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नूह जेल में बंद आधा दर्जन विचाराधीन कैदियों के साथ, अमानवीय व्यवहार व बेरहमी से मारपीट का आरोप

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नूह जेल में बंद आधा दर्जन विचाराधीन कैदियों के साथ, अमानवीय व्यवहार व बेरहमी से मारपीट का आरोप

कारागार के पुलिसकर्मियों पर लगा मारपीट का आरोप

विचाराधीन कैदियों के परिजनों ने वकील के माध्यम से सेशन जज, डीजीपी जेल, हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को भेजी शिकायत

 

यूनुस अलवी

मेवात

नूंह जेल में बंद आधा दर्जन से अधिक विचाराधीन कैदियों के साथ, अमानवीय व्यवहार व बेरहमी से मारपीट का का मामला सामने आया है। मारपीट का आरोप कारागार के आधा दर्जन पुलिसकर्मियों पर लगा है। विचाराधीन कैदियों के परिजनों ने अपने वकील के माध्यम से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के चेयरमैन व शेषन जज, डीजीपी जेल, हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सहित अन्य अधिकारियों को शिकायत भेजकर कार्रवाई की मांग की है। वहीं जमीयत उलेमा हिंद के पदाधिकारियों को कहना है कि अगर यहां आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो वे इस मामले को हाईकोर्ट लेकर जाऐगें।

 

शिकायतकर्ता खुरशीद निवासी बावला थाना तावडू ने बताया कि नूंह हिंसा के दौरान नूंह थाना शहर में दर्ज मुकदमा नं0 257 में उसके दामाद सौकीन निवासी फिरोजपुर नमक थाना व जिला नूंह को गिरफ्तार कर जिला कारागार नूंह में न्यायिक अभिरक्षा में है। वह बुधवार को करीब 10 बजे अपने दामाद से जेल में मिला तो सौकीन को दो व्यक्ति पकड कर लाये जो चल नही पा रहा था। जिसके शरीर पर काफी चोटें थी। जब उसने अपने दामाद से उसकी हालत के बारे में पूछा तो उसने बताया कि जेल के कर्मचारी राजबीर, पवन, बिमला देवी, मुकेश, राजेश गनमैन, संतलाल, ब्रिजेश सिपाही डोडी, ईश्वर लाईन अफसर, ओम प्रकाश थानेदार, सुरेन्द्र थानेदार व 4-5 अन्य पुलिस कर्मचारी/गार्ड ने शौकीन, इमरान, इम्तियाज, सोहेल, उसामा, राहुल व दो अन्य कैदियों के साथ 11 दिसंबर को गैर कानूनी व नाजायज तरीके से चक्की में बंद करके और बाहर बुरी तरह मारपीट की। उनका कहना है कि अगर बंद नहीं किए गए तो जेल में लगे सी०सी० टी०वी० कैमरों में भी उनकी पिटाई देखी जा सकती है। उन्होंने कहा कि कारागार के पुलिस कर्मियों से उनको जान का खतरा बना हुआ है, उनकी चोटो का भी कोई इलाज नहीं करवाया जा रहा है। उनका आरोप है कि कैदियों के साथ बर्बरता से की गई मारपीट और अमानवीय व्यवहार के कारण कई कैदियों के गुप्तागों के रास्ते से खून जारी है। जिस कारण उनकी हालत गंभीर बनी हुई है।

इसी तरह का आरोप नूंह खंड के गांव निजामपुर निवासी शमशेर ने लगाया है। शमशेर का कहना है कि उसका भाई राहुल खान भी नूंह हिंसा के आरोप में जैल में बंद है। वह बुधवार को अपने भाई से मिलने जेल गया। मिलाई के दौरान तीन चार लोग उसके भाई राहुल को पकड़की लेकर आए। राहुल ने भी उसे यही बताया कि आधा दर्जन से अधिक विचाराधीन कैदियों के साथ अमानवीय यातनाएं व बर्बरतापूर्वक मारपीट की गई है।

पीड़ित लोगों के परिजनों ने मामले की जांच कर आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और विचाराधीन कैदियों को तुरन्त मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की है।

नूंह बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान व वरिष्ठ ऐडवोकेट ताहिर हुसैन रूपडिया ने बताया कि उनके मुश्किलों के परिजनों की शिकायत पर उन्होंने इस बारे में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के चेयरमैन व शेषन जज को लिखित शिकायत देकर मांग की है कि घायल कैदियों का जल्द मेडिकल करा कर मामले की जांच कर तुरंत आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कठोर

कार्रवाई की जाऐ।

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