*जेजेपी के नवनियुक्त जिलाध्यक्ष इकबाल जैलदार को बधाई देने पहुंचे जेजेपी पदाधिकारी*
*मेवात में सादा जीवन उच्च विचार से जाने जाते हैं कथनी के धनी जैलदार साहब*
यूनुस अलवी
मेवात
आज पुन्हाना जेजेपी के नवनियुक्त जिलाध्यक्ष इकबाल जैलदार को बधाई देने उनके निवास स्थान पर जेजेपी पदाधिकारी पहुंचे। प्रवक्ता एडवोकेट राहुल जैन, प्रदेश युवा उपाध्यक्ष नासिर हुसैन, युवा जिलाध्यक्ष वसीम अहमद व जमील ठेकेदार ने फूल माला डालकर नवनियुक्त जिलाध्यक्ष का स्वागत व सम्मान किया व मिठाई खिलाकर मुंह मीठा किया।
युवा प्रदेश उपाध्यक्ष नासिर हुसैन व युवा जिला अध्यक्ष वसीम अहमद ने पार्टी शीर्ष नेतृत्व का आभार व्यक्त करते हुए कहा है कि जैलदार साहब को जो जिम्मेदारी दी गयी है उसके लिये हम दिल से ऋणी है और हमे विश्वास है की इकबाल साहब अपने कर्तव्य के प्रति पूरी निष्ठा के साथ कार्य करेंगे और जजपा को मेवात में हर पटल पर मजबूत करने का कार्य करेंगे |
जेजेपी प्रवक्ता एडवोकेट राहुल जैन ने बताया कि जैलदार साहब सादा जीवन उच्च विचार वाले व्यक्ति हैं। दिखावे से परे वे लोगों की सेवा को महत्व देते हैं।नवनियुक्त जजपा जिला प्रधान इकबाल जैलदार एक राजनितिक परिवार से ताल्लुक रखते है। इनके पिता मरहूम चौधरी इमाम खान जिनका जन्म 1904 में हुआ और उन्होंने क्षेत्र की भलाई के लिए भरसक प्रयास किये | नवनियुक्त जिला प्रधान इकबाल जैलदार ने कहा कि मेरे पिता 1947 से 1962 तक गाँव बिछोर के सरपंच पद पर आसीन रहे और अपने समय में कोई भी घटना ऐसी नहीं होने दी जिसको वो पंचायत में न सुलझा सके और लोगो को लुटने से बचाया और सभी झगड़ो को चौपाल पर बैठकर सर्वसम्मति से निपटाया | उन्होंने कहा कि 1962 में चौधरी साहब ब्लॉक समिति के चेयरमैन पद पर रहकर पूरे ब्लॉक के लोगो की सेवा की | इस दौरान इकबाल जैलदार ने बताया कि वालिद साहब 1968 में कांग्रेस की टिकट पर फिरोजपुर विधानसभा से चुनाव लडे और परिस्थिति वश उन्हें मात्र 129 वोटो से हार का सामना करना पड़ा | परन्तु उन्होंने जनता की सेवा में बदस्तूर रहे |1972 अस्वस्थ रहने के कारण राजनीति से दूर रहे और 1982 में उनका इंतकाल हो गया | हमारे वालिद सहाब ने हमेशा भाईचारे का पाठ हम सभी सातो भाइयो को पढाया है और उनके ही नक़्शे कदम पर चलकर एक बार 1991 में चुनाव लड़ा जिसमे हार का सामना करना पड़ा और 1994 में जिला पार्षद बनकर जनता की सेवा की और फिर एक बार अपनी किस्मत को आजमाते हुए 2009 में पुन्हाना विधानसभा से निर्दलीय उमीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और जीत से दूर रहा | 2014 में भाजपा की टिकट पर चुनाव लडा और जीत से थोड़ी दूर रहे | 2015 में एक बार फिर बिछोर की जनता ने जैलदार परिवार से इकबाल की पुत्री अंजुम जैलदार को सरपंच चुना | वर्ष 2019 में प्रदेश के ऐसे व्यक्तित्व जिन्होंने सदैव प्रदेश और प्रदेशवासियों को ही अपना घर परिवार समझा उनके आदर्शो पर चलने वाली जजपा ने मुझ पर अपना विश्वास जताया और आज मुझे पार्टी के द्वारा जिला प्रधान के रूप में एक अहम् जिम्मेवारी मिली है | मैं पूरी तत्परता के साथ पार्टी के लिए दिन रात एक कर कार्य करूंगा और संगठन को मजबूत करने का काम करूँगा |
No Comment.