बरसात से मेवात के सेकड़ो गांवो में बाजरा और कपास की हज़ारो एकड़ फसल हुई नष्ट
-किसानों ने सरकार गिरदावरी कराकर मुआवजा की लगाई गुहार,
-किसानों पर चारा का संकट भी गहराया
फोटो-पानी में कटी हुई बाजरा की खराब फसल को दिखाते किसान
फोटो-कटी फसल में दाने हरे होते को दिखाते किसान
यूनुस अलवी
नूंह/हरियाणा
जिले में कई दिनों से लगातार हो रही बरसात के कारण नूंह ज़िला के उपमंडल पुन्हाना के बादली, पिपरोली, लुहिगांकला, मामलिका, गंगवानी, जाख, पापड़ा, अकबरपुर, पापड़ी, पिनगवां, लाहाबास, टूंडलाका, लहरवाड़ी, नेवाना सहित सैंकड़ों गावों में बाजरा, कपास व ढ़ेहचा की फसल पूरी तरह नष्ट हो चुकी है। बाजरा की कटी फसल में कुरहा फूट रहे है, खड़ी फसल में दाने काले पड़ गए है।
कपास की फसल अधिकतर खराब हो चुकी है। किसानों ने गिरदावरी कराकर मुआवजा देने की सरकार से गुहार लगाई है।
गांव बादली निवासी किसान जमशेद ने बताया कि 5 एकड़ में बाजरा की फसल बोई थी जो अब पूरी तहर खराब हो चुकी है। उसे दो लड़कियों की शादी करनी थी, सरकार उसकी मदद करे जिससे वह बेटियों के हाथ पीले कर सके।
बरसात से किसानों की हज़ारो एकड़ बाजरा, कपासव दलहन और ढेंचा की फसल हुई बर्बाद, सरकार से लगाई मदद की गुहार।
रिपोर्ट यूनुस अलवी पत्रकार
बरसात से किसानों की हज़ारो एकड़ बाजरा, कपासव दलहन और ढेंचा की फसल हुई बर्बाद, सरकार से लगाई मदद की गुहार।
रिपोर्ट यूनुस अलवी पत्रकार
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किसान अलीशेर ने बताया कि उसके पास 6 एकड़ जमीन है जिसमें बाजरा अ कपास बोई हुई थी पांच दिन से हो रही बरसात से सारी फसल खराब हो गई है। उन्होने अधिक्तर फसल काट ली थी जो पानी भर जाने से नष्ट हो गई है।
किसान हनीफ ने बताया कि 4 एकड़ में बाजरा बोया हुआ था अब ने तो बाजरा बचा ने पषुओं के लिए चारा बचा है। उसने साहुकार से ब्याज पर पैसे लिए थे अब पैसे कैसे चुकाएंगे, कैसे अपने घर का गुजारा करेगें। भैंसों का दूध बेचकर घर का गुजारा चलाते थे लेकिन अब चारा ही खत्म हो गया मजबूरी में भैंसों को सस्ते दामों में बैचना पडेगा।
ईशा किसान का कहना है कि अकेले पिपरोली गांव में 350 एकड़ जमीन में किसानों ने बाजरा, कपास, ढहचा, ज्वार की बिजाई की हुई है। अब फसल कट रही है लेकिन पांच दिन से दिनरात हो रही बरसात से पूरे गांव की फसल नष्ट हो गई है।
तारीफ बादली ने बताया कि उसने 10 एकड़ में फसल बोई हुई थी, जिसमें से अधिक्तर को काट लिया गया था लेकिन कटी हुई फसल में दुबारा सें दाने हरे होने लगे है। जिससे फसल पूरी तरह खरा हो गई है।
साबिर किसान ने बताया कि उसने 3 एकड बाजरा व ढें़चा की में फसल बो रखी थी जो बरसात की वजह से खराब हो चुकी है। किसानों से सरकार से मुआवजा देने की गुहार लगाई है।
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