–चढूनी बोले- बिखर गया संयुक्त मोर्चा, सीएम के साथ बैठक ढकोसला
– किसानों ने दिया एक दिन का अल्टीमेटम 25 से प्रदर्शन और 26 को जलाएंगे गन्ने की होली
– गन्ने का मूल्य बढ़वाने को सरकार से आर-पार की लड़ाई के मूड में किसान
–चीनी मिलें लगातार रखी जाएंगी बंद
ख़बर हक़
कुरुक्षेत्र ।
गन्ने का मूल्य बढ़ाने की मांग को लेकर अब किसानों ने प्रदेश सरकार से आर-पार की लड़ाई का मन बना लिया है। पंजाब के बराबर गन्ने का मूल्य करने की मांग कर रहे किसानों ने सरकार को एक दिन का अल्टीमेटम दिया है। इसके बाद चीनी मिलों के बाहर गन्ने की होली जलाई जाएगी तो गोहाना में होने वाली केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की रैली में अर्धनग्न होकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
गन्ने का मूल्य बढ़ाने की मांग को लेकर सोमवार को कुरुक्षेत्र की सैनी धर्मशाला में किसान संगठनों की बैठक हुई। इसमें मांग व आंदोलन को लेकर रणनीति बनाने पर दो घंटे तक मंथन किया गया। बैठक में भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) और प्रदेशभर की 14 चीनी मिलों की गन्ना संघर्ष समिति के पांच-पांच प्रतिनिधि शामिल हुए। हाथ खड़े कर सर्वसम्मति से आंदोलन को लेकर फैसले लिए गए। बैठक के बाद भाकियू नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने बताया कि सरकार को एक दिन का अल्टीमेटम दिया गया है। 25 जनवरी से कड़े रूप में आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा। पहले दिन किसान गन्ना लेकर चीनी मिलों पर पहुंचेंगे और वहां से ट्रैक्टरों पर मुख्यमंत्री के पुतले रखकर साथ लगते शहरों रोष मार्च निकाला जाएगा। बाद में चीनी मिलों के बाहर पुतले जलाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि गोहाना में होने वाली केंद्रीय गृह मंत्री की रैली में प्रदेश भर से अधिक से अधिक संख्या में किसान पहुंचेंगे। इसके लिए गांव-गांव अभियान चलाया जाएगा। जब गृह मंत्री संबोधन शुरू करेंगे तो ये किसान अर्धनग्न होकर अपने कपड़े हवा में लहराकर विरोध जताएंगे। चढूनी ने कहा कि इसके बाद भी सरकार ने गन्ने का मूल्य नहीं बढ़ाया तो 30 जनवरी को बैठक कर अगली रणनीति बनाई जाएगी।
चढूनी ने कहा कि आंदोलन के दौरान चीनी मिलों को लगातार बंद रखा जाएगा। किसानों का छिलाई किया गया गन्ना न सूखे, इसके लिए 17 जनवरी को ही छिलाई बंद कर दी गई थी।
समीक्षा समिति दस दिन में देगी रिपोर्ट : जेपी दलाल
गन्ना मूल्य समीक्षा समिति दस दिन में अपनी रिपोर्ट प्रदेश सरकार को सौंप देगी। कृषि मंत्री जेपी दलाल की अध्यक्षता वाली यह समिति दस दिन में दो और बैठकें करेगी। इसके बाद समीक्षा में जो भी सामने आएगा उसकी सिफारिशें सरकार से करेगी। इनमें चीनी मिलों को घाटे से उबारने से लेकर गन्ने के मूल्य तक के सुझाव शामिल होंगे। कमेटी की रिपोर्ट के बाद ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल इस
पर अंतिम निर्णय लेंगे। समिति में कृषि विशेषज्ञ और शुगरफेड के अधिकारी भी शामिल हैं। समिति की एक बैठक हो चुकी है, लेकिन उसमें कोई निर्णय नहीं लिया जा सका। कृषि मंत्री ने किसानों से अपील है कि वह पहले मिलों से ताले खोलें और पेराई शुरू होने दें। मिल बंद करने से किसानों को ही नुकसान है। दलाल का कहना है कि गन्ने का मूल्य बढ़ाने को लेकर कुछ लोग राजनीति कर रहे हैं और किसानों को इसका भुगतान करना पड़ रहा है। किसानों को चाहिए वह राजनीति करने वालों से बचें।
चढूनी बोले- बिखर गया संयुक्त मोर्चा, सीएम के साथ बैठक ढकोसला
गुरनाम सिंह चढूनी ने दावा किया कि संयुक्त किसान मोर्चा बिखर चुका है। इसमें अब आरएसएस व सरकार के लोग ही बचे हैं। रविवार को गन्ने का मूल्य बढ़ाने को लेकर मुख्यमंत्री के साथ की गई बैठक भी सिर्फ ढकोसला थी। इस बैठक के लिए उन्हें कोई संदेश तक नहीं दिया गया। यहां तक कि प्रदेश की मिलों में बनी गन्ना संघर्ष समिति के भी किसी पदाधिकारी को आमंत्रित नहीं किया गया।
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