रैड क्रॉस सोसाइटी ने 2025 तक भारत को टीवी मुक्त बनाने पर किया जागरूकता सेमिनार का आयोजन
यूनुस अलवी मेवात:
जिला उपायुक्त एवं अध्यक्ष जिला रैड क्रॉस सोसाइटी नूंह प्रशांत पंवार के कुशल मार्गदर्शन एवं सचिव वाजिद अली की देखरेख में आज शुक्रवार को जिला रैड क्रॉस सोसाइटी ने एक दिवसीय सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा एवं 2025 तक भारत को टी.बी. मुक्त बनाने हेतु जागरूकता सेमीनार का आयोजन राजकीय मेवात मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय नगीना में आयोजन किया।
इस सेमिनार की अध्यक्षता प्रिंसिपल सत्य प्रकाश ने की। उन्होंने बताया कि जागरूकता किसी समस्या का बहुत बड़ा निदान है।
इस सेमिनार के मुख्य वक्ता के तौर पर जिला रैड क्रॉस सोसाइटी नूंह के जिला प्रशिक्षण अधिकारी महेश मलिक ने बताया कि आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में सर्वप्रथम सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा मुहिम के तहत सड़क सुरक्षा नियमों की पालना हेतु जागरुक किया। उन्होंने सभी उपस्थित 450 विद्यार्थियों को मोटर वाहन संशोधन विधेयक-2019 की विस्तृत जानकारी दी। जिनमें मुख्यतः शराब पीकर वाहन चलाने, नाबालिग से वाहन चलाने, वाहन चलाते समय मोबाइल का प्रयोग करने से परहेज करने, आपातकाल नम्बरों की जानकारी दी। उसके उपरांत उन्होंने बेसिक फर्स्ट एड में बेहोशी, घायल को मौके पर सहायता, हार्ट अटैक के समय पीड़ित को ट्रांसपोर्ट करने, साँस न आने और हार्ट के कार्य न करने की अवस्था में जीवनदायिनी विधि सी.पी.आर. विधि का प्रयोगात्मक तरीका समझाया।
इस सेमिनार के दूसरे सत्र में भारत सरकार के 2025 तक टी.बी. मुक्त भारत के सपने को साकार करने हेतु टी.बी. के लक्षण, बचाव के तरीके, निक्षा मित्र पालिसी एवं अन्य सभी स्कीमों की जानकारी सोनिया शर्मा प्रोजेक्ट मैनेजर, आरिफ खान परामर्शदाता, रोनक अली स्वयं सेवक ने जागरूक किया।
इस अवसर पर राजेश शर्मा सहायक एवं नरेश डागर ने सड़क सुरक्षा, एवं टी.बी. मुक्त भारत अभियान को सफल बनाने हेतु शपथ दिलाई।
इस सेमिनार के सफल आयोजन में हिंदी अध्यापक कपिल देव का अहम योगदान रहा। सेमिनार में सुनील भारद्वाज, विनय कुमार, विजेंद्र, सतीश खुटेला, रिज़वान, आरिफ, मंजू, शिखा, शिव चरण, श्रीभगवान, हरभजन मौजूद रहे और उन्होंने कहा कि इस तरह की सेमिनार आमजन के लिए काफी लाभदायक होती हैं जो कि जिला रैड क्रॉस सोसाइटी नूह बखूबी निभा रही है।
फोटो कैप्शन : जिला प्रशिक्षण अधिकारी महेश मलिक नगीना स्कूल में बेसिक फर्स्ट एड में बेहोशी, घायल को मौके पर सहायता, हार्ट अटैक आदि के बारे में प्रशिक्षण देते हुए।
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