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• नूंह अनाज मंडी पहुँचे आफ़ताब, सरसों ख़रीद ना होने पर बीजेपी सरकार को घेरा

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• नूंह अनाज मंडी पहुँचे आफ़ताब, सरसों ख़रीद ना होने पर बीजेपी सरकार को घेरा
• लगभग 1300 रू प्रति क्विंटल का नुक़सान उठा रहा किसान: आफ़ताब अहमद 
• नूंह ज़िले के किसानों के साथ लगातार भेदभाव कर रही बीजेपी सरकार: आफ़ताब अहमद
यूनुस अलवी, 
मेवात,
सरसों की सरकारी खरीद के लिए भले ही प्रदेश सरकार ने आदेश जारी किए हैं लेकिन किसान खरीद न होने के आरोप लगा रहे हैं। जिससे किसान ख़ासे परेशान हैं। वहीं कांग्रेस विधायक दल के उप नेता चौधरी आफ़ताब अहमद ख़ुद नूँह अनाज मंडी पहुँचे और सरसों ख़रीद का जायज़ा लिया। मंडी में मौजूद किसानों की समस्या सुनते हुए उन्होंने आला अधिकारियों से फ़ोन पर बातचीत की।
 विधायक आफ़ताब अहमद ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अभी तक नूँह ज़िले में एक भी दाना सरसों का सरकारी दामों पर नहीं ख़रीदा गया है। ख़ुद मुख्यमंत्री की घोषणा कि 26 मार्च से सरसों की सरकारी ख़रीद शुरू होगी के बावज़ूद नूँह ज़िले में कई दिन अतिरिक्त बीतने के बाद भी कोई ख़रीद नहीं की गई है।किसान मंडी में अपनी सरसों की फसल तो ला रहे हैं, लेकिन सरकारी की बजाय निजी व्यापारी कम दाम पर खरीद रहे हैं।
विधायक आफ़ताब अहमद ने कहा कि सरसों का एमएसपी 5650 रू प्रति क्विंटल है, सरकार सरसों ख़रीद नहीं रही जबकि किसान मंडी में व्यापारियों को लगभग 4300 रुपये प्रति क्विंटल बेचने को मजबूर हैं जिससे उन्हें 1300 रू प्रति क्विंटल नुक़सान उठाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि नूँह मंडी में लगभग 10000 क्विंटल सरसों अभी तक किसान बेचने को लाया है जिसमें से एक भी दाना सरकारी दामों पर नहीं ख़रीदा गया है। इससे किसानों को यहीं पर 12 करोड़ रुपये का नुक़सान उठाना पड़ा है।
जबकि पूरे ज़िले में 30000 क्विंटल सरसों मंडी आने का अनुमान है अगर ऐसे ही सरकारी ख़रीद नहीं हुई तो ज़िले के किसानों को 36 करोड़ रुपये का नुक़सान उठाना पड़ सकता है।
ज़्यादातर सरसों की फसल किसान बीजेपी सरकार की ग़लत नीति और नीयत के कारण निजी लोगों को बेच चुका है।
वहीं किसानों का आरोप है कि खरीद एजेंसी वाले जानबूझ सरसों नहीं खरीद रही। इसलिए उन्हें सस्ती सरसों बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
विधायक आफ़ताब अहमद ने कहा कि पहले भी बीजेपी सरकार का यही नकारात्मक रवैया नूँह ज़िले में फसल ख़रीद को लेकर रहा है, बाजरा ख़रीद को लेकर भी यही हाल रहा। बार बार आवाज़ उठाने पर फसल ख़रीद होती है और ऐसा प्रतीत होता है कि बीजेपी सरकार किसानों को जानबूझकर तंग कर रही है। किसान आंदोलन की ख़ून्नस शायद अभी भी सरकार के मन में है ऐसा लगता है। हाल ही में मुख्यमंत्री नायब सैनी की तावडू रैली के दौरान किसानों को मंडी आने से मना करने पर विधायक ने कहा कि सरकार किसानों का अपमान कर रही है।
विधायक आफ़ताब अहमद ने कहा कि किसानों से लगातार बीजेपी सरकार सौतेला व्यवहार कर रही है फिर चाहे वो केंद्र की मोदी सरकार हो या प्रदेश सरकार। ख़ुद प्रधानमंत्री ने कहा था कि 2022 तक किसानों की आय वो दोगुना कर देंगे लेकिन आय तो दूर बल्कि किसान का खर्च दोगुना हो गया है फॉर जब फसल ख़रीद का समय हो तो फसल भी सरकार नहीं ख़रीदती।
विधायक आफ़ताब अहमद ने कहा कि ना समय पर बिजली पानी, ना खाद मिलता है और अंत में फ़सल का दाम भी सरकार नहीं दे रही है, ये सरकार किसानों के हितों के विपरीत कार्य कर रही है। उन्होंने अनाज मंडी में अन्य ज़रूरी सुविधाओं का मुद्दा भी उठाया। इसके अलावा विधायक ने अनाज मंडी में किसानों के अलावा मज़दूरों और आढ़तियों की समस्याओं को सुनकर समाधान कराने के लिए कहा है। उनके साथ दर्जनों किसानों, कांग्रेस कार्यकर्ताओं सहित पीसीसी सदस्य महताब अहमद आदि मौजूद थे।
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Author: Khabarhaq

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