ग्रामीण सफाई कर्मचारियों ने अपने मांगों के लिए बीडीपीओ कार्यालय पर किया प्र्रदर्शन
– 10 अक्तूबर से 3 दिवसीय राज्यव्यापी हड़ताल पर जाने का दिया नोटिस
Younus Alvi Mewat:
ग्रामीण सफाई कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर निरंतर आंदोलन कर रहे हैैं। मंगलवार को भी उन्होने पुन्हाना बीडीपीओ कार्यालय पर धरना देकर नारेबाजी की।
सफाई कर्मचारी संजय कुमार और सावित्री ने कहा कि प्रदेश भर के करीब 11 हजार सफाई कर्मचारी धरने पर बैठे है। उन्होंने कहा कि सरकार उनकी मांगों का समाधान करने की बजाए भारी उपेक्षा कर रही है। पंचायत मंत्री के साथ 20 अगस्त 2022 को टोहाना तथा 26 दिसम्बर 2022 को चण्डीगढ़ में विस्तारित वार्ता हो चुकी है। 28 जून 2023 को टोहाना में भी वार्ता हो चुकी है। लेकिन इन वार्ताओं के बावजूद अब तक कोई समाधान नहीं हुआ। 23 जनवरी 2023 को अतिरिक्त मुख्य सचिव अनिल मलिक की अध्यक्षता में आयोजित बैठक और उसमें बनी कुछ सहमतियों के पत्र भी आज तक सरकार ने जारी नहीं किए हैं।
उनका कहना है कि हरियाणा के इन 11 हजार ग्रामीण सफाई कर्मचारियों को काम करते हुए 17 साल हो चुके हैं। इन 17 वर्षों में से 9 साल से मनोहर लाल मुख्यमंत्री हैं तथा इन 9 वर्षों में ग्रामीण सफाई कर्मचारियों का आर्थिक और सामाजिक शोषण और ज्यादा गहरा हुआ है। काम पक्का और कर्मचारी कच्चे ये कब तक चल सकता है? आज तक भी इन कर्मचारियों को पक्का करने के लिए सरकार ने कोई पॉलिसी नहीं बनाई। मानदेय की बजाए कर्मचारी का दर्जा दिए क्योंकि ये कर्मचारी सारी जिन्दगी कच्चे ही रहकर शोषण और बेगार की मार का शिकार होते रहेंगे।
उनका कहना है कि सफाई कर्मचारियों में हरियाणा सरकार के खिलाफ भारी असन्तोष व गुस्सा बढ़ता जा रहा है। वे बीते 9 वर्षों में ब्लॉक से लेकर राज्य स्तर पर बार-बार धरने-प्रदर्शन ये कर्मचारी कर चुके हैं। लेकिन उन्हें ने तो स्थाई कर्मचारी का दर्जा मिला और ना ही समान वेतन का लाभ। इसी के चलते प्रदेश भर के ग्रामीण सफाई कर्मियों ने अब यह तय किया है कि ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन हरियाणा के बैनर पर 10 अक्तूबर 2023 से 3 दिवसीय हड़ताल करके ब्लॉक / जिला स्तर पर पड़ाव डालकर बैठेंगे तथा अगर सरकार ने उनकी मांगों का समाधान नहीं किया तो यह 3 दिवसीय हड़ताल आगे भी जारी रह सकती है। उन्होने सरकार से मांग की है कि पंचायत विभाग एवं सरकार 2 माह के अन्दर ग्रामीण सफाई कर्मियों को स्थाई करने के लिए पोलिसी बनाने वे समान काम समान वेतन देने के लिए सरकार उचित कदम उठाए ।
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