नवीकरणीय ऊर्जा को लेकर मेवात इंजीनियरिंग कॉलेज में आयोजित की गई दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस
-कांफ्रेंस में देश विदेश के महान रिसर्चर्स ने अपने विचार साझा किए – कांफ्रेंस में मलेशिया, जापान, दिल्ली और स्पेन के महान रिसर्चर्स मौजूद रहे
फोटो- मेवात इंजीनियरिंग कॉलेज में आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस में मौजूद
Younus Alvi
Nuh/mewat
नवीकरणीय ऊर्जा को लेकर मेवात इंजीनियरिंग कॉलेज पल्ला में दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस का बुधवार को समापन हो गया। कांफ्रेंस के आयोजन की शुरुआत मंगलवार को की गई थी, जिसमें भविष्य में रिन्यूएबल एनर्जी पावर के महत्त्व एवं इसके उत्पादन पर दुनिया भर के महान वैज्ञानिकों/प्रोफेसर द्वारा विस्तार से चर्चा की गई। नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत जैसे कोयला, पेट्रोलियम पदार्थ इत्यादि पर निर्भरता एवं उनके भविष्य में समाप्ति को ध्यान में रखते हुए भविष्य में नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत जैसे सौर ऊर्जा, पवन, जिओथर्मल, ज्वारीय एवं बायोमास ऊर्जा के संसाधनों के विकास एवं इससे ऊर्जा उपलब्धता पर विस्तार पूर्वक मंथन किया गया।
दो दिवसीय कांफ्रेंस के दौरान देश विदेश के महान रिसर्चर्स ने अपने विचार साझा किए जिनमे मलेशिया से प्रो. रुमजी, जापान से डॉ ताहा सेलिम उस्तुन, आईआईटी दिल्ली से प्रो. सुकुमार मिश्रा, डॉ डी पी कोठारी (पूर्व निदेशक आईआईटी दिल्ली), प्रो. डी के पनिग्राही एवं स्पेन से प्रो. फेस्तो पेद्रो मुख्य रूप से उपस्थित रहे। स्प्रिंगर द्वारा प्रायोजित इस कांफ्रेंस का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन डॉ शाहीन खान की देखरेख में किया गया। जिसमें डॉ शमशाद अली एवं डॉ जुनैद खान ने भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।
मेवात इंजीनियरिंग कॉलेज के निदेशक डॉ. के. एम. रफी के कुशल निर्देशन में मेवात इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों के लिए लगातार इस प्रकार की कांफ्रेंस का नियमित अंतराल पर आयोजन यह दर्शाता है कि इस अभियांत्रिकी महाविद्यालय के छात्र भविष्य में नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों को स्थापित करने में और उनसे ऊर्जा उत्पादन कर इस देश की तरक्की में अपनी अग्रणी भूमिका निभाएं। कांफ्रेंस के सफलतापूर्वक आयोजन में गुरुग्राम विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रो. दिनेश कुमार, हरियाणा वक्फ बोर्ड के प्रशासक चै जाकिर हुसैन (पूर्व विधायक) एवं बोर्ड के सीईओ मोहम्मद शाईन (आईएएस) का अग्रणी योगदान रहा।
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