बारिश से किसान हुऐ परेशान, बाजरा का दाना काला पडने लगा, लाखो का हो रहा है नुकसान
फोटो-जिले के गांव में मोहम्मद नगर में खडी और कटी बाजरा की फसल
फोटो-बाजरा की बाल खराब
यूनुस अलवी
मेवात
पहले समय पर बरसात न होने और अब लगातार बारिष होने से बाजरा, कपास की फसल खराब होने के कगार पर पहुंच गई है। खासतौर से कटी फसल को काफी नुकसान हो रहा है। जिससे किसानों को खासा नुकसान उठाना होगा।
जानकारी के अनुसान नूंह जिला में पिछले तीन-चार दिल से रूक-रूक कर बरसात हो रही है जबकि षुक्रवार को सुबेह से रात तक बारिष होती रही। नूंह जिला में 15 हजार एकड से अधिक बाजरा, करीब पांच हजार एकड कपास, 250 एकड़ दलहन, 225 एकड़ ईख आदि किसानों ने फसल की बिजाई की हुई है। वहीं इस बार चारा अधिक मंहगा होने की वजह किसानों ने अपने पषुओं को चारा के लिए करीब 12 हजार एकड ज्वार की बिजाई की है।
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किसान मुजम्मिल हुसैन, उमर मोहम्मद, फते मोहम्मद का कहना है कि पहले बरसात न होने से बाजरा व ज्वार की फसल सूखने के कगार पर पहुंच गई थी। लेकिन तीन-चार दिनों से लगातार हो रही बरसात से किसानों की नींद उडा दी है। जिले के पुन्हाना, पिनगवां, नगीना, नूंह व फिरोजपुर झिरका खंडों में खडी बाजरा की फसल बरसात की वजह से खराब हो रही है।
किसानों का कहना है कि जो बाजरा कट गया है उसे सुखाने के लिए जमीन पर डाल दिया था लेकिन अचानक लगातार बारिश होने से बाजरा के दाने काले पड गये हैं जो बिकने और खाने लायक नहीं बचेगें। किसानों का कहना है कि कपास की फसल भी बरसात की वजह से खराब हो रही है। अगर जल्द ही बरसात नहीं रूकी तो बाजरा व कपास की खडी फसल भी पूरी तरह खराब हो जायेगी।
किसान षेर मोहम्मद, इब्र्राहीम खान, षमषेर खान का कहना है कि इस बार गेंहू की कम पैदा होने से पषुओं का चारा की भारी किल्लत हो गई थी। इसी वजह से उन्होने ज्वार और बाजरा की अधिक बिजाई की। हर साल 150 से 200 रूपये प्रति मण (40 किलो) तक बिकने वाला चारा इस बार कमी की वजह से 600 रूपये मण तक बिक रहा है।
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