रमेश बिधूडी की संसद सदस्यता हो रद्द, पीएम देश से माफी मांगे : कांग्रेस सीएलपी उपनेता आफताब अहमद
यूनुस अल्वी
नूंह/मेवात
बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी के सदन में दिए विवादास्पद बयान पर देश में विपक्ष भाजपा पर हमलावर हो गया है। दिल्ली से सटे हरियाणा के कांग्रेस विधायक दल के उप नेता आफताब अहमद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा केंद्र अध्यक्ष जेपी नड्डा से देश से माफी मांगने की मांग की है।
लोकसभा में गुरुवार रात ‘चंद्रयान-3 की सफलता’ पर एक परिचर्चा के दौरान बिधूड़ी ने अपनी विवादास्पद टिप्पणी बहुजन समाज पार्टी के सांसद कुँवर दानिश अली को निशाना बनाते हुए की थी। इसके बाद सदन में हंगामा छिड़ गया और विपक्षी नेताओं ने दक्षिण दिल्ली से बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
हरियाणा के नूंह विधायक आफताब अहमद ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि देश की सबसे बडी पंचायत में भाजपाई सांसद रमेश बिधूडी की भाषा अमर्यादित, असंवैधानिक व अस्वीकार्य है, इसकी जितनी मजमम्त की जाए वो कम है। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के दौरान सहयोगी भाजपा सांसद भी हंसते हुए दिखाई दे रहे थे, ये भारत जैसे लोकतांत्रिक देश के लिए गंभीर चिंतन का समय है। विश्व में भारत की छवि को इससे नुकसान हुआ है। पिछले कुछ सालों से भाजपा नफरत की दुकान को लगातार बढावा देती दिखी है।
विधायक आफताब अहमद ने कहा कि आजादी के 75 साल बाद एक तरफ चांद पर पहुंचने को लेकर चंद्रयान की बात हो रही है, नई संसद निर्माण का गुणगान हो रहा है लेकिन दूसरी तरफ भाजपा नेताओं की विकृत मानसिकता इतना निचला रूप धारण कर चुकी है कि समाज से लेकर संसद तक नफरत फैलाई जा रही है।
हरियाणा कांग्रेस विधायक दल के उप नेता आफताब अहमद कहते हैं कि अगर संसद के अंदर भाजपा का मुस्लिम सांसद के प्रति ये मानसिकता है तो आम जीवन में मुस्लिम समुदाय के प्रति इनकी मानसिकता की कल्पना करना ही मुश्किल है। मुस्लिम समुदाय के प्रति घ्रणा, मोबलिंच, मारपीट की घटनाओं का भाजपा राज में व्रधि शर्मनाक है।
वहीं विधायक आफताब अहमद ने कहा की भाजपा की हरियाणा सरकार कांग्रेस के विधायक मामन खान की विधानसभा में उस टिप्पणी को तो आधार बनाकर जेल भेज देती है जिसमें कोई गैर कानूनी बात नहीं थी बल्कि अपने इलाके की मांग उठाई थी लेकिन अब रमेश बिधूडी सांसद के मामले में कोई सख्त कारवाई नजर नहीं आती।
विधायक आफताब अहमद ने कहा कि भाजपा के शीर्ष नेताओं की मानसिकता अल्पसंख्यक समुदाय के प्रति सकारात्मक नहीं है, उन्हें कडा संज्ञान लेने की जरूरत है अन्यथा इससे समाजिक ढांचे को गहरा नुकसान पहुंचेगा, समाज के लिए ये एक नकारात्मक संदेश है।
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