……मेवात बना दलितों के लिए स्वर्गीस्तान ???.
जी हां आपने एकदम सही पढ़ा के मेवात बना दलितों के लिए स्वर्ग जैसा स्थान ….,
बीते कल यानी 03/09/2022 को हमारे साथी इंद्रजीत सिंह डोंडल के पिताजी का निधन (मोत ,इंतकाल )हो गया था ,,डोंडल गाँव मै अनुसुचित जाती (बाल्मिकी )का केवल एक ही घर ह ,,जैसे ही कल इंद्रजीत जी के पिताजी आदरणीय रमेश जी के मोत की खबर उनके गाँव वालो ने सुणी तो उनके पडोसी मेव मुसलमानों ने अपणी बैठक पर बढ़िया पलंग बिछा दीये ,और बाहर से आने वाले रिश्तेदारों और मिलने वालो से चाय पाणी की भी लगातार पूछते रहे ,
और जब उनकी अर्थी को लेकर हम लोग गाँव के समसान की तरफ चले तो डोंडल गाँव के सेंकडो मुस्लिम समसान तक हमारे साथ गये भी और जब तक अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पुरी नहीं हुई वो वहीं रहे ,,,एक और जो बहुत बेहतरीन बात हमे लगी डोंडल गाँव के सरपंच ने कल ही कई घंटे JCB मशीन को चलवाकर समसान भूमि को जाणे वाले रास्ते और समसान भूमि पर खड़ी कीकर और झाड़ झोंकड़ जो भी था उसे एकदम साफ़ सुथरा करवाया क्यूंकि गाँव मै केवल एक ही घर SC (दलित )का होने के कारण दस पांच वर्ष मै कोई मोत जहमत होती ह जिसके कारण समसान भूमि पर :कीकर ,बाड़ ,अन्य झाड़ आदि होना स्वभाविक होता ह ,,,
उनके अंतिम संस्कार लगभग रात्रि 10बजे सम्पन्न होने पर जब वापिस सभी लोग इंद्रजीत के घर आये तो उनके पडोसी इस्लाम ठेकेदार, जुबेर भाई व अन्य मुस्लिमों ने अपने घर पर सभी रिश्तेदारों और बाहर से आने वालों के लिए खाना बनवा रखा था ,सबके लिए ठंडे पाणी की बोतल ,ठंडा बड़े प्यार से चारपाई (खाट )और निचे जमीन पर सफ बिछाकर बड़े इत्मीनान से हांजी और खाना लें जैसे शब्दों को बोलबोल कर ईज्जत से नवाजा ,,,,
हालाँकि इंद्रजीत भाई का और उनके पड़ोसियों का आपसी लड़ाई झगडे का विवाद भी कोर्ट मै चल रहा ह मगर फिर भी उनके पड़ोसियों का मानना था के समय सिंह जी लड़ाई झगड़ा अपणी जगह ,पड़ोसी के लिए ये सब करना दीन का हिस्सा ह ::::
…मै ये सिर्फ इसलिए लिख रहा हूँ के क्या मेवात से बाहर हरियाणा ,राजस्थान ,उत्तर प्रदेश ,मै मुस्लिमों के अलावा हिंदुओ मै जो अपने को बड़ी जात कहतें हैं वो ये सब कर सकते सकते थे ,क्या वो अपणी चारपाई (खाट )पर हिन्दुओं मै सबसे निचले पायदान पर रखी गयी जाती बाल्मिकी (भंगी )के लोगों को बैठा कर खाना खिला सकते हैं बिलकुल भी नहीं वो ऐसा कर ही नहीं सकते क्यूंकि जालोर मै अभी एक नादान बच्चे को सिर्फ इसलिए मार दिया गया के उसने अपने टीचर के पानी के घड़े को हाथ लगा दिया ,हरियाणा के कई गांवों मै sc के लोगों का सामाजिक बहिष्कार मेने खुद अपणी आँखों से देखा ह ,,,
…बिकाऊ और दलाल मिडिया ने जून 2020मै एपिसोड बनाकर हमारे प्यारे मेवात को बदनाम करने की नियत से दुनियाँ भर के लांछन लगाकर बदनाम करणे का प्रयास किया मगर वो झूठ था इसलिए हमने सच दिखाकर उनके झूठ से पर्दा उठाया ,,,मै उन भागवत के चेले चपाटों से कहणा चाहता हूँ तुम भी ऐसे कोई उदाहरण जो मै पेश कर रहा हूँ हमे दिखाओ ????
हाँ मै मानता हूँ लड़ाई झगडे होतें हैं मेजोरिटी और mionarty का फर्क होता ह मगर हर जगह हर तरह के लोग रहतें हैं मगर मेवात हर ऐतबार से बेहतर ह और हम सब मिलकर इसे और बेहतर करेंगे ,,,अगर मेवात मै कोई झगड़ा किसी SC का किसी मुस्लिम से हो जाता ह तो दो आदमी उसके साथ और दो आदमी उसके साथ खड़े भी हो जातें हैं ,मगर हरियाणा के अन्य हिस्सों मै यदि किसी SC के आदमी का झगड़ा तथाकथित ऊँची जाती से हो जाता ह तो सारा गाँव मिलकर उस SC जाती के आदमी ही नहीं बल्कि पुरी जाती का सामाजिक बहिस्कार कर दिया जाता ह साथ देना तो बहुत दूर की बात होती ह …
…खेर पोस्ट बहुत लम्बी हो जायेगी मै अपणी बातों को यहीं विराम देता हूँ जिसे मेरी बातों पर यकीन कम हो आज ही डोंडल जाकर खुद देख आय जो मेने लिखा ह सही ह या नहीं ,,,
मै सभी मेवातियों को इस भाईचारे को और अधिक मजबूत बनाने की अपील करता हूँ ,,
ये आंखों देखे विचार Samay singh salamba . Nuh, mewat (haryana) ने अपनी फेसबुक वाल पर पोस्ट किए है।
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