मेवात में धड़ल्ले से चल रहे हैं फर्जी मेडिकल स्टोर और अस्पताल
-स्वास्थ्य विभाग एक दर्जन पर कर चुका है कार्रवाई
यूनुस अलवी
मेवात
नूंह जिला में इन दिनों सैकड़ों मेडिकल स्टोर, क्लिनिक और अस्पताल फर्जी चलाए जा रहे हैं। नूंह, तावडू, फिरोजपुर झिरका, पिनगवां, नगीना और पुन्हाना में इन दिनों फर्जी मेडिकल स्टोरों की भरमार है। अधिकतर मेडिकल स्टोर संचालकों के पास जहां दवाइयां बेचने के पास प्रमाण पत्र तक नहीं है वहीं बिना डिग्री के दर्जनों लोगों ने अस्पताल और क्लिनिक खोल रखे हैं। समय-समय पर सीएम फलाइंग और स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने कार्रवाई की और मुकदमा भी दर्ज कराए उसके बावजूद भी ये अस्पताल, क्लिनिक और मेडिकल बिना किसी भय के दुबारा से चलने लगते है।
मेवात विभाग के अनुसार जिले में रजिस्टर्ड मेडिकल स्टोरों की संख्या करीब 400 है जबकि जिले में लगभग 600 से अधिक मेडिकल स्टोर चल रहे हैं। इतना ही नहीं गांवों में भी लोगों ने बिना लाइसेंस के मेडिकल स्टोर खोल लिए और वो लोगों से अपनी मनमर्जी के मुताबिक दवाइयों के रेट वसूल रहे हैं। दर्जनों लोगों ने दवाइयां बेचने का अपना प्रमाण पत्र दूसरों को किराये पर दिया हुआ है। ऐसे में इस लाइसेंस से अनुभवहीन व कम पढ़े लिखे लोग भी धड़ल्ले से दवाईयां बेचकर विभाग के नियमों का मखौल उड़ा रहे हैं तथा लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। विभाग ऐसे लोगों पर कार्रवाई तो करता है लेकिन कार्रवाई की सूचना मिलने से पहले वह अपने स्टोरों को बंद कर फरार हो जाते हैं। फर्जी मेडिकल स्टोरों पर संबंधित अधिकारी चेकिंग की बात करते जरूर हैं लेकिन उनकी चेकिंग कब और कहां होती है उसके बारे में किसी को भनक नहीं लगती। इतना ही नहीं काफी समय से मेवात के ड्रग इंस्पेक्टर का पद खाली पडा हुआ है जिसका फिलहाल गुरुग्राम के ड्रग इंस्पेक्टर को चार्ज दिया हुआ है।
लोगों का आरोप है कि अब से मेडिकल स्टोर संचालक दवाईयों के साथ-साथ प्रतिबंधित दवाइयां और नशे के इंजेक्शन, सिरप और गोलियां खुलेआम बेचते हैं। मोटा कमाई के चक्कर में जिले में फर्जी मेडिकल स्टोरों की भरमार है और आए दिन नए-नए मेडिकल स्टोर खुल रहे हैं।
मेडिकल स्टोरी ही नहीं बल्कि जिले में फर्जी क्लीनिक और अस्पतालों की भरमार है। इन अधिक्तर अस्पताल संचालकों के पास कोई डिग्री होल्डर डॉक्टर नहीं होने के बावजूद भी ये लोगों का खुले में ऑपरेशन करते है। वैसे स्वास्थ्य विभाग ने कुछ मेडिकल स्टोर और अस्पतालों के खिलाफ मुकदमा तो दर्ज कराए है लेकिन उसके बावजूद भी वे धडल्ले से आज भी चल रहे है। इनको मुकदमा दर्ज होने से भी डर नहीं लगता है।
क्या कहते हैं ड्रग इंस्पेक्टर
ड्रग इंस्पेक्टर अमन दीप सिंह चौहान का कहना है कि उनके पास मेवात का चार्ज है। यहां समय-समय पर छापेमारी की जाती है। पिछले कुछ महीनों में 6 से अधिक मेडिकल स्टोर संचालकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जा चुका है। ये छापारी आगे भी जारी रहेगी। उन्होने लोगों ने आहवान करते हुए कहा कि अगर कोई बिना लाइसेंस के मेडिकल स्टोरी चलाता है तो वे इसकी सूचना दे सकते हैं।
क्या कहते हैं सिविल सर्जन
मेवात सिविल सर्जन डॉक्टर सर्वजीत थापर का कहना है कि मेवात में फर्जी क्लिनिक और अस्पतालों के खिलाफ समय-समय पर छापेमारी की जाती है। जिसमें एक दर्जन से अधिक अस्पताल संचालकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है और ये अभियान आगे भी जारी रहेगा।
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