जमालगढ़ गांव के जुनेद के परिवार को 2 साल बीत जाने के बाद भी नहीं मिला कोई इंसाफ,
इंसाफ पाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं परिजन जुनैद की मां ने रो-रोकर सुनाई मीडिया को दास्तां
यूनुस अलवी मेवात;
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि करीब 2 साल पहले जमालगढ़ गांव के एक बेकसूर युवक जिसका नाम जुनेद था उसे फरीदाबाद पुलिस शक के आधार पर उठा ले गई थी, जिसको third-degree दी गई और कुछ पैसे लेकर उनको छोड़ दिया गया था।
पुलिस ने उनको छोड़ा तो उनका इलाज कराने के लिए हॉस्पिटल ले जाया गया जहां पर उन्होंने पुलिस की थर्ड डिग्री के कारण लगी चोटों से दम तोड़ दिया। जिसका सीधा सीधा फरीदाबाद पुलिस पर हत्या करने का आरोप लगा था। शव को रोड पर रखकर मेवात के गुस्साए लोगों ने प्रदर्शन किया था। पुनहाना शहर में पुलिस की जिप्सी को भी फूंक दिया गया था उसके बाद भी तरह-तरह की बातें चली। पुलिस जिप्सी फूकने के आरोप में मृतक जुनैद के परिवार वालों को ही दोषी बना दिया उन पर मुकदमा दर्ज कर दिया गया। रोड जाम करने व मेवात के लोगों की मांग पर फरीदाबाद पुलिस पर 302 सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था लेकिन व सिर्फ नाम का मुकदमा था उसमें कोई कार्यवाही नहीं हुई।
मुकदमे को खारिज कर दिया गया फिर पीडितों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया जहां पर अभी भी केस चल रहा है। उन्होंने कहा कि हमें पुलिस प्रशासन से तो इंसाफ की उम्मीद नहीं रही हमें हाईकोर्ट से इंसाफ की उम्मीद है। पीड़ितों ने कहा कि अगर जुनैद हत्याकांड मामले में फरीदाबाद पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की जाती तो आज राजस्थान के सेकुल की हत्या ने होती। जिन पुलिसकर्मियों ने जुनैद की हत्या की थी वही पुलिस कर्मियों ने सेकुल की हत्या की है। इन हत्यारे पुलिस कर्मियों के खिलाफ जल्द से जल्द ठोस कार्यवाही कर सलाखों के पीछे भेजा जाए ताकि जुनेद व सेकुल के परिवार को इंसाफ मिल सके।
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