• दुष्कर्म के एक दोषी को अदालत ने 20 साल की कैद और 20 हजार का जुर्माना की सजा सुनाई
• दूसरे आरोपी को सबूतों के अभाव में किया बरी
–पुन्हाना के एक गांव का मामला, शनिवार को अदालत ने सुनवाई सजा
यूनुस अलवी मेवात:
सामूहिक दुष्कर्म के आरोप में स्पेशल पास्को अदालत नूंह के जज नरेंद्र पाल ने अरमान को दोषी करार देते हुए उसे 20 साल की कैद और 20 हजार रूपये के जुर्माना की सजा सुनाई है जबकि उसके साथी जैद को सबूतों के अभाव में शुक्रवार को ही बरी कर दिया था। अदालत ने दोषी अरमान को 22 फरवरी 2019 को पुन्हाना थाने में दर्ज एक गांव के मामले में सुनाई है।
जानकारी के अनुसार पुनहाना थाने के एक गांव निवासी पीड़ित ने पुलिस को शिकायत देकर आरोप लगाया था कि 22 फरवरी 2019 की रात्री करीब 11 बजे उसकी 16 वर्षीय बेटी घर के ही पास बने बाथरूम में पेशाब करने गई थी। उसी दौरान दोषी अरमान और आरोपी जैद ने उसके मूंह में कपड़ा ठूंसकर अपहरण कर लिया। उसके बाद आरोपी उसे पास के पहाड में ले गए। जब उसकी बेटी ने शोर मचाने की कोशिश की तो उसके साथ मारपीट की गई और जान से मारने की धमकी दी गई। उसके बाद आरोपी उसे मौके पर छोकर कर ही फरार हो गए।
पुलिस ने पीड़ित पिता की शिकायत पर आरोपी अरमान और जैद के खिलाफ अपहरण, जान से मारने की धमकी देने, मारपीट करने और 6 पास्को एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। जांच के बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। फिलहाल दोनों आरोपी जमानत पर चल रहे थे। शनिवार को अदालत ने जैद को बाइज्जत बरी कर दिया था तथा अरमान को दोषी करार देते हुए उसे पुलिस हिरासत में ले लिया था। अदालत ने शनिवार को दोषी अरमान को 20 साल कैद और 20 हजार जुर्माना की सजा सुनाई है। दोषी अरमान को जेल भेज दिया गया है।
अदालत द्वारा बरी किए गए जैद के वकील एवं नूंह बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष ताहिर हुसैन रूपडिया ने बताया कि उनके मुवक्किल जैद को स्पेशल पॉक्सो अदालत नूंह के जज नरेंद्र पाल ने बाइज्जत बरी कर दिया है जबकि इसी मामले में अन्य आरोपी अरमान को अदालत ने दोषी करार देते हुए उसे 20 साल कैद और 20 हजार जुर्माना की सजा सुनाई गई है।
No Comment.