प्रदेश की गोशालाओं में चारे के संकट पर प्रदेश सरकार मौन : रणजीत नंबरदार इंडरी
9 महीने में निर्धारित बजट का 10 फीसदी भी नहीं खर्च कर सके
अंतराम खटाना,
इंडरी(नूंह)।
नूंह इनेलो किसान सैल के जिला अध्यक्ष रणजीत नंबरदार इंडरी ने कहा कि प्रदेश की गौशालाओं में चारे का संकट बना हुआ है और भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार मौन धारण किए हुए है। गौशाला संचालक सितंबर महीने से ग्रांट की दूसरी किस्त जारी करने की फरियाद कर रहे हैं, लेकिन उन्हें एक कोड़ी भी नहीं दी जा रही है। इसकी वजह से साढ़े 04 लाख गोवंश के सामने भूखे रहने की नौबत आने लगी है जबकि, प्रदेश सरकार वित्तीय वर्ष के शुरुआती 09 महीने में निर्धारित बजट का 10 प्रतिशत भी गायों पर खर्च नहीं कर सकी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने फरवरी माह में बजट पेश करते हुए गायों व गोशालाओं के लिए बजट में दस गुणा से अधिक बढ़ोतरी करने का दावा करते हुए 456 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था। लेकिन, पहली किस्त के रूप में अब तक सिर्फ साढ़े 41 करोड़ रुपये ही गोशालाओं को चारे की मद के तौर पर मिले हैं। जबकि, सितंबर महीने से ही तूड़ा-पराली की खरीद के लिए गौशाला महासंघ की ओर से ग्रांट की मांग सरकार व गौशाला आयोग से की जा रही है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गार्यों व गोशालाओं की वास्तविक स्थिति बताए जाने के बावजूद प्रदेश सरकार व गौशाला आयोग सिर्फ जल्द ग्रांट जारी होने का आश्वासन दे रहे हैं। डिमांड करते 3 महीने से अधिक समय बीतने पर भी अभी तक दूसरी किस्त सरकार की ओर से जारी नहीं की गई है। इधर, चारे को लेकर जमीनी हकीकत यह है कि अब तूड़ा व पराली किसानों के पास से व्यापारियों के पास पहुंच चुकी है, जो डेढ़ से दोगुना तक कीमत वसूलने लगे हैं। उन्होंने कहा कि ग्रांट जारी न होने से प्रदेश की 658 गोशालाओं में रखे गए साढ़े 4 लाख बेसहारा गोवंश के लिए चारे का संकट पैदा हो गया है। गौशाला संचालकों के लिए इनका पेट भरना मुश्किल होने लगा है। बार-बार की गुहार के बावजूद न तो ग्रांट ही जारी की जा रही और न ही बिना प्रयोग के पड़े 90 प्रतिशत से अधिक बजट को खर्च करने की दिशा में कोई प्लान तैयार किया जा रहा है।
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