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रहीस खान ने जर्दा-बिरयानी की दावत खिलाकर की निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा  • पूर्व विधायक रहीस खान भाषण देते रहे और जनता जर्दा-बिरयानी पर लड़ती रही

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 रहीस खान ने जर्दा-बिरयानी की दावत खिलाकर की निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा 

• पूर्व विधायक रहीस खान भाषण देते रहे और जनता जर्दा-बिरयानी पर लड़ती रही

• रहीस खान खाली पड़ी कुर्सियों को ही अपना भाषण सुनाते रहे

• जर्दा बिरयानी की दावत में फावला, लाठी भी देखी गई

• कई लोग बिरयानी पर लड़ते रहे तो कुछ पोटली बांधकर घर भी ले गए

यूनुस अलवी,

मेवात/हरियाणा

पुनहाना से पूर्व निर्दलीय विधायक रहीस खान चुनाव नजदीक आते ही सक्रिय हो गए हैं। रहीस खान पिछले 5 साल से ने तो सत्ता पक्ष के साथ नजर आए और ने ही सरकार के खिलाफ विपक्ष की भूमिका निभाई। वह ने किसी धरना प्रदर्शन में देखे गए और ने ही सरकार के मंत्रियों के साथ स्टेज सांझा किया। यहां तक नूंह हिंसा और घाटमीका हत्याकांड पर भी नजर नहीं आए। ये माना जाए कि पूर्व विधायक रहीश खान पूरे पांच साल तक मोन रहे। हां इन पांच साल में पुनहाना पिनगवां में कार्यकर्ताओं की बैठक कर केवल अपना ही गुणगान गाते रहे।

रहीस खान को शायद कांग्रेस या बीजेपी से टिकिट की उम्मीद रही होगी। वैसे वह इनेलो में शामिल होने के लिए इनेलो नेताओं से मिल चुके थे। लेकिन अब उन्होंने ठान लिया है कि वह सफेद झंडा पर यानी निर्दलीय ही चुनाव लड़ेंगे। यानी अगर जीत गए तो दोनों हाथ में लड्डू रहेगा। कांग्रेस सत्ता में आई तो कांग्रेस के साथ और बीजेपी सत्ता में आई तो पिछली तरह बीजेपी के साथ। शायद रहीस खान इसी वजह से 5 साल से मोन रहे होंगे। पर पुनहाना की जनता बहुत होशियार है। 2019 के विधानसभा चुनाव को रहीस खान करीब 10 हजार से ऊपर अपनी जीत मानकर चल रहे थे। आखिरकार रहीस खान उस चुनाव को मोहम्मद इलियास से करीब 813 वोट से हार गए। यानी ये समझना चाहिए कि हर जर्दा बिरयानी खाने वाला वोटर नहीं होता।

रहीस खान ने सोमवार 5 अगस्त को पुनहाना में एक रैली कर सफेद झंडे पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी। रेली में आने वाले लोगों के लिए रहीस खान ने जर्दा बिरयानी की दावत भी की थी। मजेदार बात ये है कि जब स्टेज से रहीश खान बोल रहे थे तब कुर्सियां खाली पड़ी थी और लोग बिरयानी जर्दा पर आपस में खाने के लिए लड़ रहे थे। इससे जाहिर तो यही होता है लोग रहीश खान का भाषण सुनने की बजाए पेट की आवाज सुनकर खाने पर टूट पड़े। जर्दा बिरयानी की दावत में फावला (कस्सी), लाठी भी देखी गई। बिरयानी हासिल करने के लिए धक्का मुक्की भी जमकर हुई। कई लोग बिरयानी पर लड़ते रहे तो कुछ पोटली बांधकर घर भी ले गए।

 

 

 

रहीस खान हैं भाजपा के एजेंट : एडवोकेट जावेद खान

विधायक मोहम्मद इलियास के बेटे एडवोकेट जावेद खान का कहना है कि रहीस खान को जनता ने पूरी तरह नकार दिया है। अब जनता को झूठे सपने दिखा रहा है। उनके पिछले कार्यकाल को जनता अभी तक भूली नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि रहीसा की रेली पूरी तरह फ्लॉफ रही क्योंकि उनकी रेली में या तो फिरोजपुर झिरका, राजस्थान और नूंह तक के आदमी थी या फिर बिरयानी खाने को लोग गए थे। उन्होंने रहीसा पर आरोप लगाया कि वह भाजपा का एजेंट है क्योंकि जब भी मेवात के लोगो को मदद की जरूरत पड़ी तभी वह चुप रहा। उसमें चाहे नूंह हिंसा का मामला हो, या फिर घात्मिका मर्डर और साहिब हत्याकांड मामला। उन्होंने आरोप लगाया कि रहीस खान ने हमेशा भाई को भाई से लड़ाने का काम किया है। फैंसले के नाम पर लोगो से पैसे जमाकरकर लोगो को परेशान करता था। वक्फ बोर्ड का चेयरमैन रहते बोर्ड का बड़ा गर्क कर दिया। इमामों की झूठी नियुक्ति कराई। बोर्ड की जमीन को खुर्द बुर्द कर दिया। अब जनता ऐसे व्यक्ति की असलियत को जान चुकी है। इसके बहकावे में आने वाली नहीं है।

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