जाच से पहले 14 लाख के मनरेगा गबन मामले को दबाने का प्रयास
• मनरेगा कार्य की जांच से डरे भ्रष्टाचार्यों ने रातों-रात मशीनों से करा दिया कार्य
• शिकायतकर्ता ने मौके पर पुलिस को बुलाया,भागने लगी मशीनें
• अक्तुबर माह में गांव अड़बर के सरकारी स्कूल में बिना मिट्टी भराई में 14 लाख के गबन का आरोप
यूनुस अलवी,
नूंह :
नूंह जिले के गांव अडबर के सरकारी स्कूल में मनरेगा योजना के तहत किए गए कार्य को बिना मजदूरों के मिट्टी भराई में करीब 14 लाख रुपये के घोटाले की जांच शुरू होते ही राशि का बंदरबांट करने वालों में खलबली मच गयी है। मामले की जेसे ही जांच शुरू हुई तो घोटाले पर पर्दा डालने के लिए रात के समय स्कूलों में ट्रैक्टर और जेसीबी से मिट्टी भराई का कार्य शुरू कर दिया गया। कार्य की सूचना जब शिकायतकर्ता साहिल पुत्र सहाबदीन को मिली तो उन्होंने मौके पर पहुंच कर डायल 112 पुलिस को बुलाया। पुलिस को देख मौके पर काम कर रही जेसीबी मशीनें और ट्रैक्टर भाग गए। जिसके बाद शिकायतकर्ता ने नूंह जिला उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा और सदर थाना नूंह पुलिस को शिकायत देते हुए इसके साक्ष्य के रूप में वीडियो और फ़ोटो भी उपलब्ध कराएं है। आरोपी जांच से पहले कार्य दिखाकर घोटाला पर परदा डालने की कोशिश कर रहे थे।
गांव अडबर निवासी साहिल पुत्र सहाबदीन ने डीसी को दी शिकायत में बताया कि गत सितंबर और अक्टूबर माह में सरपंच ने एबीपीओ, एसडीओ, ग्राम सचिव, जेई और स्कूल के प्रधानाचार्य से मिली भगत कर मनरेगा योजना से मिट्टी भराई का कार्य कराया गया था। जिसमें किसी भी मजदूर न कोई काम नहीं किया और न ही धरालत पर कोई कार्य हुआ। सभी ने मिलकर मनरेगा योजना से कार्य दिखाकर करीब 14 लाख रुपए आपस में बांट लिए। शिकायत पर जिला उपायुक्त ने सीईओ जिला परिषद को जांच अधिकारी नियुक्त किया और मनरेगा लोकपाल से मामले की जांच कराई जा रही है। जैसे ही इसकी जांच की ख़बर मनरेगा योजना में लाखों का गबन करने वालो को लगी वैसे ही भ्रष्टाचारियों में खलबली मच गई और बीते दिनों गत 9 दिसंबर की रात अपने बचाव में घोटाले पर पर्दा डालते हुए जेसीबी मशीन और ट्रैक्टरों से स्कूलों में मिट्टी भराई का कार्य शुरू कर दिया। शिकायतकर्ता सुबह करीब 4:00 बजे जब मौके पर पहुंचा तो देखा दोनों स्कूलों में ट्रैक्टर से मिट्टी डाली जा रही थी। जिसके बाद मौके पर डायल 112 पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस को देखकर ट्रैक्टर और जेसीबी मशीन चालक मौके से अपने वाहनों को लेकर भाग गए। साहिल का आरोप है कि इस घोटाले में ग्राम सचिव, एबीपीओ, एसडीओ, सरपंच स्कूल के प्रधानाचार्य और अध्यापक शामिल है। उन्होंने बताया कि शिकायत को 20 दिन से अधिक का समय हो गया है, लेकिन अभी तक उक्त लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। शिकायतकर्ता ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। जिसके बाद अब वह जल्द ही कोर्ट का रुख करेंगे।
2022 में मनरेगा गबन मामले में सुर्खियों में रहा जिला
वर्ष 2022 में नूंह जिला मनरेगा में गबन मामलों में सुर्खियों में रहा था। जिले की ग्राम पंचायत में जमकर मनरेगा योजना के तहत लूट मचाई गई। जो मामले उजागर हुए उनमें जिला प्रशासन द्वारा कड़ी कार्रवाई की गई । कुछ मामलों में तो मनरेगा योजना के भ्रष्टाचारी अभी भी पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं तो कुछ जमानत पर बाहर घूम रहे है। जिला प्रशासन की कार्रवाई से करीब एक साल तक मनरेगा योजना के काम जिले में बंद रहे। लेकिन एक बार फिर मनरेगा के तहत कार्य शुरू कर दिए गए हैं। इन दिनों जिले की दर्जनों ग्राम पंचायत में मनरेगा तहत नियमों को ताक पर रखकर मनरेगा योजना के तहत कार्य कराए जा रहें है। जिन पर न तो जिला प्रशासन की नजर है और नहीं सरकार की। कुल मिलाकर पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी मनरेगा की मलाई चाटने वाले जिले में एक बार फिर से सक्रिय हो गए है।
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जिला उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने कहा कि मामला उनके संज्ञान में है। मामले की जांच चल रही है। जो दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
फ़ोटो :
रात के समय गांव अड़बर के सरकारी स्कूल में किए जा रहे मिट्टी भराई के कार्य पर शिकायतकर्ता द्वारा बुलाई गई पुलिस
मिट्टी भराई का कार्य कर जेसीबी को
भगाकर लेकर जाता चालक
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