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*कौन थे शहीद हसन खां मेवाती, जाने उनका पूरा इतिहास 15 मार्च को उनका 497 वां शहीदी दिवस मनाया गया।

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*कौन थे शहीद हसन खां मेवाती, जाने उनका पूरा इतिहास

15 मार्च को उनका 497 वां शहीदी दिवस मनाया गया।

(यूनुस अलवी मेवात)

        मेवात क्षेत्र की प्रसिद्धि और सम्मान का एक बहुत कारण शहीद राजा हसन खान मेवाती (मेवात के राजा) हैं।राजा हसन खान मेवाती राजा नाहर की सातवीं पीढ़ी में हैं, जिनका राज्य रेवाड़ी से आगरा और दिल्ली से अलवर तक था, 1526 ईसवी मैं हिंदुस्तान में मुगलिया सल्तनत के बानी जहीरूद्दीन बाबर में पानीपत के मैदान में इब्राहिम लोदी को हरा दिया.

इस मौके पर राजा हसन खान मेवाती के पिता शहीद हो गए और उनके बेटे नाहर को गिरफ्तार कर लिया गया।

मुगल शाह ज़हीर-उद-दीन बाबर, दिल्ली से आगरा के रास्ते सीकरी पहुंचा और फिर अलवर को जीतने की योजना बनाई।

 

चूंकि लोधी सेना मेवाड़ के राजा राणा सांगा के साथ मिल गई थी, इसलिए बाबर का पहला उद्देश्य इस डर को दूर करना था। और जोड़ तोड़ की सियासत शुरू की और राजा हसन खान मेवाती को भी खूब सारे लालच दिए.

प्रलोभन देकर उनके पुत्र को भी शाही पोशाक पहनाकर बरी कर दिया , लेकिन राजा हसन खान मेवाती ने युद्ध को अंतिम निर्णय बताया, युद्ध अलवर के करीब खानवा के मैदान में हुआ, राणा सांगा और दूसरे राजाओं ने राणा सांगा के नेतृत्व मैं एकजुट होकर बाबर का मुकाबला किया , युद्ध के दरमियान दूसरे राजा तो बाबर के तोप के हमले को होता देख मैदान छोड़ गए लेकिन राजा हसन खान मेवाती ने उसी मैदान में अपनी बारह हजार सेना के साथ 15 मार्च, 1527 को खानवा के मैदान को अपने खून से आबाद कर दिया।

हालांकि इस दिन मेवात की गतिशील एवं सक्रिय बौद्धिक संस्था मेवात विकास सभा वर्षों से इस दिन को मनाती आ रही है इस बार शहीद हसन खान मेवाती नलहटी कॉलेज और मेवात विकास सभा के संयुक्त प्रयास यह प्रोग्राम आयोजित हुआ,

मुझे भी निमंत्रण प्राप्त हुआ है, कॉलेज के ऑडिटोरियम में ही आयोजित क्या गया!

मेवात के उपायुक्त श्री अजय यादव ने कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की.

प्रोग्राम शुरू हुआ रमजान चौधरी साहब ने नल्हड़ कॉलेज के लिए की गई सभा की कोशिशों से सब को अवगत कराया!

 

श्री सिद्दीक़ मेव( संरक्षक मेवात विकास सभा) ने शहीद हसन खां मेवाती के जीवन व शहादत पर प्रकाश डाला।

जाने-माने समाजसेवी हमारे दादा उमर मुहम्मद पाडला ने सभा के किरदार को स्पष्ट किया के सभा प्रशासन की है विरोधी नहीं यह एक दबाव समूह मददगार है जो मेवात की समस्याओं पर जिला प्रशासन के सामने आवश्यक चर्चा और विरोध जताता है, और जिले में शांति व्यवस्था बनाए रखने में प्रशासन की मदद भी करता है।

 

लेकिन कार्यक्रम के असली चरित्र जनाब सलामुद्दीन एडवोकेट नोटकी थे, उन्होंने बुद्धिमानी से सभा में शाखा और मान्यता की लाज रखी, उन्होंने प्यार भरे लहजे में अपनी बात की।। प्रथम पहले “राजा” को शहीद हसन खां मेवाती कॉलेज के नाम में जोड़ा जाना चाहिए सिर्फ हसन खां नाम का प्रभाव काफी नहीं है, इसी तरह कॉलेज परिसर में राजा हसन खां की एक प्रतिमा स्थापित की जाए, शहीद हसन खां मेवाती पर लिखी गई सभी पुस्तकें कॉलेज के पुस्तकालय में जमा की जाएं। और इस शहीदी दिवस को पूरे उत्साह के साथ कॉलेज में हर साल मनाया जाए क्योंकि यह शायद पहली बार यहाँ कार्यक्रम आयोजित किया गया है!

 

इसी प्रकार चिकित्सा महाविद्यालय में भी एक समिति गठित की जाय जिसमें यदि सम्भव हो तो सभा के सदस्य भी चुने जायें और फिर पूरी सूझ-बूझ के साथ आवश्यक कदम उठायें एवं सुविधायें उपलब्ध कराने की रणनीति बनाई जाए!

इस प्रकार उक्त अधिवक्ता ने पूरे विश्वास के साथ डीसी अजय कुमार के समक्ष अपनी बात रखी।

 

बाद में, सभा द्वारा प्रतिवर्ष दो पुरस्कार प्रदान किए जाते रहे हैं, पहला मेवात रतन स्वर्गीय सालेह खान (मेवात विकास सभा के संस्थापक) और मेवात गौरव मेवात के युवा शहबाज़ खान (भारतीय खिलाड़ी) को दिया गया, और दोनों पुरस्कार उनके घर के सदस्यों ने प्राप्त किए। के परिवार।

अंत में युवा डीसी अजय कुमार ने पूरे कार्यक्रम का सारांश दिया,

उन्होंने बहुत सारे की और अकल मंदी से पूरे प्रोग्राम का खुलासा पेश किया और हर वक्ता के वक्त पर अपनी मुनासिब टिप्पणी पेश की।

मेवात के विकास के लिए बनाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी और सिर्फ एक महीने पहले मेवात विकास सभा के जरिए लाई गई दस मांगों की सराहना की.

जिसमें नुह अलवर राजमार्ग का विस्तार, मेडिकल कॉलेज और विश्वविद्यालय के सुधार जैसी परियोजनाएं शामिल थीं।

उन्होंने जिले की तरक्की के लिए चल रहे अन्य कार्यों पर भी प्रकाश डाला.

 

उन्होंने मेवात के उलमा का खास तौर से शुक्रिया अदा किया के यह लोग हर मौके पर बहुत ज्यादा मददगार साबित होते हैं गौरतलब है कि सभा में सिर्फ एक दो आलिम मौजूद थे!

 

मेवात विकास सभा के इस प्रयास को देखते हुए और बिना किसी लाग लपेट शालीनता से डीसी तक अपना संदेश पहुंचाना स्वागत योग्य और प्रशंसनीय है!

मुझे उनका यह अंदाज़ निजी तौर पर बेहद पसंद आया.

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opied Mufti Tarif Salim Sahab

*✍️मोहम्मद तारीफ सलीम नदवी*

15-03-2023 बुधवार

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