Mewat/Haryana
• बृहस्पतिवार को मेवात में हर्षोल्लास से मनाया गया ईद उल अजहा का त्योंहार
• बकरीद ईद के मौके पर लाखो लोगों ने ईदगाहों में अदा की ईद की नमाज
• देश और मेवात में अमन व शांति के लिए मांगी दुआ ।
आपको बता दे की मुसलमानों का सबसे बड़ा त्योहार ईद उल अजहा पूरे मेवात में बृहस्पतिवार को अमन व शांति के साथ धूमधाम से मनाया गया। मुस्लिम समाज के लोगों ने रंग बिरंगे नए कपड़े पहन कर तथा खुशबू व इत्र लगाकर ईदगाह की तरफ रुख किया और एक साथ लाखों लोगों ने नमाज पढ़ी। मेवात इलाके की नूंह, तावडू, पुनहाना, पिनगवां, फिरोजपुर झिरका, नगीना शहर और कस्बों की ईदगाह और जामा मस्जिदों में ईद की दी रकात नमाज अदा की गई।
नमाज के बाद सभी ने एक साथ मुल्क में अमन व शांति की दुआ मांगी। नमाज के बाद मुस्लिम समाज के लोगों ने एक दूसरे को गले मिलकर ईद की बधाई दी। बाद में एक दूसरे के घर जाकर अलग-अलग तरह के व्यंजनों का जायका लिया। वहीं मालदार लोगों ने पशुओं की कुरबानी कर गरीब और यतीम लोगो में वितरित किया।
नूंह की ईदगाह में मौलाना खालिद कासमी ने और पिनगवां की ईदगाह में मौलाना जहीर अहमद बलई ने ईद उल अजहा की नमाज अदा अदा कराने के बाद कहा कि हर मालदार मुस्लिम मर्द औरत पर कुरबानी करना जरूरी है। जो नही करेगा वह गुनहागर होगा। उन्होंने कहा कुर्बानी केवल उसी जानवर की करे जिसकी कानून इजाजत देता हो खासतौर से प्रतिबंधित पशुओं की कुरबानी न करे। कुरबानी के बाद सफाई का खास ख्याल रखे। गंदगी ना फैलाएं। मेवात में आपसी भाईचारा को कायम रखने के लिए कोई भी गाय की कुर्बानी ना करें क्योंकि हरियाणा में कानन इसकी इजाजत नहीं देता है।
बल्कि हरियाणा में गौहत्या करने पर सजा का प्रावधान है। इस्लाम धर्म में बकरा, भेड़, भैंस सहित बहुत से ऐसे पशु हैं जिनकी कुरबानी दी जा सकती है।
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