तावडू शहर में जाम की समस्या आए दिन विकराल रूप लेती जा रही है, लेकिन पुलिस को भी बार-बार अवगत कराने पर नहीं दिया जा रहा ध्यान।
नसीम खान
तावडू,
शहर का प्रमुख चौक पर दिन-प्रतिदिन जाम की समस्या एक विकराल रूप लेती जा रही है। लेकिन यहां भी वाहन धारकों को यातायात जाम होने की समस्या से लोगों को जूझना पड़ता है। इसका मुख्य कारण निजी चौराहे के आसपास निजी बसों का अतिक्रमण है। इसके साथ-साथ निजी वाहनों का भी सडक़ पर ही खड़े करना है। यात्रियों के इंतजार में बसें काफी समय तक खड़ी रहती हैं। चौराहे पर कभी-कभी ही यातायात पुलिस दिखाई देती है। पिछले कई वर्षों से रेड लाइट भी खराब पड़ी है। जो कि कई बार अवगत कराने पर भी सुचारू रूप से चालू नहीं कराई गई है।
शहर के पटौदी चौक से बिलासपुर जाने वाला मार्ग पर दिन प्रतिदिन जाम की स्थिति बढ़ती ही जा रही है। लेकिन जाम से निजात दिलाने के लिए स्थानीय पुलिस नाकाम साबित हो रही है। कई बार तो इस मार्ग पर एंबुलेंस सहित अग्निशमन की गाड़ी भी जाम में फंस जाती है। इस दौरान भारी असुविधा का सामना करना पड़ता है। इस चौक पल भर में ही जाम लग जाता है। जिससे सभी मार्ग जाम की चपेट में आ जाते हैं। चौक पर सिग्नल व्यवस्था तो है, लेकिन सिग्नल खराब होने के कारण बंद रहते हैं। यातायात पुलिसकर्मी नहीं होने से निजी बसों और हरियाणा रोडवेज की बस के चालक मानमानी कर कहीं भी बस को खड़ी कर सवारी भरने लगते हैं। शहर के प्रमुख चौराहा से रेवाड़ी की ओर जाने वाला मार्ग और चौक से सोहना की ओर जाने वाला मार्ग वही चौक से नंूह की ओर जाने वाला मार्ग पर ऑटो चालकों की भी लाइन लगी रहती है। जो कभी भी दुर्घटना का कारण बन सकते हैं। चौक में कुछ लोगों से बातचीत करने पर ने बताया कि यहां से रोज का आना-जाना है। निजी बसों का इतना जमावडा रहता है कि चौक पार करना मुश्किल हो जाता है। उन्होंने बताया कि चौक में जाम होने का कारण निजी बसें ही हैं और सडक़ के दोनों तरफ गाडियां खड़ी कर देने से भी जाम लग जाता है। ऐसे में इन करो की पार्किंग पर प्रतिबंध लगाना जरूरी है। यहां रोज ही निजी बसों का बोलबाला होने के साथ-साथ होने सहित हरियाणा रोडवेज की बसें भी जाम लगती हैं। लेकिन कार्रवाई किसी की ओर से नहीं की जाती है।
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