शिक्षा विभाग की अंदेखी के चलते स्कूलों में शिक्षकों की कमी, नहीं बढ रहा शिक्षा का स्तर।
नसीम खान
तावडू,
शिक्षा विभाग शिक्षा के स्तर को बढावा देने के लिए नित नए प्रयास कर रहा है। लेकिन जिले में 904 राजकीय विद्यालय, जिनमें 499 प्राथमिक, 257 माध्यमिक, 7 उच्च व 141 राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में 2 लाख 42 हजार 949 छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। लेकिन जिले में शिक्षण स्टाफ व अधिकारियों की भारी कमी हैं। ऐसे में बिना गुरुजनों के सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों को कैसे समुचित शिक्षा मिल पाएगी।
उल्लेखनीय है कि गत वर्ष प्रदेश सरकार ने जिले में आधा दर्जन से अधिक राजकीय विद्यालयों को माडल संस्कृति विद्यालय में तब्दील किया था। इनमें राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय तावडू, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय नूंह, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय नगीना, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय रानियाला तथा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सिरौली पुन्हाना को माडल संस्कृति विद्यालय में अपग्रेड कर दिया गया। दावे किए गए थे कि अब इन विद्यालयों में सीबीएसई बोर्ड से अंग्रेजी माध्यम से छात्रों को शिक्षा दी जाएगी। लेकिन जब शिक्षकों की ही कमी है तो बच्चे कैसे पढ़ पाएंगे। सिर्फ शिक्षक ही नहीं जिले में अधिकारियों की भी भारी कमी हैं। जिला शिक्षा अधिकारी के एक पद को छोड़ जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी का एक पद और उप जिला शिक्षा अधिकारी के तीन पद रिक्त पड़े हैं। इसके अतिरिक्त डाइट प्रिंसिपल का एक पद, बाइट प्रिंसिपल नगीना का एक पद और गेटटी फिरोजपुर नमक का एक पद रिक्त पड़ा है। इसके अतिरिक्त जिले के 7 मेवात माडल स्कूलों को भी हरियाणा शिक्षा बोर्ड में समायोजित कर दिया गया है। इसके अलावा जिले के प्रत्येक खंड से एक-एक राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय को पीएमश्री नाम देकर इन विद्यालयों में निजी स्कूलों की तर्ज पर सभी सुविधाएं देने के दावे किए गए हैं। इन दावों के बावजूद विद्यालयों की हालत अभी भी खस्ता ही है।
वहीं यदि शिक्षकों की बात की जाए तो 9398 पद में से वर्तमान में मात्र 4654 शिक्षक हैं। जबकि 4744 शिक्षकों के पद अभी भी रिक्त हैं। फिरोजपुर झिरका खंड के अहमदाबाद विद्यालय में छात्रों की संख्या तो 800 के पार है। लेकिन शिक्षकों की संख्या मात्र दो है। इसी प्रकार पुन्हाना खंड के रानियाला और सिरौली के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में भी शिक्षकों की भारी कमी है।
जिला शिक्षा अधिकारी परमजीत चहल ने बताया की यह सही है कि जिले में शिक्षकों की कमी है। फिर भी अतिरिक्त उपायुक्त रेनू सोगन की अगुवाई में शिक्षा अधिकारियों की एक कमेटी गठित की गई है। जिनकी रिपोर्ट पर स्कूलों में शिक्षकों की अस्थायी तैनाती की जा रही है। क्योंकि माडल संस्कृति स्कूलों में केवल सेंटा टेस्ट पास करने वाले शिक्षकों को ही नियुक्त किया जा सकता है।
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