याद राम गर्ग ने मदरसे में रखी तीन कमरों की नींव
-हिंदु-मुस्लिम भाईचारा की मिसाल की कायम
फोटो-सिंगार गांव में यादराम गर्ग उलेमाओं के साथ मदरसा में कमरों की नींव रखते हुए
तसलीम अलवी,
पुन्हाना,
मेवात इलाका सदियों से हिन्दू-मुस्लिम भाईचारा की एक मिसाल रहा है। यहां पर हिंदू-मुस्लिम मिलकर जहां एक दूसरे के त्योहारों को मनाते हैं वहीं शादियों में भी बाखुशी शामिल होते है। अब समाजसेवी यादराम गर्ग पिनगवां में खंड के गांव सिंगार स्थित दारूल उलूम रहमानिया मदरसा में तीन कमरों की नींव रखकर हिन्दू मुस्लिम भाईचारे की मिसाल कायम की है। वहीं मदरसा पहुंचे पर ग्रामीण और संचालकों ने यादराम गर्ग को जोरदार स्वागत किया गया। वहीं उन्होने मदरसे के कमरों के निर्माण के लिए अपने निजी खाते से 21 हजार रुपये की भी आर्थिक मदद की।
इस मौके पर यादराम गर्ग ने कहा कि मेवात जैसा हिंदू-मुस्लिम का भाई चारा दुनिया में नहीं है। यहां पर सभी धर्मों के लोग सदियों से मिलजुल कर रहते हैं। उन्होने कहा कई बार कुछ शरार्ती तत्वों ने मेवात के भाईचारा को बिगाडे की कोशिश भी की लेकिन वे कामयाब नहीं हो सके। उन्होने कहा कि मेवात में हिंदु-मुस्लिम एक दूसरे के त्योंहारों और शादियों में बढ़ चढ़ कर भाग लेते है। यहां पर भाईचारे को कोई तोड़ नहीं सकता है।
दारुल उलूम रहमानिया मदरसा सिंगार के संचालक मौलाना राशिद खान ने बताया कि मदरसे में आठवीं कक्षा तक दुनियावीं और दीनी तालीम दी जाती है। मदरसे में कमरों के निर्माण की नींव का उद्घाटन यादराम गर्ग से कराने का मकसद मेवात की हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे की मिसाल को कायम रखना है। उनका कहना है कि भले ही पूरे भारत में नफरत का आग लगती हो लेकिन मेवात मे कभी भी संप्रयादिय दंगे नहीं हुए है।
इस मौके पर गुलदीन कुरैशी, कारी अरशद, कारी बिलाल, हाजी इसराईल, फखदीन प्रधान सहित काफी प्रमुख लोग मौजूद रहे।
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