तावडू न्यायिक परिसर की योजना की फाइल अधर में लटकी, क्षेत्र व शहर के लोगों की मांग अभी भी अधूरी।
नसीम खान तावडू
तावडू :
तावड़ू शहर को उपमंडल में घोषित हुए करीब 6 वर्ष बीत गए। लेकिन शहर के लोगों की एक मांग अभी भी अधर में लटकी हुई हैं। शहर के लोगों की मुख्य मांग न्यायसिक परिसर स्थापित करने की हैं। जबकि कई बार इसके लिए प्रयास किए गए। लेकिन मांग सिरे नहीं चढ़ी। इसके अलावा शहर व क्षेत्र के लोगों ने न्यायिक परिसर स्थापित करने के लिए प्रदेश के मुखिया मनोहर लाल व हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को कई बार पत्र भी लिखे। लेकिन समाधान नहीं हो पाया।
न्यायिक परिसर तावड़ू में स्थापित नहीं होने के कारण क्षेत्र व शहर के सैकड़ों लोगों को प्रतिदिन पहाड़ी का दुर्गम रास्ता पार कर समय व पैसे की बर्बादी कर नूंह जाना पड़ रहा है। तावड़ू में न्यायिक परिसर शुरू करने को लेकर कई बार प्रयास किए गए। लेकिन हर बार यह योजना फाइलों में ही दम तोडक़र रह गई। हालांकि इसको लेकर तीन दिसंबर 2021 को तत्कालीन जिला उपायुक्त कैप्टन शक्ति सिंह, जिला एवं सत्र न्यायाधीश संदीप गर्ग, सीजेएम प्रतीक जैन सहित न्यायाधीशों का एक प्रतिनिधि मंडल दौरा भी कर चुका है। उसके बाद लोगों में आस जगने लगी थी कि जल्द ही लोगों को न्यायिक परिसर की सौगात मिलेगी। करीब सवा साल बाद जनवरी 2023 में बाईपास स्थित खंड विकास एवं पंचायत कार्यालय को न्यायिक परिसर स्थापित करने के लिए खाली करा तहसील परिसर के समीप स्थानांतरित कर दिया। उसके बाद बीडीपीओ कार्यालय को मेवात माडल स्कूल में स्थापित करने को लेकर भी प्रयास शुरू हुए। लेकिन अभी भी लोगों की मांग अधूरी है। आखिर में न्यायिक परिसर स्थापित करने की मांग उस समय दम तोड़ती दिखाई दी। जब पुन: खंड विकास एवं पंचायत कार्यालय को पुरानी जगह पुराने कार्यालय में ही स्थापित कर दिया गया।
राजकुमार मित्तल, दिनेश, लियाकत अली, नीरज, अजरु, समसू, नसीम व नरेश सहित अन्य लोगों ने कहा की यह वर्षों पुरानी मांग हैं। उपमंडल बने हुए कऱीब 6 वर्ष से अधिक समय बीत गया। अब तो लोगों को न्यायसिक परिसर की सुविधा मिलनी चाहिए। साथ ही लोगों ने कहा की यह बड़ी मांग हैं। सरकार को इस विषय पर चर्चा करनी चाहिए। हालांकि बीच में न्यायसिक परिसर स्थापित करने की कार्यवाही शुरू हुईं। लेकिन उस फाइल को दोबारा बंद कर दिया गया। न्यायसिक परिसर की मांग को लेकर कई स्तर तक आवाज़ उठा चुके हैं। लेकिन सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहीं। जन भावनाओं को देखते हुए तावडू में न्यायसिक परिसर की स्थापना होनी चाहिए। इसके अलावा न्यायसिक परिसर स्थापित होने के बाद लोगों का समय और धन दोनों की बचत होगी। प्रतिदिन सैकड़ों लोग कायों को लेकर पहाड़ी के दुर्गम रास्ते को पार कर जाते हैं। जिनमें उनका पूरा दिन बर्बाद हो जाता है।
उपमंडल अधिकारी संजीव कुमार ने कहा कि न्यायसिक परिसर की जगह निश्चित कर दी हैं। फाइल दबी नहीं हैं, न्यायसिक परिसर को लेकर कार्यवाही चल रही हैं। जल्द ही लोगों को सुविधा मिलेगी।
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