{“_id”:”61b055f70b330053ef416a88″,”slug”:”candidates-contesting-from-different-background-in-chandigarh-municipal-election”,”type”:”story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव के रंग: कोई दृष्टिहीन, किसी की भटूरे की दुकान, जीत पर पूरा वेतन करेंगे दान “,”category”:{“title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”}}
रिशु राज सिंह, अमर उजाला, चंडीगढ़ Published by: निवेदिता वर्मा Updated Wed, 08 Dec 2021 12:21 PM IST
सार
वार्ड नंबर-16 से बीएसपी उम्मीदवार महज 22 वर्ष की आकांक्षा सभी उम्मीदवारों में सबसे कम उम्र की हैं। उन्होंने नौजवानों का भविष्य, शिक्षा, रोजगार की समस्या और कॉलोनी में रहने वाले लोगों की समस्याओं को देखने के बाद चुनाव लड़ने का मन बनाया।
समोसे बेचते अखिलेश कुमार। – फोटो : अमर उजाला
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चुनावों को यूं ही लोकतंत्र का महापर्व नहीं कहा जाता। चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में जहां एक उम्मीदवार समोसे-भटूरे बेचते हुए प्रचार कर रहा है, वहीं एक दृष्टिहीन उम्मीदवार घर-घर जाकर वोट मांग रही हैं। लोग भी उनके हौसले को सलाम कर रहे हैं। एक प्रत्याशी ऐसी भी हैं जो 22 की उम्र में ही चुनावी मैदान में कूद पड़ी हैं। वार्ड नंबर-16 की आकांक्षा का कहना है कि उन्होंने शिक्षा, बेरोजगारी, बुजुर्गों की स्थिति आदि को देखते हुए चुनाव में उतरने का फैसला किया है। वे निगम चुनाव में सबसे कम उम्र की उम्मीदवार हैं।
वार्ड नंबर-3 : आजाद उम्मीदवार अखिलेश कुमार
‘बापूधाम को बचाने के लिए मैदान में कूदे अखिलेश’
वार्ड नंबर-3 से आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे अखिलेश कुमार समोसे-भटूरे बेचने का काम करते हैं। वो पिछले कई साल से बापूधाम में मस्जिद के पास अपनी दुकान लगाते हैं। उन्होंने बताया कि वह बापूधाम को बचाने के लिए चुनाव में उतरे हैं। वर्तमान नेताओं ने बुरी स्थिति कर दी है। हर ओर गंदगी और नशे का बोलबाला है। उन्होंने कहा कि बापूधाम के बच्चों को नशे की गिरफ्त से बचाने के लिए वो काम करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अगर वो चुनाव जीतते हैं तो मिलने वाले पूरे वेतन को दान कर देंगे। वेतन को समाज कल्याण के कार्यों में लगाएंगे।
वार्ड नंबर-6 : आजाद उम्मीदवार लता दीयत ब्लाइंड इंस्टीट्यूट में कई सालों से कर रही सेवा, बोलीं- अब शहर के लिए भी कार्य करूंगी
वार्ड नंबर-6 से आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहीं लता दीयत दृष्टिहीन हैं। वह ब्लाइंड इंस्टीट्यूट में पिछले कई सालों से समाज सेवा कर रही हैं। उनका कहना है कि अन्य उम्मीदवारों की तरह वो देख नहीं सकतीं, लेकिन नगर निगम में हर वर्ग का प्रतिनिधित्व होना चाहिए। जिस तरह से वो विशेष बच्चों के लिए कार्य कर रही हैं, पूरे शहर के लिए करना चाहती हैं। उन्हें चंडीगढ़ एनवायरमेंटल ग्रुप ने चुनाव में उतारा हैं। लता दीयत ने चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया है और जन सभाएं कर रही हैं। वह जल्द ही डोर-टू-डोर प्रचार भी शुरू करने जा रही हैं।
वार्ड नंबर-16 : बीएसपी उम्मीदवार आकांक्षा
‘कॉलोनी के लोगों के लिए विकास के लिए करेंगी काम’
