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तावडू में बस चालकों की मनमानी से यात्री परेशान, प्रशासन मौन। 

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तावडू में बस चालकों की मनमानी से यात्री परेशान, प्रशासन मौन। 

 

सोहना से रेवाड़ी जाने वाली बसों में यात्री सफर करने पर मजबूर।

बसों में क्षमता से अधिक यात्री होने के कारण किसी भी वक्त हो सकता है बड़ा हादसा।

पुलिस की नाक के नीचे से गुजर रही निजी बसों पर लगाम लगाने में पुलिस प्रशासन नाकाम।

 

नसीम खान (ख़बर हक)

 

तावडू :- श्हर व क्षेत्र में बैखोफ होकर दौड़ रही अवर लोड निजी बसें स्थानीय प्रशासन को जानकारी होने के बावजूद भी बस चालकों व मालिकों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। पुलिस की नाक के नीचे से गुजर रही ओवरलोड बसों पर कोई लगाम नहीं कसी जा रही। बसों में क्षमता से अधिक यात्रियों को जानवरों की तरह ठोस ठोस कर भरते हैं 32 सीटर बसए 42 सीटर बस और 52 सीटर बसों में तीन गुना ज्यादा यात्रियों को भेड़ बकरियों की तरह ठोस ठोस कर भरते हैं। वहीं 50 से अधिक यात्री बस की छत पर बैठकर आए दिन सफर करने पर मजबूर है।

वहीं बस चालक जहां दो यात्रियों की सीट हैं, उन सीटों पर तीन यात्रियों को बैठाते हैं और तीन यात्रियों की सीट पर चार यात्रियों को बैठाते हैं। वहीं सीटों के बीच खाली जगह में यात्रियों को ठोस ठोस कर भरते हैं। बस के दोनों दरवाजों से यात्री बाहर लटक कर सफर करते हैं। इस बीच महिला यात्रियों की सुरक्षा को लेकर भी कोई पुख्ता इंतजाम नहीं है। कई बार तो महिला यात्रियों के साथ छेडख़ानी भी हो जाती है। लेकिन मजबूर महिला यात्री किसी को कुछ नहीं बता पाती हैं। कई बार तो परिचालक द्वारा यात्रियों के साथ अभद्रता करते भी देखा जा चुका है। लेकिन यात्रियों की मजबूरी है इन बसों में सफर करना। बसों में न तो चालक व परिचालक के पास अपनी यूनिफॉर्म है और नहीं यह जूते पहन कर ड्राइविंग करते हैं। इसी के साथ-साथ इन बसों में बचाव के भी उपकरण मौजूद नहीं है। बस में लबालब से भरे यात्रियों को बीच में चीरते हुए परिचालक जब किराया वसूलता है, तो खुद परिचालक को भी भारी असुविधा का सामना करना पड़ता है। लेकिन किसी ने सच्च ही कहा है कि लालच बुरी बलाएं, अब इनको कौन समझाएं। इनको तो सिर्फ पैसे से मतलब है, चाहे यात्रियों की जान चली जाए। पुरुष यात्री तो बस के अंदर खड़े होकर यात्रा कर सकते हैं, लेकिन महिला यात्री बस के अंदर घंटे भर का सफर कैसे तय कर सकती है। इस बीच महिलाओं को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। क्षमता से अधिक यात्री होने के कारण किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता है। ज्यादा यात्रियो से भरी बस अनियंत्रित होकर किसी भी वाहन में जाकर टकरा सकती है। इस दौरान होने वाला हादसा सैकड़ो जिंदगियां बर्बाद कर सकता है। इसका जिम्मेदार कौन होगा क्या जब भी स्थानीय प्रशासन हाथ पर हाथ रखकर बैठा रहेगा। बस चालकों की लापरवाही के चलते इससे पूर्व में भी कई बड़े हाथ से हो चुके हैं। इस बात से साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि क्षेत्र से गुजर रही बसें ओवर स्पीड क्षमता से अधिक सवारियां और ऊपर बसों की छतो पर यात्रियों को बैठा कर चल रही है। यह सब संबंधित विभाग की मिली भगत के चलते ही चल सकती हैं। इस बारे में कई बार अधिकारियों को भी अवगत कराया जा चुका है लेकिन फिर भी इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

एसडीएम संजीव कुमार ने बताया कि उनके संज्ञान में यह मामला नहीं था। ऐसे बस चालकों पर ठोस कदम उठाया जाएगा। और ऐसे बस संचालकों पर बहुत जल्द लगाम लगा दी जाएगी, ताकि भविष्य किसी भी यात्री को असुविधा का सामना न करना पड़े।

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