श्री मद्भागवत कथा में सुखदेव जन्म परीछत जन्म व कलयुग का किया वर्णन
तसलीम अलवी,
नगीना,
प्राचीन शिव मंदिर स्थल नगीना में मातृशक्ति के द्वारा आयोजित श्री मद्भागवत कथा के दूसरे दिन कथा में सुखदेव जी का जन्म , परीक्षित का जन्म,परीछत का कलयुग से भेंट, कलयुग का प्रवेश के बारे में कथा प्रवक्ता वृंदावन धाम मथुरा से पधारे गोविंद शास्त्री ने कथावाचन में वर्णन करते हुए विस्तार से बताया। सुखदेव जी महर्षि वेदव्यास के पुत्र थे और परीछत अभिमन्यु के पुत्र थे । उन्होंने ने मद्भागवत कथा में बताया की कलयुग ने राजा परीछत से रहने के लिए जगह मांगी तो परीछत ने उन्हें राजा जरासंध के सोने के मुकुट में रहने के लिए स्थान दे दिया मुकुट दूषित होने के कारण पाप कर्म का उदय हो गया। कलयुग ने राजा परीछत के मस्तिष्क पर अपना प्रभाव जमा लिया और जिसकी वजह से राजा परीछत से ऋषि का अपमान हो गया और ऋषि ने उन्हें श्राप दे दिया। जिसकी वजह से एक सप्ताह में तकक्षत सर्प के डसने से राजा परीछत की मृत्यु हो गई । कलयुग का प्रभाव धीरे-धीरे बढ़ने लगा । आचार्य मोनू जी ने विधि विधान एवं मंत्रोच्चारणों के साथ पूजा अर्चना संपन्न कराई।
इस अवसर पर प्राचीन शिव मंदिर अस्थल कमेटी के अध्यक्ष किशन चंद गुप्ता सर्व जातीय सेवा समिति को उपाध्यक्ष व समाजसेवी रजत जैन, पूर्व सरपंच सुभाष चंद्र गुप्ता, पंडित जगन शर्मा, पंडित बाबू राम शर्मा ,पंडित लाजपत शर्मा ,रसजू सिंगला,घीसा राम सैनी शर्मा,नवीन शर्मा, ओम प्रकाश साहू, मंजू शर्मा, लक्ष्मी देवी ,सीमा गोयल, दीपमाला,राधिका जैन,मधु जैन,माया देवी, अनिता सैनी, सविता मंगला, पूनम सैनी ,इंदिरा जैन, सुशीला देवी,कैलाश गुप्ता, लोकेश गुप्ता संदीप सैनी,दिनेश शर्मा आदि उपस्थित रहे।
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