नशे के खिलाफ चलाये गये ऑपरेशन आक्रमण में पुलिस ने पकड़ा छुटभैया दुकानदार, बड़े मगरमच्छ रहे पुलिस पकड़ से दूर।
कृष्ण आर्य,
पुन्हाना,
बीते दिन नशे के खिलाफ बड़े स्तर पर चलाये गये ‘ऑपरेशन आक्रमण’ अभियान के तहत स्थानीय सिटी चौकी पुलिस ने कार्यवाही करते हुए एक छुटभैया दुकानदार को पकड़ने में बड़ी कामयाबी पाई है। पुलिस ने आरोपी से कई दर्जन शराब के पब्बे बरामद भी किये है।पुलिस के इस ऑपरेशन आक्रमण अभियान के दौरान शहर में सैकड़ो की तादाद में शराब सहित अनेको तरह के नशीले प्रदार्थ के बड़े स्तर के तस्कर और दुकानदार पुलिस पकड़ से दूर रहे। हालांकि पुलिस के मुताबिक पुलिस द्वारा चलाये गये अभियान में शहर में उन्हे कहीं भी शराब सहित अन्य नशीले प्रदार्थ संबधित बिक्री दिखाई नही दी। पुलिस प्रशासन के इतने बड़े अभियान में हुई छुट पुट कार्यवाही लोगो के लिए चर्चा का विषय बनी रही। पुलिस की नशे के खिलाफ चलने वाली खानापूर्ती वाली इस तरह की कार्यवाही कोई पहली बार नही है, बल्कि समय समय पर ऐसी वाहवाही का तगमा लेने वाली कार्यवाही चलती रहती है। ऐसा नही है कि आमजन या प्रशासन के अधिकारी इस तरह की कार्यवाही से अनजान है। आम नागरिक ऐसे छापेमारी के दौरान ये कहने से भी नही चूकते कि सब कुछ साठ -गांठ का खेल है, बड़े मगरमच्छ ना पकड़कर छोटे मोटे के खिलाफ कार्यवाही करके अभियान का हिस्सा बनती है स्थानीय पुलिस।
सूत्रों की माने तो पुन्हाना शहर में ना केवल नशे में शराब या बियर का प्रचलन है, बल्कि पुन्हाना शहर अब नशे का बड़ा गढ़ बन चुका है, नशीली दवाईया, इंजेक्शन से लेकर गांजा, अफीम, चरस तक का बड़े स्तर पर धंधा जारी है। यहां यह कहना भी गलत होगा कि शहर पुन्हाना में इस कदर नशे का सामान बिकना और पुलिस को जानकारी नही होना संभव नही है। सब कुछ जानते हुए भी विशेष अभियान के नाम पर छुटपुट कार्यवाही यही इशारा करती है कि महीने के पहले सप्ताह में ऐसे कारोबार में संलिप्त लोग पहले ही नमस्ते कर लेते है। सूत्रों का कहना है कि पुन्हाना शहर में गली मोहल्लो मे खुली दुकानों पर बिकने वाली शराब को बड़े तस्कर बाइको के माध्यम से सुबह दोपहर शाम प्रतिदिन सप्लाई करते है। इन तस्करो से शहर में लगने वाली पुलिस की ना केवल मासिक साठ -गांठ है बल्कि समय समय पर पुलिस फटीक भी ली जाती है। जिसे ऐसे कारोबारी में संलिप्त लोग आसानी से भुगतान करते है तथा दिन भर पुलिस की जी हजूरी में पेश रहते है।
लोगो का कहना है कि शहर में बिकने वाला नशा युवा वर्ग को खोखला करने का काम कर रहा है। लाखो रुपये की प्रतिदिन बिकने वाली एकमात्र शराब से युवा वर्ग नशे की गिरफ्त में आता जा रहा है। अन्य नशीले उत्पादों से ना केवल युवा अपना शरीर खराब कर रहा है बल्कि घरो व दुकान से सामान चोरी, मोबाइल, चैन स्नैचिंग, बाइक चोरी की वारदात जैसी घटनाओ को बढ़ावा दे रहे है।
स्थानीय लोगो ने जिले के पुलिस प्रशासनिक अधिकारियो से बड़े स्तर पर बाहरी स्टाफ के माध्यम से बड़े मगरमच्छो पर दबिश देकर कड़ी कार्यवाही कराने की मांग की है, ताकि शहर में सैकड़ो दुकानों पर बिकने वाली शराब की सप्लाई पर ही पूर्ण रूप से रक लग सके
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