इम्पेक्ट खबर हक़
-नूंह जिले के 672 अध्यापकों की सेवाएं अगले आदेष तक बढ़ी
-150 नियमित और 522 अतिथि शिक्षक षामिल है।
-31 मार्च को प्रतिनियुक्ति खत्म होने वाली थी
यूनुस अलवी
मेवात
नूंह जिला में अध्यापकों की कमी जिले में 150 नियमित और 522 अतिथि शिक्षकों की 31 मार्च तक की गई प्रति नियुक्ति की सेवाएं विभाग ने आगामी आदेष तक बढ़ा दी है। जिससे मेवात के लोगों ने राहत की सांस ली है। सहायक निदेशक मौलिक शिक्षा विभाग हरियाणा द्वारा प्रदेष के पंचकूला, मेवात के जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को भेजे पत्र में कहा गया है कि मेवात और मोरनी ब्लोक पंचकूला में अध्यापकों की कमी को लेकर रिक्त पदों को भरने के लिए अन्य जिलों से प्रतिनियुक्ति पर भेजे गए पीआरओ, पीजीटी और टीजीटी अध्यापकों की प्रतिनियुक्ति 31 मार्च को समाप्त होने थी। अब उनको आगामी आदेश तक रिलीव नहीं किया जाऐ।
हरियाणा अतिथि अध्यापक संघ के प्रदेष प्रवक्ता एंव नूंह जिला अध्यक्ष संतोष यादव का कहना है कि पिछले साल नए सत्र से जिला नूंह में शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए हरियाणा सरकार ने अपनी इच्छा से जिला नूंह और पलवल के हथीन ब्लॉक और पंचकूला के मोरनी ब्लोक में अपनी इच्छा से जाने वाले अध्यापकों के लिए 10 हजार रुपए अतिरिक्त वेतन का प्रावधान किया था। सरकार के इस कदम से जिला नूंह में 672 पोस्ट फुलफिल हो गई थी। जिनमें 150 नियमित और 522 अतिथि शिक्षक शामिल है।
उन्होने बताया कि सरकार ने यह प्रतिनियुक्त नियमित नहीं बल्कि 31 मार्च तक की थी। 30 मार्च तक इस बारे में विभाग के कोई आदेश ने आने के चलते अमर उजाला अखबार और खबर हक वेबपोर्टल ने इसे प्रमुखता से उठाया था। उसके बाद निदेशक मौलिक शिक्षा विभाग हरियाणा हरकत में आया और उन्होंने सभी अध्यापकों को आगामी आदेश तक रिलीव ने करने बारे जिला मौलिक षिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर अवगत करा दिया है। जिससे मेवात में अध्यापकों की कमी से जूझना नहीं पडेगा।
सतीश यादव ने सरकार के इस आदेश की प्रशंसा करते हुए कहा कि समय रहते यह आदेश दिया है। जिससे बच्चों की शिक्षा प्रभावित नहीं होगी। उन्होंने कहा कि नूंह जिला में सैकड़ों अतिथि अध्यापक हैं जो काफी समय से मेवात में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उन्होने कहा कि वह रेवाड़ी जिले से है। पिछले 17 साल से बतौर अतिथि अध्यापक मेवात में सेवाएं दे रहा है। उन्होने सरकार से मांग की है कि मेवात में जो अध्यापक दूसरे जिलों से सेवाएं दे रहे हैं उन्हें भी 10 से 15 हजार रूपये प्रति माह अगल से भत्ता दिया जाऐ।
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