जल बचाव की दिशा में कृषि विभाग की मुहिम : उपायुक्त प्रशांत पंवार
–धान के स्थान पर कपास, दलहनी, तिलहनी व सब्जियों की फसलों का करें उत्पादन
–मेरी फसल-मेरा ब्यौरा के माध्यम से मेरा पानी-मेरी विरासत में पंजीकरण करवाकर उठाएं योजना का लाभ
✍️ यूनुस अलवी पत्रकार मेवात
नूंह, 25 मई : उपायुक्त प्रशांत पंवार ने बताया कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की ओर से किसानों को गत वर्षो की भांति मेरा पानी-मेरी विरासत योजना के तहत धान के स्थान पर कपास की फसल, दलहनी फसल जैसे-अरहर, मूंग मौठ, उर्द, सोयाबीन व ग्वार और तिलहनी फसल जैसे-मूंगफली, तिल, अरंडी व चारे वाली फसलों तथा सब्जियों की फसल लगाने के साथ-साथ खाली खेत छोडऩे पर किसानों को 7 हजार रुपए प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। उन्होंने किसानो को प्रति एकड 7 हजार रुपए के अनुदान के लिए अपनी फसल का मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर आवेदन करने का आह्वान करते हुए कहा है कि किसान हरियाणा सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मेरा पानी-मेरी विरासत के माध्यम से आर्थिक लाभ प्राप्त करने के साथ-साथ घटते भू-जल स्तर के संरक्षण में भी अपना योगदान दें।
कृषि उपनिदेशक डा. अनिल कुमार ने बताया कि जिला के लिए मेरा पानी-मेरी विरासत योजना में जो निधारित लक्ष्य रखा गया है। विभाग द्वारा आवेदक किसानों का सत्यापन करने के बाद बैंक खाते में डी.बी.टी. के माध्यम से प्रोत्साहन राशि जारी की जाएगी। विभाग का उद्देश्य है कि जिन किसानों ने अभी तक भी मेरा पानी-मेरी विरासत पर अपना पंजीकरण नहीं करवाया है, वे जल्द ही अपना पंजीकरण मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल के माध्यम से मेरा पानी-मेरी विरासत में करवा लें। उन्होंने किसानों से आह्वान कि किसान धान की फसल के स्थान पर खेतों में दलहनी, चारे वाली फसलें व सब्जियां लगाकर मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर अपनी फसलों का समय रहते पंजीकरण करवाएं, क्योंकि यह पंजीकरण पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर लक्ष्य पूर्ण होने के उपरांत बंद कर दिया जाएगा। उपनिदेशक ने बताया कि कृषि विभाग के अधिकारी व कर्मचारी भी जिला के गांवों में जाकर किसानों को जागरूक कर रहें हैं।
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