वार्ड नंबर-16 से बीएसपी उम्मीदवार महज 22 वर्ष की हैं। आकांक्षा सभी उम्मीदवारों में सबसे कम उम्र की हैं। वह बीएससी मेडिकल (फाइनल) की छात्रा हैं और बच्चों को ट्यूशन पढ़ाती हैं। उन्होंने कहा कि नौजवानों का भविष्य, शिक्षा, रोजगार की समस्या और कॉलोनी में रहने वाले लोगों की समस्याओं को देखने के बाद चुनाव लड़ने का मन बनाया। चंद लोग ही शहर पर पिछले कई सालों से राज कर रहे हैं। उन्होंने विकास के नाम पर कुछ नहीं किया। वह चाहती हैं कि कॉलोनी में रहने वाले लोगों को रोजगार मिले, पक्का मकान मिले और बिजली-पानी की समस्या हल हो। चुनाव जीतने के बाद वह इसी क्षेत्र में काम करेंगी।
विस्तार
चुनावों को यूं ही लोकतंत्र का महापर्व नहीं कहा जाता। चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में जहां एक उम्मीदवार समोसे-भटूरे बेचते हुए प्रचार कर रहा है, वहीं एक दृष्टिहीन उम्मीदवार घर-घर जाकर वोट मांग रही हैं। लोग भी उनके हौसले को सलाम कर रहे हैं। एक प्रत्याशी ऐसी भी हैं जो 22 की उम्र में ही चुनावी मैदान में कूद पड़ी हैं। वार्ड नंबर-16 की आकांक्षा का कहना है कि उन्होंने शिक्षा, बेरोजगारी, बुजुर्गों की स्थिति आदि को देखते हुए चुनाव में उतरने का फैसला किया है। वे निगम चुनाव में सबसे कम उम्र की उम्मीदवार हैं।
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वार्ड नंबर-3 : आजाद उम्मीदवार अखिलेश कुमार
‘बापूधाम को बचाने के लिए मैदान में कूदे अखिलेश’
वार्ड नंबर-3 से आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे अखिलेश कुमार समोसे-भटूरे बेचने का काम करते हैं। वो पिछले कई साल से बापूधाम में मस्जिद के पास अपनी दुकान लगाते हैं। उन्होंने बताया कि वह बापूधाम को बचाने के लिए चुनाव में उतरे हैं। वर्तमान नेताओं ने बुरी स्थिति कर दी है। हर ओर गंदगी और नशे का बोलबाला है। उन्होंने कहा कि बापूधाम के बच्चों को नशे की गिरफ्त से बचाने के लिए वो काम करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अगर वो चुनाव जीतते हैं तो मिलने वाले पूरे वेतन को दान कर देंगे। वेतन को समाज कल्याण के कार्यों में लगाएंगे।
वार्ड नंबर-6 : आजाद उम्मीदवार लता दीयत ब्लाइंड इंस्टीट्यूट में कई सालों से कर रही सेवा, बोलीं- अब शहर के लिए भी कार्य करूंगी
वार्ड नंबर-6 से आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहीं लता दीयत दृष्टिहीन हैं। वह ब्लाइंड इंस्टीट्यूट में पिछले कई सालों से समाज सेवा कर रही हैं। उनका कहना है कि अन्य उम्मीदवारों की तरह वो देख नहीं सकतीं, लेकिन नगर निगम में हर वर्ग का प्रतिनिधित्व होना चाहिए। जिस तरह से वो विशेष बच्चों के लिए कार्य कर रही हैं, पूरे शहर के लिए करना चाहती हैं। उन्हें चंडीगढ़ एनवायरमेंटल ग्रुप ने चुनाव में उतारा हैं। लता दीयत ने चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया है और जन सभाएं कर रही हैं। वह जल्द ही डोर-टू-डोर प्रचार भी शुरू करने जा रही हैं।
वार्ड नंबर-16 : बीएसपी उम्मीदवार आकांक्षा
‘कॉलोनी के लोगों के लिए विकास के लिए करेंगी काम’
वार्ड नंबर-16 से बीएसपी उम्मीदवार महज 22 वर्ष की हैं। आकांक्षा सभी उम्मीदवारों में सबसे कम उम्र की हैं। वह बीएससी मेडिकल (फाइनल) की छात्रा हैं और बच्चों को ट्यूशन पढ़ाती हैं। उन्होंने कहा कि नौजवानों का भविष्य, शिक्षा, रोजगार की समस्या और कॉलोनी में रहने वाले लोगों की समस्याओं को देखने के बाद चुनाव लड़ने का मन बनाया। चंद लोग ही शहर पर पिछले कई सालों से राज कर रहे हैं। उन्होंने विकास के नाम पर कुछ नहीं किया। वह चाहती हैं कि कॉलोनी में रहने वाले लोगों को रोजगार मिले, पक्का मकान मिले और बिजली-पानी की समस्या हल हो। चुनाव जीतने के बाद वह इसी क्षेत्र में काम करेंगी।
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