16 फरवरी को नूंह जिला परिषद की होने वाली बैठक पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक।
-वाइस चेयरमैन का चुनाव होने तक नहीं हो सकेगी जिला परिषद नूंह की बैठक
-जिला पार्षद यहूदा खान की याचिका पर हाई कोर्ट ने सुनाया फैसला
-पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने लगाई रोक
-सरकार ने अदालत मंे माना वाइस चेयरमैन न बनाने की हुई गलती
Younus Alvi
Mewat
जिला पार्षद यहूदा खान की याचिका पर बुधवार को सुनवाई करते हुए पंजाब एंव हरियाणा हाईकोर्ट ने 16 फरवरी को नूंह जिला परिषद की होने वाली बैठक पर रोक लगा दी है। जिला परिषद का वाइस चेयरमैन का चुनाव होने तक जिला परिषद नूंह की बैठक नहीं हो सकेगी। वहीं चेयरमैन के साथ वाइस चेयरमैन ने का चुनाव न कराने को लेकर सरकार ने अपनी गलती मानी है। वाइस चेयरमैन का चुनाव होने तक मीटिंग न करने का अदालत को आश्वासन दिया है। जिला पार्षद यहूदा खान की याचिका पर हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट के फैसले से प्रषासन और जिला पार्षदों में खलबली मच गई है। दूसरी और नूंह जिला परिषद प्रषासन ने 16 फरवरी को होने वाली बैठक रद्द होने की सूचना भी जिला पार्षद और अधिकारियों को भेज दी है।
आपको बता दें की जिला परिषद नूंह की संरचना के बिना 16 फरवरी को होने वाली पहली साधारण बैठक को गैरकानूनी बताते हुऐ जिला पार्षद यहुदा खान ने मोहम्मद अरषद एडवोकेट के माध्यम से पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय एक याचिका दायर की थी। जिसपर न्यायालय ने बुधवार को सुनवाई करते हुए जिला परिषद नूंह के वाइस चेयरमैन का चुनाव होने तक बैठक को स्थगित कर दिया गया है। इस बैठक में पार्षदों में करीब सात करोड़ 21 लाख रुपया गांवो के विकास कार्यों पर वितरण होना था।
यहूदा खान ने बताया कि उनके अधिवक्ता के माध्यम से हाईकोर्ट में डाली याचिका में कहा गया कि हरियाणा पंचायती राज अधिनियम, 1994 के अनुसार प्रत्येक जिला परिषद की संरचना में एक जिले के वार्डों से सीधे चुने गए सदस्य, जिले के भीतर सभी पंचायत समितियों के अध्यक्ष, पदेन सदस्य, लोक सभा के सदस्य, हरियाणा विधान सभा के सदस्य शामिल होते हैं। जिसमें एक अध्यक्ष और उपाध्यक्ष जो जिला परिषद के निर्वाचित सदस्यों द्वारा चुने जाते हैं। अधिनियम की धारा 121 के अनुसार, धारा 117 के तहत जिला परिषद के गठन पर, अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव के लिए पहली बैठक निर्धारित प्राधिकारी द्वारा निर्धारित तरीके से और उसके निर्वाचित सदस्यों में से बुलाई जाती है जोकि हरियाणा सरकार ने ऐसा न करते हुए केवल अध्यक्ष का चुनाव ही कराया है। जिससे धारा 118 का सीधा सीधा उल्लंघन है।
याचिकाकर्ता यहूदा खान ने बताया कि सरकार ने भी अदालत में अपनी गलती मान ली है। सरकार ने वाइस चेयरमैन का चुनाव होने तक मीटिंग ने करने का अदालत को आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा जिला परिषद नूंह द्वारा किए जाने वाले किसी भी गैर कानूनी कार्य का वह विरोध जताते रहेंगे। वह न खाएंगे और ना खाने देंगे।
वार्ड 18से जिला पार्षद फजरुद्दीन ने बताया कि 16 फरवरी को जिला परिषद नूंह की पहली बैठक होनी थी लेकिन आज ही उन्हें 16 फरवरी की बैठक रद्द होने की सूचना मिली है अगली मीटिंग कब होगी इसके बारे में अभी नहीं बताया गया है उन्होंने कहा कि वह पहली बार जिला पार्षद बनकर आए हैं उन्हें उम्मीद है कि जल्दी से जल्दी अपने वार्ड के गांव का विकास कराना शुरू किया जाए लेकिन पहले ही मीटिंग रद्द होने से उन्हें मायूसी हुई है।
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