श्मशान घाट में टीन शेड नहीं होने के चलते तिरपाल का तंबू बनाकर चिता को मुखाग्नि दी
: खंड के गांव दुगरी में शुक्रवार को बरसात के चलते प्रातः 7:00 बजे हुई मौत को 4:00 तिरपाल का तंबू बनाकर मुखाग्नि दी गई।
: लगभग बारिशों की आबादी वाले दुगरी खेड़ा गांव में हिंदू मुस्लिम दोनों की आबादी 12 सौ के लगभग है।
पुष्पेंद्र शर्मा
ख़बरहक़, फिरोजपुर झिरका।
एक तरफ सरकार जहां श्मशान घाट और कब्रिस्तान की चारदीवारी और टीन शेड के लिए लगातार ग्रांट देने का काम कर रही है। वहीं फिरोज पुर झिरका खंड के गांव दुगरी के श्मशान घाट में टीन शेड नहीं होने के चलते गांव के 45 वर्षीय मृतक ओमप्रकाश पुत्र श्रीचंद को लगभग नौ घंटे बाद तिरपाल का तंबू तानकर उसकी चिता को मुखाग्नि दी गई। जैसे-जैसे इस घटना के बारे में आसपास के क्षेत्र और गांव के लोगों में जानकारी मिली, वैसे – वैसे लोगों ने सरकार और गांव के सरपंच के प्रति भारी आक्रोश प्रकट किया।
जानकारी देते हुए दुगरी के रहने वाले ग्रामीण मनोहर लाल, पप्पू, रूपचंद, रामजीलाल, समय सिंह , विशंभर , ओम प्रकाश, सुंदर, राजेश , सतीश , वीर सिंह आदि का कहना है कि शुक्रवार प्रातः 7:00 बजे ओमप्रकाश का बीमारी के चलते देहांत हो गया लेकिन रुक रुक कर आ रही बारिश के चलते क्रिया कर्म का समय 12:00 बजे का रखा गया क्योंकि गांव के श्मशान घाट में कोई टीन शेड का प्रबंध नहीं है। जिसके चलते चिता को जलाने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता । इसीलिए क्रिया कर्म का समय और आगे स्थगित करना पड़ा लेकिन जब 4:00 बजे तक बरसात नहीं रुकी तो ग्रामीणों द्वारा सहयोग कर तिरपाल का तंबू बनाकर मृतक की चिता को जलाया गया । वही चिता को जलाने भी में भी उन्हें भारी मशक्कत का सामना करना पड़ा क्योंकि उस समय में भी बरसात गिर रही थी लेकिन ग्रामीणों मैं हिम्मत नहीं हारी और बरसात के दौरान ही ग्रामीण ओमप्रकाश की चिता को मुखाग्नि दी गई। लोगों का कहना है कि दोनों गांव की कुल मिलाकर आबादी 1200 के लगभग है और जिनमें से 500 आबादी लगभग हिंदुओं की है ओर 700 आबादी मुस्लिम समुदाय की है। उसके बावजूद भी एक शमशान घाट में टीन शेड का प्रबंध प्रशासन और ग्रामपंचायत द्वारा नहीं कराया गया है।
ग्रामीणों ने गांव के सरपंच पर लगाया आरोप: लगभग गांव से लगातार 10 वर्षों से एक ही सरपंच रहने वाले व्यक्ति पर गांव के ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि शमशान घाट के नाम पर आई हुई राशि को खुर्द बुर्द कर दिया है। जबकि डी प्लान के तहत सरकार द्वारा राशि भेजी गई थी लेकिन शमशान घाट की चारदीवारी ना कर केवल दो दीवारों को ही बनाकर राशि को खत्म कर दिया गया। वही शमशान घाट में अन्य गांवों से आए हुए लोगों का कहना है कि एक तरफ सरकार लगातार ग्राम पंचायतों को बढ़ावा दे रही है लेकिन गांव की इस पंचायत में शमशान घाट में टीन शेड हो ना आज भी ग्रामीणों और सरकार के लिए एक शर्म की बात है जबकि चुनाव के दौरान सरपंच लाखों रुपए खर्च कर देते हैं लेकिन ऐसे धार्मिक और सामाजिक कार्यों के लिए कोई पहल नहीं करता। जिससे लोगों में सरकार और ऐसे सरपंच पद के दावेदार लोगों के लिए भारी रोष है।
क्या कहते हैं गांव के निवर्तमान सरपंच: इस बारे में गांव के निवर्तमान सरपंच सावेद खान का कहना है कि सरकार से केवल चारदीवारी बनाने के लिए पांच लाख की ग्रांट की राशि आई थी। जितना कार्य उस राशि में हुआ है वह पूरा करा दिया गया है । टीन शेड के लिए कोई राशि नहीं आई। इसके अलावा कब्रिस्तान के लिए भी कोई राशि नहीं आई है।
जब इस संदर्भ में खंड विकास पंचायत अधिकारी वीरेंद्र सिंह से बात करने के लिए उनके मोबाइल पर फोन किया गया तो उनका मोबाइल स्विच ऑफ आया।
फोटो: दुगरी गांव में मृतक ओम प्रकाश को बरसात में तिरपाल का तंबू लगाकर अग्नि देते हुए।
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