परमात्मा शिव बिन्दू रूप व ज्ञान के सागर है: बीके कविता बहन।
पुन्हाना, कृष्ण आर्य
प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्व विद्यालय पुन्हाना केन्द्र के तत्वाधान में महाशिवरात्रि पर्व बडे ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। महाशिवरात्रि पर्व के उपलक्ष्य में शहर के पंजाबी बारात घर प्रांगण में सांस्कृतिक व प्रवचन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में भरतपुर केंद्र से बीके कविता दीदी उपस्थित रहीं तो कार्यक्रम में बतौर अतिथि के रूप में नगरपालिका चैयरमैन बलराज सिंगला व सिटी चौकी प्रभारी संजीत कुमार शामिल हुए। कार्यक्रम की शुरूआत दीप प्रज्जवलन व ध्वजारोहण करने उपरांत की गई। इससे पूर्व शहर के मुख्य बाजारों में बैंड़ बाजे के साथ परमपिता परमात्मा शिव जी की शोभायात्रा व सैकड़ों महिलाओं द्वारा भव्य कलश यात्रा निकाली गई, जिसका शहर पुन्हाना के बाजारों में पुष्प बरसात के साथ स्वागत किया गया। कार्यक्रम में छोटी छोटी बालिकाओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। मुख्य वक्ता व अतिथियों का शॉल, पटका, स्मृति चिन्ह् भेंटकर फूल मालाओं के साथ स्वागत किया गया।
उपस्थित महिलाओं व पुरूषो को संबोधित करते हुए ब्रह्माकुमारी कविता दीदी ने महाशिवरात्रि पर्व के महत्व पर प्रकाश डालने के साथ साथ परमपिता शिव जी के दिखाए मार्ग पर चलने का आह्वान किया।उन्होंने कहा कि परमात्मा शिव ज्योति बिंदु रूप और ज्ञान के सागर है। शिवरात्रि पर्व अज्ञान के अंधकार की रात्रि को समाप्त कर ज्ञान का प्रकाश लाने का यादगार पर्व है। हम सभी को पावन पर्व पर अपने मन के अंदर व समाज मे फैली कुरीतियों को दूर करने का संकल्प लेना चाहिए। जब समाज में अंधविश्वास का बोलबाला हो जाता है तो घोर अंधेरे रात्रि में परमात्मा शिव अवतरित होकर सभी प्राणियों के आत्मा को पवित्रता का अलख जगाने का कार्य करते है। कलियुग के अंतिम चरण में भगवान शिव हम सभी आत्माओं को शांति, शक्ति, ज्ञान,पवित्रता, सुख, दया व सहनशीलता के गुण धारण करने का उपाय बताते है। संसारिक सुखों में लिप्त लोगो को पापाचार एवं कदाचार मुक्त समाज के निर्माण का कार्य करते है। परमात्मा पिता हमसे कुछ लेता नही, बल्कि हमारी झोली खुशियों से भर देता है।
पुन्हाना केन्द्र संचालिका बीके योगिनी दीदी ने बताया कि सेवा केंद्र के माध्यम से लोगो को संदेश दिया जा रहा है कि स्वयं निराकार परमपिता शिव इस धरा पर अवतरित होकर मनुष्य आत्माओं को देव तुल्य बनाने का कार्य कर रहे है। परमपिता ने इस संसार मे सभी को जिम्मेदारियां निर्धारित करके भेजा है। सेवा केंद्र की बहनें समाज को सही रास्ते पर चलने व शांति में रहने की शिक्षा देने की जिम्मेवारी निभा रही है। सेवा केंद्र क्षेत्र में
फोटो: मुख्य वक्ता बोलते हुए व दीप प्रज्जवलन करते हुए।
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