जिला परिषद नूंह की संरचना के बिना पहली साधारण मीटिंग पर लटकी तलवार,
-बैठक में पार्षदों में होना है, सात करोड़ रुपया का वितरण,
-बैठक होगी या नहीं उच्च न्यायालय आज (बुधवार) करेगा सुनवाई
Younus Alvi
Chandigarh, 14 January
जिला परिषद नूंह की संरचना के बिना आगामी 16 फरवरी को होने वाली पहली साधारण बैठक को गैरकानूनी बताते हुऐ जिला पार्षद यहुदा खान ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय एक याचिका दायर की है। जिसपर न्यायालय 15 फरवरी बुधवार को सुनवाई करेगा। उसके बाद ही पता लग सकेगा कि 16 फरवरी को जिला परिषद नूंह की बेठक होगी या नहीं। इस बैठक में पार्षदों में करीब सात करोड़ 21 लाख रुपया का वितरण होना है। यहूदा खान ने मोहम्मद अरषद एडवोकेट के माध्यम से ये याचिका दायर की है।
हरियाणा पंचायती राज अधिनियम, 1994 के अनुसार प्रत्येक जिला परिषद की संरचना में एक जिले के वार्डों से सीधे चुने गए सदस्य, जिले के भीतर सभी पंचायत समितियों के अध्यक्ष, पदेन सदस्य, लोक सभा के सदस्य, हरियाणा विधान सभा के सदस्य शामिल होते हैं। जिसमें एक अध्यक्ष और उपाध्यक्ष जो जिला परिषद के निर्वाचित सदस्यों द्वारा चुने जाते हैं। अधिनियम की धारा 121 के अनुसार, धारा 117 के तहत जिला परिषद के गठन पर, अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव के लिए पहली बैठक निर्धारित प्राधिकारी द्वारा निर्धारित तरीके से और उसके निर्वाचित सदस्यों में से बुलाई जाती है जोकि हरियाणा सरकार ने ऐसा न करते हुए केवल अध्यक्ष का चुनाव ही कराया है। जिससे धारा 118 का सीधा सीधा उल्लंघन है, क्यों की जिला परिषद संरचना तब पूरी होती है जब अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष का चुनाव एक ही दिन में कराया जाए अन्यथा साधारण बैठक का होना गैरकानूनी माना जाएगा।
याचिकाकर्ता यहूदा ने अधिवक्ता मोहम्मद अरशद के माध्यम से डाली गई याचिका में यह दर्शाया है कि जिला परिषद नूंह की संरचना होना बाकी है, जिसके चलते साधारण बैठक नहीं की जा सकती। याचिका में यह भी दर्शाया है कि पहली बैठक में केवल अध्यक्ष का चुनाव हुआ था जो एक गैर कानूनी प्रकिया थी क्यों की धारा 121 के अनुसार दोनों यानी अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष का चुनाव होना जरूरी था लेकिन सरकार ने उपाध्यक्ष का चुनाव नहीं कराया जिसके चलते पिछली सारी प्रक्रियाओं पर भी असर पड़ेगा, अब इस याचिका पर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय बुधवार यानि 15 फरवरी को सुनवाई करेगा।
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