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नूंह जिला की पशु अस्पताल जर्जर, भारी संख्या में डॉक्टरों के पद खाली -जर्जर हो चुकी 5 अस्पताल व 15 डिस्पेंसरियों के निर्माण का विभाग ने सरकार को भेजा प्रस्ताव यूनुस अलवी नूंह/हरियाणा

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-नूंह जिला की पशु अस्पताल जर्जर, भारी संख्या में डॉक्टरों के पद खाली
-जर्जर हो चुकी 5 अस्पताल व 15 डिस्पेंसरियों के निर्माण का विभाग ने सरकार को भेजा प्रस्ताव

 

यूनुस अलवी
नूंह/हरियाणा

नूंह ज़िला की अधिकतर आबादी कृषि और पशुपालन पर आश्रित है। यहां के लोगो का मुख्य धंधा पशुपालन है। सरकार की अनदेखी के चलते नूंह ज़िला में भारी संख्या में डॉक्टर और विएल्डी के पद खाली है इतना ही नहीं अस्पताल व डिस्पेंसरी जर्जर हालत है। जर्जर हो चुकी 5 अस्पताल व 15 डिस्पेंसरियां के निर्माण का पशुपालन विभाग ने सरकार को प्रपोजल भेजा है।
जानकारी के अनुसार नूंह जिला में 25 पषु अस्पताल और 62 डिस्पेंसरी है। जिनमें से अधिक्तर अस्पताल और डिस्पेंसरी बिना डाक्टरों ने खाली पडी है। डाक्टरों के न आने से लोगों ने पशु अस्पताल और डिस्पेंसरियों में लोगों ने गोबर के उपले थापकर, पशुओं को बांधकर अवैध कब्जा कर रखा है। बरसात के समय अस्पताल परिसर में पानी भर जाता है। इन अस्पतालों का लोगों को कोई फायदा नहीं मिल रहा है।


गांव शिकरावा निवासी आस मोहम्मद, मकसूद खान, अल्लाह बख्श, वकील खान, डाक्टर शाहनवाज, बरकत हुसैन ने बताया कि उनके गांव में करीब 45 साल पहले डिस्पेंसरी बनाई गई थी। उनकी डिस्पेंसरी को अब तक जहां एक पषु अस्पताल बन जाना चाहिए था वहीं आज इसमें कोई डाक्टर तक नहीं आते है। उनका कहना है कि अस्पताल में कोई दवाई नहीं मिलती न ही डाक्टर आते हैं। जिसकी वजह से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पडता है। उनका कहना है कि अगर लोगों के पषु बिमार हो जाते हैं तो उनको 10 किलोमीटर दूर पिनगवां या पुन्हाना की अस्पतालों में इलाज के लिए ले जाना पडता हैं जिससे उनके आर्थिक और समय का काफी नुकसान होता हैं। समय पर पषुओं का इलाज न होने पर उनकी मृत्यु भी हो जाती है। मजबूर होकर लोगों को प्राइवेट डाक्टरों से मंहगें दामों पर इलाज कराना पडता है। गांव के लोगों ने सरकार से मांग की है कि अस्पताल में नियमित डाक्टर और दवाईयां भेजी जायें जिससे लोगांे को फायदा मिल सके।

 

क्या कहते हैं अधिकारी
नूंह ज़िला पशुपालन विभाग के डिप्टी डारेक्टर नरेंद्र सिंह ने बताया कि जिले में कुल 25 पशु अस्पताल व 62 डिस्पेंसरी है। जिनमे 12 नियमित और 5 कांट्रेक्ट पर डाक्टर कार्यत है। जबकि जिले में 62 पषुपालन डिस्पेंसरियों पर 92 वीएलडी के पद स्किृत है। जिनमें से 30 नियमित और 14 कांटेªट पर वीएलडी कर्मचारी कार्य है। इसके अलावा करीब 5 अस्पताल और 15 डिस्पेंसरियां कंडम हो चुकी है। जिनके नये भवन के निर्माण के लिए सरकार के पास प्रस्ताव भेजा गया है। उन्होने बताया कि समय-समय पर पषुओं की बिमारी के टीके लगाये जाते रहते है।

फोटो कैप्शन-शिकरावा गांव स्थित पषु डिस्पेंसरी में उपले और पषु बांधकर अवैध कब्जा
फोटो-शिकरावा गांव की पषु औषधालय पर लगा हुआ ताला

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