युवाओं में कौशल विकास के लिए सिस्टम अप्रोच से ज्यादा महत्व व्यवहारिक अप्रोच का – डायरेक्टर , एसडीआईटीआई
– आकांक्षी जिला कार्यक्रम के तहत युवाओं में कौशल रोजगार विकसित करने की आवश्यकता पर दिया बल
– युवाओं को समय की मांग के अनुसार करवाएं नए शॉर्ट टर्म कोर्सिज
– आकांक्षी जिला कार्यक्रम की प्रत्येक 15 दिन में आयोजित होगी समीक्षा बैठक
यूनुस अलवी मेवात
कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक सुशील सारवान ने आज आकांक्षी जिला कार्यक्रम के तहत युवाओं में कौशल रोजगार विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने उपायुक्त श्री प्रशांत पंवार से कहा कि समय की मांग के अनुसार शॉर्ट टर्म कोर्सिज डिजाइन करवाते हुए अधिक से अधिक युवाओं को इनसे जोड़े ताकि वे भविष्य में आजीविका के साधन जुटाते हुए आत्मनिर्भर बन सके। उन्होंने कहा कि वे स्वयं कौशल रोजगार को लेकर इसकी प्रत्येक 15 दिन में समीक्षा बैठक करते रहेंगे।
वे आज लघु सचिवालय स्थित कान्फ्रेंस हॉल में आकांक्षी जिला कार्यक्रम के तहत युवाओं में कौशल विकास करने को लेकर आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि युवाओं में कौशल विकास के लिए सिस्टम अप्रोच के ज्यादा महत्व व्यवहारिक अप्रोच का होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का प्रयास है कि युवाओं को समय की मांग के अनुसार नए शॉर्ट टर्म कोर्सिज करवाए जाएं ताकि वे कोर्सिज करने के बाद आय के साधन जुटा सके। उन्होंने कहा कि जिला परिषद् के सीईओ, एसडीएम आदि यहां के स्थानीय निवासियों के साथ बैठक कर उन्हें कौशल विकास के महत्व के बारे में बताएं और उन्हें इन शॉर्ट टर्म कोर्सिज से जुड़ने के लिए जागरूक करें। उन्होंने कहा कि युवाओं में कौशल विकास के लिए जरूरी है कि उन्हें इस बारे में अधिक से अधिक जानकारी दी जाए और उन्हें इससे होने वाले लाभ के बारे में बताया जाए ताकि वे इन कोर्सिज को करने के लिए आगे आएं।
उन्होंने उपायुक्त से कहा कि दुधौला स्थित श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय नूंह जिला के नजदीक है जिसका लाभ यहां के युवाओं को अन्य जिलों की अपेक्षा अधिक है लेकिन जानकारी के अभाव में युवा इन शॉर्ट टर्म कोर्सिज से जुड़ नही पाते। उपायुक्त ने बताया कि ऐसे में जरूरी है कि इसे एक सामाजिक अभियान बनाया जाए और अधिक से अधिक युवाओं की इन कोर्सिज से भागीदारी सुनिश्चित की जाए। इन कोर्सिज को करने के बाद युवाओं को आईटीआई द्वारा प्रमाण पत्र भी दिया जाता है जिससे उन्हें रोजगार के अवसर जुटाने में सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि आईटीआई में दाखिले के लिए युवाओं के लिए दसवीं पास की अनिवार्यता की गई है लेकिन यदि युवा आईटीआई के कोई भी दो वर्षीय कोर्स करने के दौरान हिंदी व अंग्रेजी की परीक्षा में उत्तीर्ण होता है तो उसे 12वीं कक्षा के समान माना जाएगा।
इसके अलावा, उन्होंने बैठक में महिलाओं के लिए भी ऐसे कोर्सिज डिजाइन करने के लिए कहा जिनकी मार्किट में डिमांड हो। उन्होंने महिलाओं को करवाए जाने वाले कोर्सिज से स्वयं सहायता समूहो को जोड़ने के लिए कहा । इसी प्रकार, उन्होंने कहा कि नूंह जिला व आस पास के क्षेत्र में मैडिकल कॉलेज अपेक्षाकृत अधिक है , ऐसे में यहां पर युवाओं के लिए पैरामैडिकल स्टॉफ के शॉर्ट टर्म कोर्सिज शुरू किए जा सकते हैं। उन्होंने बैठक में उपस्थित आईटीआई के प्रिंसीपलों का आह्वान करते हुए कहा कि अपने यहां से कोर्सिज करने वाले युवाओं की समय समय पर ट्रेकिंग अवश्य करें और समय समय पर उनसे फीडबैक लेते रहे ताकि अन्य युवा उनसे प्रेरणा ले सकें।
इस अवसर पर एसडीएम फिरोजपुर झिरका डा.चिनार चहल, एसडीएम नूंह अश्वनी कुमार, एसडीएम तावड़ू संजीव कुमार, सभी जिला औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के
प्रिंसिपल, जीआईटीआई नूंह सुधीर कुमार , जीआईटीआई फ़रीदाबाद के प्रिंसिपल भगत सिंह, जीआईटीआई गुरुग्राम के प्रिंसिपल जयदीप कादियान, प्रदीप कुमार, सहायक प्लेसमेंट अधिकारी, जीआईटीआई, जीआईटीआई पुन्हाना ग्रुप इंस्ट्रक्टर विजय कुमार, ग्रुप इंस्ट्रक्टर, जीआईटीआई फिरोजपुर झिरका ग्रुप इंस्ट्रक्टर रविंद्र कुमार,जीआईटीआई तावड़ू समूह प्रशिक्षक मुकेश कुमार, इंद्राज, ग्रुप इंस्ट्रक्टर जीआईटीआई उजीना विद्यानंद, समूह प्रशिक्षक, जीआईटीआई पिनगवां नवीन आदि उपस्थित थे।
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