मां बोलीं- हमें मृत्युदंड की उम्मीद थी
सामूहिक दुष्कर्म के दोषियों को उम्रकैद : पिता ने कहा- बच्ची की पढ़ाई छूटी, हर वक्त सहमी रहती है
ख़बर हक़
गाजियाबाद।
सामूहिक दुष्कर्म के दोनों दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के बाद 12 वर्षीय बच्ची की मां ने कहा कि उन्हें दोषी युवकों को फांसी की सजा मिलने की उम्मीद थी। इसके लिए ही प्रार्थना की थी। हमारी फूल की बच्ची का जीवन बर्बाद हो गया है। यह पत्थर सी हो गई है। जो उसकी हालत देखता है। और उसकी आपबीती सुनता है, उसके आंसू निकल आते हैं।
उन्होंने बताया कि वह सिर्फ इसलिए कोर्ट नहीं गई क्योंकि डर था कि फैसला सुनकर बच्ची को कोई घबराहट न हो जाए उसे संभालना जरूरी था। वह पूछ रही थी कि कोर्ट में आज क्या होगा? उन्हें तसल्ली है कि फैसला आने में बहुत देरी नहीं हुई। विशेष लोक अभियोजक हरीश कुमार ने पैरवी में कोई कमी नहीं की। बच्ची के पिता ने कहा, दरिंदों को सजा तो मिल गई लेकिन बच्ची का जीवन तो बर्बाद ही हो गया। उसका बचपन कैसे लौट सकता है? वह सातवीं कक्षा में पढ़ती थी। बच्चे को जन्म देने बाद से स्कूल नहीं गई। उसकी पढ़ाई छूट चुकी है। हर वक्त सहमी रहती है।
दुष्कर्म में सहयोग के लिए बच्ची की 16 साल की सहेली पकड़ी गई थी
खोड़ा निवासी दोनों युवक व बच्ची का परिवार के मकान एक ही परिसर में है। बच्ची के माता-पिता मजदूर हैं। उनके मजदूरी पर जाने के बाद बच्ची को अकेला देख दोनों युवकों ने 15 जनवरी यह था मामला 2022 को दुष्कर्म किया। इसके बाद धमकी देकर उसे अपनी हवस का शिकार बनाते रहे। बच्ची के गर्भवती हो जाने के आठ महीने बाद उसके परिजनों का पता चला, तब एफआईआर दर्ज कराई गई थी। जांच में पता चला कि पड़ोसी दो भाइयों के बाद एक दुकानदार ने भी दुष्कर्म किया। उसे भी जेल भेजा गया। दुष्कर्म में सहयोग के लिए बच्ची की 16 साल की सहेली पकड़ी गई। उसे बाल सुधार गृह भेजा गया।
यह समस्त सभ्य समाज के विरुद्ध अपराध
अधिवक्ता ने कहा यह कृत्य के सर्वोच्च सम्मान व मर्यादा समस्त सभ्य समाज के पर कठोर आघात है
सजा सुनाए जाने से पहले अभियोजन पक्ष की ओर से अधिवक्ता ने कहा, दोनों अभियुक्तों ने उस बच्ची के साथ दुष्कर्म किया जिसकी उम्र महज 11 साल चार माह और विरुद्ध अपराध है और महिलाओं के सर्वोच्च सम्मान व मर्यादा पर कठोर आघात है। ऐसे अभियुक्त को मृत्युदंड से दंडित किया जाए जिससे इस प्रकार के अपराध की पुनरावृत्ति समाज में न हो। बचाव पक्ष के वकील ने दलील रखी कि दोनों अभियुक्तों का यह पहला अपराध है। दोनों छात्र हैं और उम्र 19 व 21 साल है। अगर दोनों को मृत्युदंड दिया गया तो उनके परिवार में माता-पिता की देखभाल करने वाला कोई नहीं बचेगा। इस आधार पर दोनों को कम से कम सजा से दंडित किया जाए।
दुष्कर्म के तीसरे आरोपी दुकानदार ने सोमवार को अदालत में जमानत अर्जी दाखिल की।
अदालत ने सुनवाई के लिए तीन फरवरी की तारीख लगाई है, जबकि मुकदमे में नियमित सुनवाई के लिए 25 जनवरी तारीख लगी है।
अनाथालय में पल रहा है बच्चा
मेरठ मेडिकल कॉलेज में बेटा पैदा होने के बाद बच्ची के परिजनों ने उसे स्वीकार करने से इन्कार कर दिया था। बच्चा पैदा होने के बाद मां ने उसकी तरफ देखा भी नहीं था। मेरठ से आने के बाद प्रशासन की देखरेख में बच्चा अनाथालय में पल रहा है।
■ बच्ची के माता-पिता ने कहा, हमें डर रहता है कि उस पर है कोई हमला न कर दे। दोषी पाए गए युवकों के परिजन समझौते के लिए दबाव बनाते हैं। वे जान से मारने की धमकी दे चुके हैं। इसकी शिकायत खोड़ा थाना में दर्ज कराएंगे।
No Comment.