भावान्तर भरपाई योजना व बागवानी बीमा योजना किसानों के लिए लाभकारी : उपायुक्त
फसल विविधिकरण को बढावा देने के लिए सरकार की अच्छी पहल : अजय कुमार
रज़िया सुलतान
नूह 7 मार्च :
उपायुक्त अजय कुमार ने कहा कि किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा शुरू की गई भावांतर भरपाई योजना व बागवानी बीमा योजना बागवानी किसानों के लिए एक अभूतपूर्व योजना है। यह योजना किसानों को सब्जियों व फलों के भाव से जोखिम मुक्त कर उन्हें फसल का उचित दाम दिलाने में कारगर साबित हो रही है।
उपायुक्त अजय कुमार ने बताया कि किसानों की आय को दोगुना करने व फसल विविधीकरण के तहत लगाई गई बागवानी फसलों में होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री भावान्तर भरपाई योजना व बागवानी बीमा योजना का लाभ दिया जा रहा है। योजना के माध्यम से बागवानी खेती करने वाले किसान फसल के उत्पादन के बाद होने वाले जोखिमों को कम कर सकते हंै। उन्होंने बताया की योजना शुरू करने से पहले किसान जब अपनी बागवानी की फसल को मंडी में बेचने जाता था तो उसको फसल का सही दाम नही मिलता था। जिससे किसान निराश होकर फिर से पारंपरिक खेती करने का विचार करता है। ऐसे किसानों को प्रोत्साहन देने के लिए राज्य सरकार फसल में लगने वाले घाटे (नुकसान ) को कम करने के लिए भावांतर भरपाई योजना के अंतर्गत मुहावजा व मूल्य के रूप में प्रोत्साहन धनराशि प्रदान की जा रही है।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री भावांतर भरपाई योजना के तहत निम्नलिखित फसलों आलू, फूल गोभी, गाजर, मटर, टमाटर, प्याज, शिमला मिर्च, बैंगन भिंडी मिर्च, करेला, बंदगोभी, मूली, लहसुन व हल्दी तथा फलदार फसल जैसे अमरूद, बेर, आम, किन्नू व चीकू आदि को सूचीबद्ध किया गया है। उन्होंने बताया कि उपरोक्त सभी फसलों के संरक्षित मूल्य सरकार द्वारा पहले से निर्धारित किए गए है। इस योजना के तहत सरकार द्वारा निर्धारित संरक्षित मूल्यों से कम बिक्री होने पर जो नुकसान होगा उसकी भरपाई प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को की जाएगी।
उन्होंने बताया उत्पादन से पूर्व होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना के तहत उत्पादक किसान उपरोक्त फसलों का बीमा भी करवा सकते है। योजना के अंतर्गत सब्जियों व मसालों पर 30 हजार रूपए प्रति एकड़ का बीमा किया जाएगा जिसके लिए किसान को 750 रुपये प्रति एकड़ भुगतान करना होगा। वहीं फलों की खेती पर एक हजार प्रति एकड़ का प्रीमियम देखकर किसान रूपए 40 हजार रूपए प्रति एकड़ का बीमा करवा सकता है। योजना का लाभ लेने के लिए उत्पादक का मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर रजिस्ट्रेशन होने अनिवार्य है। जिला में इस योजना का लाभ उठाने के इच्छुक किसान इस विषय में और अधिक जानकारी के लिए किसी भी कार्य दिवस में जिला बागवानी अधिकारी के कार्यालय में संपर्क कर सकते है।
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