झिरका प्रेस एंड वेलफेयर क्लब और हरियाणा पत्रकार संघ के पत्रकारों ने की शोक सभा।
: तीन दशक तक पत्रकारिता में सक्रिय रहे विनोद बंसल का निधन
पुष्पेंद्र शर्मा
ख़बरहक़,
फिरोजपुर झिरका ।
नूंह जिले के वरिष्ठ पत्रकार विनोद बंसल का शुक्रवार की शाम आकस्मिक निधन हो गया। वे पिछले कई महीनों से बीमार चल रहे थे। शुक्रवार की शाम उन्होंने अपने घर पर अंतिम सांस ली। विनोद बंसल के निधन से जहां इलाके में शोक की लहर दौड़ उठी, वहीं पत्रकारिता जगत को वरिष्ठ साथी के निधन पर भारी क्षति पहुंची।
शनिवार की सुबह यहां के शिवगंगा मुक्तिधाम में उनके पार्थिव शरीर को मुखाग्नि उनके पुत्र द्वारा दी गई। पत्रकारिता जगत में अपनी कलम की आवाज को बुलंद करने वाले विनोद बंसल के निधन के उपरांत एक शोक सभा का आयोजन रविवार को किया गया। झिरका प्रेस एंड वेलफेयर क्लब और हरियाणा पत्रकार संघ जिला कार्यकारिणी के द्वारा किया गया । जहां सभी पत्रकारों ने 2 मिनट का मौन धारण कर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। इसके उपरांत सभी इलाके के पत्रकार साथी विनोद बंसल के निवास पर जाकर उनके पुत्र और परिजनों को ढांढस बंधाया।
इलाके के वरिष्ठ पत्रकार एवं सरपंच फजरूदीन बेसर, हरियाणा पत्रकार संघ के जिला प्रधान नरेश गर्ग ने परिजनों को हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया साथ ही उन्होंने आश्वासन दिलाया कि प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन की तरफ से जो मदद हो सकेगी उसे भी पूरा कराने के लिए सभी साथी एकजुट होकर कार्य करेंगे।
इस मौके पर हरियाणा पत्र संघ के प्रदेश सचिव धर्मपाल आर्य, पब्लिक एनसीआर के संपादक देवकीनंदन अग्रवाल, वरिष्ठ पत्रकार यूनुस अल्वी, फनेन्द्र अग्रवाल, झिरका प्रेस क्लब के सचिव अख्तर अलवी, उप प्रधान पी. शर्मा, मुकेश गोयल, चिराग गोयल, डालचंद नहलिया, अरशद बिसरू, मुकेश नहलिया, डालचंद मुख्य रूप से मौजूद रहे।
दो दशकों तक अपनी पत्रकारिता का लोहा मनवाया: इलाके के वरिष्ठ पत्रकार रही फजरूदीन बेसर मैं अपनी 1985 के दशक की बातों को समझा करते हुए कहा कि उस समय विनोद बंसल पत्रकार की कलम का कोई सानी नहीं था । जब उन्होंने पत्रकारिता शुरू करी थी उस समय गुडगांव जिला हुआ करता था। उनके साथ के पत्रकार आज बुलंदियों पर है लेकिन उन्होंने कभी भी अपनी वास्तविकता और कलम से समझौता नहीं किया। उन्होंने अपनी कलम के माध्यम से राजनीतिक और प्रशासनिक अधिकारियों को ना केवल सामाजिक सरोकार से अवगत कराया था बल्कि प्रताड़ित लोगों को प्रशासन से न्याय दिलाने का काम किया । उन्होंने बताया कि सन 1988 में गुड़गांव जिला लगता था। उस समय अकेले सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त पत्रकार थे लेकिन कुछ वर्षों से अस्वस्थ चलने के कारण उन्होंने पत्रकारिता से अपनी कुछ दूरी बना ली थी लेकिन मुख्य दें सभी पत्रकारों के सुख दुख में आना हमेशा लगा रहा।
फोटो : वरिष्ठ पत्रकार विनोद बंसल के निधन पर शोक सभा के दौरान।
: वरिष्ठ पत्रकार के निवास पर पहुंचकर शोक सांत्वना देते सभी पत्रकार।
Author: Khabarhaq
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