बीजेपी का नूंह में ध्रुवीकरण का प्लान
फायर ब्रांड हिंदू नेता मंत्री बने संजय सिंह
दीपक कुमार,
नूंह :
हरियाणा में सीएम नायब सिंह सैनी की कैबिनेट में बतौर राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जगह पाने वाले संजय सिंह की पहचान फायर ब्रांड हिंदू नेता की है। संजय सिंह की विधानसभा सीट-सोहना-तावडू- मुस्लिम बहुल्य, नूंह से लगती है। संजय सिंह ने ही पिछले साल जुलाई में हुए नूंह दंगों के बाद, वहां अगस्त में दोबारा ब्रजमंडल यात्रा निकालने के लिए सबसे आगे रहकर काम किया।
राजपूत बिरादरी से आने वाले संजय सिंह को नूंह, पलवल और आसपास के इलाके में ऐसे नेता के तौर पर जाना जाता है जो हिंदू धर्म और हिंदुओं के अधिकारों के लिए मुखरता से आवाज उठाता है। लोकसभा और विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा ने उन्हें प्रदेश मंत्रिमंडल में शामिल करके साफ कर दिया है कि वह यूपी और राजस्थान की तरह हरियाणा में भी वोटों के ध्रुवीकरण का प्लान लागू करने जा रही है। गुड़गांव और नूंह में भाजपा से जुड़े लोगों के मुताबिक, 31 जुलाई 2023 में हिंदू संगठनों ने नूंह में ब्रजमंडल यात्रा निकाली जो हिंसा के चलते अधूरी रह गई। उसके बाद जिन हिंदू नेताओं ने अधूरी यात्रा को पूरा करने के लिए सबसे पहले आवाज उठाई, संजय सिंह उनमें से एक थे।
हिंदू संगठनों की ओर से नूंह में 28 अगस्त को दोबारा निकाली गई ब्रजमंडल यात्रा का सूत्रधार संजय सिंह को ही माना जाता है। इससे पहले पलवल में हुई महापंचायत हो या फिर अधूरी यात्रा पूरी करने के लिए नूंह बॉर्डर पर रखी गई मीटिंग हो, संजय सिंह हर जगह सबसे आगे रहे।
नूंह दंगों के बाद कहा था- अपने समाज की रक्षा नहीं कर सकता तो मुझे एमएलए रहने का हक नहीं
31 जुलाई 2023 को नूंह में हुए दंगों के बाद संजय सिंह ने मीडिया से कहा था- मुझे मेरे निर्वाचन क्षेत्र के लोगों ने हमारे समाज की रक्षा और शांति-सद्भाव बनाए रखने के लिए चुना है। अगर मैं उनकी रक्षा नहीं कर सकता तो मुझे विधायक बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। मैं पहले हिंदू हूं और फिर विधायक। अपने लोगों की रक्षा करना मेरा कर्तव्य है।
मेवात में बीजेपी पर कांग्रेस-इनेलो भारी :
नूंह जिले की फिरोजपुर झिरका, पुन्हाना और नूंह विधानसभा सीट मुस्लिम बाहुल्य है। इनसे लगती पलवल जिले की हथीन और गुरुग्राम जिले की सोहना-तावडू सीट पर भी मुस्लिम वोटर ही तय करते हैं कि कौन जीतेगा और कौन हारेगा। इनमें से सोहना-तावडू और हथीन को छोड़कर भाजपा आज तक बाकी किसी सीट पर जीत नहीं पाई। 2014 के विधानसभा चुनाव में फिरोजपुर झिरका से इनेलो के नसीम अहमद और नूंह से इनेलो के जाकिर हुसैन जीते थे। पुन्हाना सीट निर्दलीय के खाते में गई। सोहना से भाजपा के तेजपाल तंवर और हथीन से इनेलो के कहर सिंह विधायक बने। 2019 के विधानसभा चुनाव में फिरोजपुर झिरका सीट से कांग्रेस के मामन खान, पुन्हाना से मोहम्मद इलियास और नूंह से कांग्रेस के आफताब अहमद जीते। हथीन से भाजपा के प्रवीण डगर और सोहना-तावडू से भाजपा के संजय सिंह विजयी रहे।
यानि 2014 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी मेवात एरिया की महज एक और 2019 में दो सीटें जीत पाई। नूंह जिले की तो तीनों सीटें कांग्रेस की झोली में गईं।
ध्रुवीकरण की राह पर भाजपा :
अब लोकसभा चुनाव से ठीक पहले, मुस्लिम बहुल्य मेवात एरिया से आने वाले संजय सिंह को हरियाणा सरकार में जगह देकर बीजेपी ने संदेश दे दिया है कि वह वोटों के ध्रुवीकरण की राजनीति करेगी।
बीजेपी के रणनीतिकार जानते हैं कि प्रदेश में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने के लिए उसे राज्य की हर बेल्ट के हिसाब से स्ट्रेटेजी बनानी होगी। इनमें जीटी रोड, बांगर, खादर और बागड़ बेल्ट के साथ-साथ नूंह का इलाका भी शामिल है।
नूंह में हारे, सीट बदलते ही जीते :
संजय सिंह मूल रूप से नूंह जिले में उजीना गांव के रहने वाले हैं। उनके पिता कंवर सूरजपाल सिंह हरियाणा में राज्यमंत्री रह चुके हैं। संजय सिंह का परिवार मेवात एरिया के प्रमुख राजनीतिक परिवारों में गिना जाता है।
संजय सिंह ने अपनी राजनीति ग्राउंड लेवल से शुरू की और सबसे पहले अपनी पंचायत में सरपंची का चुनाव लड़े। उसके बाद उन्होंने नूंह जिले की तावडू और नूंह विधानसभा सीट से 3 बार बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा लेकिन एक बार भी जीत नहीं पाए।
भाजपा ने 2019 के विधानसभा चुनाव में संजय सिंह की सीट बदल दी और उन्हें गुरुग्राम के सोहना और नूंह जिले के तावडू एरिया को मिलाकर बनाई गई सोहना-तावडू सीट से मैदान में उतारा। इस बार संजय सिंह जीत गए।
किसान और गौरक्षा संगठनों से जुड़ाव :
संजय सिंह का किसान और गौरक्षा संगठनों से पुराना जुड़ाव है। वह सरकार में भी कई पदों पर रह चुके हैं। भूमि विकास बोर्ड के निदेशक के अलावा वह मेवात विकास बोर्ड और राज्य खादी ग्राम उद्योग बोर्ड के मेंबर भी रहे।
फोटो: संजय सिंह, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ।
Author: Khabarhaq
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