नूंह हिंसा के करीब 10 दिन बाद खुले जिले के स्कूल बच्चे, अध्यापकों और संचालकों में खुशी की लहर।
• मेवात की रौनक फिर से लोटने लगी है
• सरकारी बसें भी अब अपने गंतव्य की ओर दौड़ने लगी हैं
• प्रशाशन ने आज जुमा की नमाज अपने ही घरों पर पढ़ने के आदेश जारी किए है।
यूनुस अलवी मेवात:
आपको बता दें की नूंह हिंसा के करीब 10 दिन बाद शुक्रवार को जिले के सरकारी और प्राइवेट स्कूल खुले। जिससे बच्चे, अध्यापक और स्कूल संचालकों में खुशी की लहर है। करीब 10 दिन तक अचानक स्कूल बंद होने से पढ़ाई पर काफी प्रभाव और काफी नुकसान भी हुआ है।
अध्यापक अय्यूब खान और मुबारिक हुसैन का कहना है की 10 दिन स्कूल बंद होने से बच्चों की पढ़ाई को काफी नुकसान हुआ है उनका कहना है कि प्रशासन ने अचानक ही स्कूल बंद करने के आदेश दे दिए थे, जिस कारण बच्चों को वे छुट्टियों में काम करने का होमवर्क भी नहीं दे सके, जिससे बच्चे अपनी पढ़ाई की तैयारी कर सकें। उन्होंने कहा अब स्कूल खुले हैं और जो पढ़ाई का नुकसान हुआ है उसकी भरपाई करने की पूरी कोशिश की जाएगी वही दोनों अध्यापकों का कहना है कि मेवात में आपसी भाईचारा सदियों पुराना है। यहां हर समाज के लोग आपस में मिल जुल कर रहते हैं लेकिन नूंह की घटना से इलाके में काफी नुकसान हुआ है।
वही छात्र नसीम अहमद और फजल हुसैन का कहना है की स्कूल बंद होने से उनकी पढ़ाई को काफी नुकसान हुआ है। अब अपनी पढ़ाई की जो कमी हुई हैं उसे पूरा करने की कोशिश करेंगे।
आपको बता दें की 31 जुलाई को नूंह में मेवात दर्शन यात्रा पर हुए हमले के बाद हुई, आगजनी, फायरिंग आदि के बाद नूंह जिला के साथ साथ पलवल, गुरुग्राम, फरीदाबाद आदि इलाकों में धारा 144 लगा दी गई थी तथा सरकारी और प्राइवेट संस्थान बंद कर दिए गए थे। करीब 10 दिन के आंकलन के बाद प्रशाशन ने जहां कर्फ्यू में सुबह 7 बजे से 3 बजे तक बाजार खोलने की छूट दी है वही बसों की आवाजाही शुरू कर दी हैं तथा आज से सभी स्कूल खोलने के आदेश दिए हैं। जिससे इलाके में फिर से एक रौनक दुबारा से लोटने लगी है।
शुक्रवार को बच्चे सुबह से ही स्कूल पहुंचने लगे।
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