सांसे न चलने पर भी सीपीआर तकनीकी से बचाई जा सकती है घायल की जिंदगी
–सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा मुहिम का हिस्सा बने प्रत्येक व्यक्ति- उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा
–रेडक्रॉस भवन नूंह में सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा मुहिम के तहत जागरुकता कार्यशाला का आयोजन
यूनुस अलवी,
नूंह,
जिला रेडक्रॉस सोसाइटी नूंह ने हरियाली तीज के मौके पर आज बुधवार को एक दिवसीय सीपीआर तकनीकी एवं सड़क सुरक्षा-जीवन रक्षा मुहिम के तहत जागरुकता कार्यशाला का आयोजन रेडक्रॉस भवन नूंह में किया। उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने जिलावासियों के नाम अपने संदेश में कहा है कि प्रत्येक नागरिक को सड़क सुरक्षा नियमों की अनुपालना करते हुए सीपीआर जैसी तकनीकी का ज्ञान अवश्य लेना चाहिए। सीपीआर का ज्ञान बहुमूल्य जिंदगियां बचा सकता है। रेडक्रॉस के अधिकारी व कर्मचारी सीपीआर तकनीक के बारे में लोगों को प्रशिक्षण दे रहे हैं।
रेडक्रास सोसायटी के सचिव महेश गुप्ता ने बताया कि आज की कार्यशाला में जिला के करीब 75 गांवों के युवाओं को सड़क सुरक्षा नियमों के बारे में जानकारी दी। कार्यशाला में जिला प्रशिक्षण अधिकारी महेश मलिक ने मोटर वाहन संशोधन विधेयक-2019 की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने वाहन चलाते समय हेलमेट, सीट बेल्ट आदि नियमों का नियमित उपयोग करने के प्रति जागरूक किया। उन्होंने कहा कि नाबालिग से वाहन चलाने, शराब पीकर वाहन चलाने, वाहन चलाते समय मोबाइल का प्रयोग करने से परहेज करने संबंधिी हिदायतों की जानकारी दी। साथ ही निर्धरित स्पीड व निर्धारित वजन अधिक भार वाहन में न भरने की सलाह भी दी। इसके बाद उन्होंने बेसिक फस्र्ट एड में बेहोशी, घायल को मौके पर प्राथमिक सहायता, हार्ट अटैक, बिजली का करंट, पानी में डूबने, शरीर से बहुत अधिक मात्रा में खून बहने की स्थिति में पीडि़त को ट्रांसपोर्ट करने, सांस न आने और हार्ट के कार्य न करने की अवस्था में जीवनदायिनी विधि सीपीआर तकनीक को प्रयोगात्मक तरीके से समझाया।
इस कार्यशाला में नरेश डागर, नितिन वर्मा का अहम योगदान रहा व नरेश डागर ने सभी उपस्थित युवाओं को सड़क सुरक्षा नियमों की पालना हेतु शपथ दिलाई।
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