ी सी लापरवाही बड़ी परेशानी का कारण बन जाती है और नवजात बार-बार बीमार होने लगता है। टीकाकरण से बच्चों के शरीर के अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है जिससे वे विभिन्न प्रकार की बीमारियो से सुरक्षित होते है। बच्चों के नियमित टीकाकरण से वे जल्दी किसी भी बीमारी की चपेट में नहीं आते। समय पर टीकाकरण ना कराने वाले बच्चों के बीमार होने का खतरा अधिक होता है।
एसडीएम ने नायब तहसीलदार रवि कुमार को निर्देश देते हुए कहा कि अपने स्तर पर सभी धर्म गुरुओं के साथ बैठक करें और वैक्सीनेशन अभियान में जिले के लोगों को जागरूक करें जैसे कि ज्यादा से ज्यादा लोग अपने बच्चों को खसरा रूबेला का टीकाकरण करा सके।
उन्होंने कहा कि खसरा एक जानलेवा बीमारी है जिससे बच्चों में बुखार उल्टी दस्त काला पीलिया सहित अन्य कई प्रकार की जानलेवा बीमारियां होती हैं। उन्होंने जिले के लोगों से आह्वान किया है कि किसी के बहकावे में आने की कोई जरूरत नहीं है यह प्रदेश सरकार की ओर से निशुल्क टीकाकरण किया जा रहा है।
बैठक में एसएमओ ने कहा कि जन्म के बाद नवजात की रोग प्रतिरोधक क्षमता समेत अन्य देखभाल के साथ साथ नियमित टीकाकरण जरूरी है। नियमित टीकाकरण के तहत जिले में प्रत्येक बच्चे को टीकाकरण करना ही हम सब का लक्ष्य है। इसी क्रम में नियमित टीकाकरण अभियान के तहत 1 जनवरी 2023 से बच्चों को एफआईपीवी की तीसरी खुराक देने की शुरूआत की गई है। इसके लिए सभी संस्था प्रभारियों के अलावा जिले के सभी स्वास्थ्य वर्करों (एएनएम,एमपीएचडब्लयू मेल व फीमेल,आशा वर्कर और आंगनवाडी वर्करस को ट्रेनिंग दी जा चुकी है।

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