•मेवात पुलिस के लिए बड़ी दुखद खबर
• हरियाणा पुलिस के सब इंस्पेक्टर की दिल का दौरा पढ़ने से मौत, • नगीना थाने में बतौर एडिशनल एसएचओ के रूप में था कार्यरत
• 26 अगस्त को भी आया था अटैक
• 28 अगस्त को दुबारा अटैक आने के 30 मिनिट बाद ही हो है मौत।
• गांव के लोगो ने हाकम के बेटे को उनके पिता के पद पर नोकरी देने की मांग की है।
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वीडियो – हाकम खान को पुलिस और परिजन शव ग्रह डेढ़ बॉडी को ले जाते हुई।
यूनुस अल्वी
नूंह/मेवात
नूंह जिला के नगीना थाना में बतौर एडिशनल थाना प्रभारी कार्यरत
हरियाणा पुलिस के जवान सब इंस्पेक्टर हाकम खान पुत्र असलूप निवासी उटावड़, मोहल्ला बंझ की ड्यूटी के दौरान हार्ट अटैक आने से मंडीखेडा हॉस्पिटल में मौत हो है। हाकम की अचानक मौत से हर कोई स्तंभ है। वह मिलनसार के साथ अपने कार्य के प्रति काफी वफादार रहता था। 26 अगस्त को भी उसे अटैक आया था लेकिन शोभा यात्रा समाप्त होने के बाद उसने अपना इलाज कराने की डॉक्टरों से बात कही थी। अचानक 28 अगस्त को दुबारा अटैक आने से 30 मिनिट बाद ही उसकी मौत हो गई। गांव के लोगो ने सरकार और पुलिस विभाग के आला अधिकारियों से हाकम के बड़े बेटे को उनके पिता के पद पर नोकरी देने की मांग की है। हाकम खान 1996 में बंसी लाल सरकार में बतौर सिपाही भर्ती हुआ था। हाकम खान के 5 लडका और एक लडकी है जिनमे से बड़े बेटे और बेटी की ही शादी हो सकी है। अभी भी उसके चार नाबालिग बच्चे हैं।
आपको बता दें की नूंह जिले के बड़कली चौक पर तैनात सब इंस्पेक्टर हकमुद्दीन की हार्ट अटैक से सोमवार को मौत हो गई। ब्रज यात्रा को लेकर बरती जा रही एहतियात में बड़कली चौक पर आरएएफ की टीम के साथ हकमुद्दीन तैनात थे। करीब दो माह पहले ही उनकी थाना नगीना में एडिशनल एसएचओ के पद पर तैनाती हुई थी। हकमुद्दीन पलवल जिले के उटावड़ गांव के रहने वाला है।
गांव उतावड के सरपंच आस मोहम्मद के मुताबिक उनको 26 अगस्त को सीने में दर्द हुआ था। इसके बारे में उसने अपने साथी मुलाजिमों को बताया था। डाक्टरों ने उसे तुरंत इलाज की सलाह दी थी। लेकिन उसने 28 अगस्त की शोभा यात्रा के समाप्त होने के बाद छुट्टी लेकर अपना इलाज कराने की बात कही थी।
सोमवार को फिर हाकम खान को सीने में दर्द की शिकायत होने के बाद करीब 2 किलोमीटर दूर जिले के अल आफिया सामान्य अस्पताल मांडीखेड़ा ले जाया गया था। हाकम ने अस्पताल पहुंचकर डॉक्टर को भी सीने में दर्द की बात कही थी, लेकिन उसके 5 मिनट बाद ही 47 वर्षीय हाकम ने दम तोड़ दिया।
कुल मिलाकर आम आदमी की सुरक्षा में दिन – रात ड्यूटी करने वाला यह जवान अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन इसने मरने से पहले ही एक वफादार सिपाही की भूमिका निभाकर सबका दिल जीतने का काम किया है। ऐसे पुलिस जवानों पर हमें गर्व है, जो अपनी जान की परवाह किए बगैर हमारी सुरक्षा की बड़ी जिम्मेदारी संभालते हैं। नूंह हिंसा के चलते हिंदू संगठनों की दोबारा जलाभिषेक शोभायात्रा निकालने के बाद उन्हें बडकली चौक पर ड्यूटी पर तैनात किया गया था। अपने फर्ज को अंजाम देते-देते उन्होंने दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया। ऐसे जवानों को शहीद का दर्जा मिलना चाहिए।
बाइट डॉक्टर फारुख मेडिकल ऑफिस अल आफिया अस्पताल
वही मंडी खेड़ा के मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर फारुख खान ने बताया की जब हाकम खान को अस्पताल लाया गया वह लंबे लंबे सांस ले रहा था, जिसे हार्ट अटैक हुआ था। डॉक्टरों से अपनी और से काफी बचाने की कोशिश की लेकिन कामयाब नही हुए। उन्होंने बताया की वह दो दिन पहले भी अस्पताल आया था उसकी ecg की जांच में अटैक के लक्षण मौजूद थे। उसे तुरंत किसी बड़े अस्पताल में अपना इलाज कराने की सलाह दी गई थी। आज हाकम फिर अस्पताल आया था। जिसकी उपचार के दौरान मौत हो गई।
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