सब्जी की 80 फीसदी पौध खराब, दामों पर अभी से पड़ने लगा असर।
-टमाटर के भाव 100 रुपए किलो पहुंचा अन्य सब्जियां भी हुई मंहगी, रसोई का बजट बिगड़ा
यूनुस अलवी
मेवात/हरियाणा
आसमान से उगलती आग और बरसात में हो रही देरी का असर अब टमाटर सहित अन्य सब्जियों पर पड़ने लगा है। 45 डिग्री तक तापमान पहुंच जाने से टमाटर, हरीमिर्च, बैंगन, गोभी आधी की करीब 50 से 80 फीसदी तक पौध खराब हो चुकी है। जाहिर हर जहाँ फसल की बिजाई कब होगी तो पैदावार भी कम होगी। इसी का फायदा उठाते हुए सब्जी माफियो ने अभी से ही टमाटर सहित अन्य सब्जियों के दाम बढ़ा दिए है। जिससे इनके दामों पर प्रभाव पड़ने लगा है, जो टमाटर सब्जी मंडी में 1 सप्ताह पहले 60 – 70 रुपए प्रति किलो की दर से मिल रहा था, वह अब बढ़कर 100 रुपए प्रति किलो हो गया है। टमाटर लोगो को अपने साथ मंहगाई के रंग लिया है। टमाटर अब गरीब की रसोई से बढ़ते भावों के चलते गायब होने लगा है। सब्जी में जायका बनाने के लिए टमाटर अति महत्वपूर्ण है।
सब्जी खरीदने बाजार पहुंचे खेमचंद, आमीन का कहना है कि
बिना टमाटर कोई भी सब्जी बनाना मुश्किल है। उनका कहना है कि टमाटर के बढ़ते भाव गरीब आदमी की पहुंच से बाहर होते जा रहे हैं। सरकार ने जो अच्छे दिन लाने का वायदा किया था। उस पर सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है। उनका कहना है कि वे मजदूरी कर 200 रुपये कमाते है ऐसे में वे 100 रुपये किलो भाव के टमाटर खरीदने के ख्वाब ही देख सकते है।
दुकानदार इरशाद, गोपाल पटेल और नोरंग हुसेन ने बताया कि टमाटर के भाव 100 रुपए प्रति किलो इसके अलावा अन्य सभी फसलों के दामों की बात करें तो टमाटर के अलावा नींबू 80 रुपए प्रति किलो, तोरी 40 रुपए, बैंगन 40 प्रति किलो, भिंडी 40 किलो, लौकी 30 प्रति किलो, लहसुन 80 प्रति किलो, आलू 40 किलो, मिर्च 60 रुपए किलो, कच्चे आम 40 प्रति किलो, पालक 40 किलो के अलावा अन्य सब्जी के दाम भी बरसात नहीं होने के कारण बढ़े हैं। दुकानदारों का मानना है कि टमाटर दूरदराज के इलाकों से आ रहा है, इसलिए सब्जी मंडी में उसके भाव में अचानक बढ़ोतरी हुई है। भीषण गर्मी पड़ने की वजह से भी टमाटर की फसल खराब हुई है। यह भी टमाटर के बढ़ते रेटों में एक मुख्य वजह है।
जिला बागवानी अधिकारी डॉक्टर दीन मोहम्मद का कहना है कि इस बार 40 डिग्री से अधिक तापमान होने की वजह से नुहू जिला में टमाटर हरी मिर्च बैंगन और गोभी आदि की जो पौध लगाई गई थी वह 50 से 80 फीसदी तक खराब हो गई है। जिससे सब्जी की काफी पैदावार कम होगी और इसका खामियाजा महंगाई से भुगतना पड़ सकता है।
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