आकांक्षी जिला के पैरामीटर पर आपसी तालमेल से करें कार्य : डीसी
यूनुस अलवी
नूंह , 16 मार्च :
उपायुक्त अजय कुमार ने कहा है कि स्कूल, आंगनवाड़ी केन्द्र, उप-स्वास्थ्य केन्द्रों में अतिरिक्त उपायुक्त, उपमंडल अधिकारी ना., संबंधित विभाग के अधिकारी दौरा करेगें और धरातल की स्थिति से रु-ब-रु होकर उपमंडल स्तर पर इसके लिए कार्य करेगें। उपायुक्त अजय कुमार आज आकांक्षी जिला के पैरामीटर पर हुए कार्यो की समीक्षा बैठक कर रहें थे। उन्होंने कहा कि स्कूल में टीचर व बच्चों की उपस्थिति, पढ़ाई व अध्यापकों का स्कूल में समय पर पहुंचना अवसर एप पर अपनी उपस्थिति उपलोड करना सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि उप-स्वास्थ्य केन्द्र, आंगनवाड़ी केन्द्र एएनसी पंजीकरण के बाद बच्चों का चैकअप टीकाकरण पोषण का सही वितरण हो। उन्होंने कहा कि जिला में नए आंगनवाड़ी केन्द्रों के निर्माण तथा 100 आंगनवाड़ी केन्द्रों में रैनोवेशन का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी को निर्देश दिए कि स्वास्य केन्द्रों में सभी उपकरण ठीक हो तथा कैलश्यिम, आयरन की गोली व सीरप, ओआरएस के पैक्ट एएनएम के पास उपलब्ध रहे। उन्होंने कहा कि सभी डिलिवरी संस्थागत केन्द्रो पर हो, यह सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि जनवरी माह के आंकडो के अनुसार 85 प्रतिशत डिलिवरी ही केवल संस्थागत केन्द्रों में हो रही है। उपायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिले की डेलटा रैंकिग सुधारने के लिए सभी अधिकारी आपसी तालमेल से कार्य करें।
उन्होंने कहा कि बेहतर ढंग से डाटा अपलोड करें तभी बेहतर नतीजे सामने आएगें। उन्होंने कहा कि देश में 112 जिले बतौर एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट चुने गए, जिनमें हरियाणा का एकमात्र जिला नूंह भी शामिल है। उन्होंने बताया कि इस स्कीम के अधीन 5 क्षेत्रों की तरफ विशेष ध्यान दिया जाता है, जिनमें हेल्थ एंड न्यूट्रीन, एजुकेशन, एग्रीकल्चर एंड वाटर रिसोर्सज, फाइनांशियल इन्क्लूजन एंड हैवी डवलपमेंट और बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल है। उन्होंने कहा कि इस प्रोग्राम का उद्देश्य चुनिंदा जिलों को बदलना है, जिससे जीवन स्तर को सुधारा जा सके। उपायुक्त ने बताया कि इन पांच क्षेत्रों के साथ संबंधित इंडिकेटर के अनुसार किए गए काम का डाटा हर महीने ऑनलाइन पोर्टल पर अपडेट किया जाता है। जिसकी उनकी तरफ से समय-समय पर समीक्षा की जाती है। रैकिंग के लिये स्वास्थ्य और पोषण, शिक्षा के अलावा, कृषि और जल संसाधन, वित्तीय समावेश, कौशल विकास तथा मूल ढांचागत सुविधा को आधार बनाया जाता है। उन्होंने कहा कि सरकार ने आकांक्षी जिला कार्यक्रम जनवरी 2018 में शुरू किया। इस कार्यक्रम का मकसद मुख्य सामाजिक क्षेत्रों में पीछे रह गये और अल्पविकसित श्रेणी में आने वाले उन जिलों को तरक्की के रास्ते पर लाना है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में नूंह जिला की डेल्टा रैंकिंग 9 वें स्थान पर है। इसमें और अधिक सुधार लाने की जरुरत है। गौरतलब है कि स्वास्थ्य एवं पोषण में दिसंबर माह का स्कोर 56 था जो जनवरी माह में 56.3 हो गया। इसी तरह शिक्षा में डेल्टा स्कोर 51. 5 है। वित्तिय एवं कौशल विकास में 23.1 से 24.5 हुआ है तथा मूल संसाधन में 67.4 स्कोर हुआ है।
बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त डा. सुभिता ढाका, एसडीएम नूंह सलोनी शर्मा, एसडीएम पुन्हाना मनीषा शर्मा, एसडीएम फिरोजपुर-झिरका रणबीर सिंह, एसडीएम तावडू़ सुरेन्द्रपाल, नगराधीश अखिलेश कुमार, मुख्यमंत्री के सुशासन सहयोगी राजूराम, सिविल सर्जन डा. सुरेन्द्र यादव, डा. बंसत दूबे, डा. रविकांत, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी मुकेश, महिला एवं बाल विकास अधिकारी सुनेना , ईडीएम मौ. आरिफ,सहित अन्य विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहें।
फोटो कैप्शन : उपायुक्त अजय कुमार आकांक्षी जिला के पैरामीटर पर हुए कार्यो की समीक्षा करते हुए।
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