निर्माण के 20 दिन बाद ही उखड़ गई सरकारी स्कूल की छत, टपने लगे कमरे
-घटिया मेटीरियल के चलते कभी भी गिर सकता है स्कूल का भवनफोटो-स्कूल के हेडमास्टर और ग्रामीण छत पर पैर रखने से ही उखती टायलें
फोटो- बादली मिडिल स्कूल का नवनिर्मित भवन
-घटिया मेटीरियल के चलते कभी भी गिर सकता है स्कूल का भवनफोटो-स्कूल के हेडमास्टर और ग्रामीण छत पर पैर रखने से ही उखती टायलें
फोटो- बादली मिडिल स्कूल का नवनिर्मित भवन
यूनुस अलवी
मेवात
सरकारी विभाग के पैसे की खुल्लम खुल्ला धांधलीबाजी की जा रही है। पुन्हाना खंड के गांव बादली स्थित मिडिल स्कूल के भवन को बने अभी 20 दिन भी पूरी नहीं हुए है और बरसात में सारी छत उखड़ गई है। जिसकी वजह से सारा बरसाती पानी कमरों के अंदर खुसने से बच्चों को भारी परेषानी का सामना करना पड रहा है।
सरकारी विभाग के पैसे की खुल्लम खुल्ला धांधलीबाजी की जा रही है। पुन्हाना खंड के गांव बादली स्थित मिडिल स्कूल के भवन को बने अभी 20 दिन भी पूरी नहीं हुए है और बरसात में सारी छत उखड़ गई है। जिसकी वजह से सारा बरसाती पानी कमरों के अंदर खुसने से बच्चों को भारी परेषानी का सामना करना पड रहा है।
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https://youtu.be/m239DPjaPEI
सरकारी पैसे को कैसे मिलकर डकार रहे है अधिकारी और ठेकेदार। स्कूल नही बच्चो को मौत का घर बना बना दिया।
रिपोर्ट यूनुस अलवी
सरकारी पैसे को कैसे मिलकर डकार रहे है अधिकारी और ठेकेदार। स्कूल नही बच्चो को मौत का घर बना बना दिया।
रिपोर्ट यूनुस अलवी
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षिक्षा विभाग की ओर से बादली मिडिल स्कूल में चार कमरों का निर्माण कराया जा रहा है। जिसमें सभी कमरे बनकर तैयार हो गये हैं और सीडियों का कार्य चल रहा है। कमरों के निर्माण में घटिया मेटेरियल का इस्तेमाल होने से कमरों की सारी छतें थोडी सी बारिष में ही उखड़ गई है। जिसकी वजह से सारा बरसाती पानी कमरों में भर गया है। कमरे कहीं गिर ने जाये, इसकारण बच्चों को कमरों में भी नहीं बेठाया गया है।
षिक्षा विभाग की ओर से बादली मिडिल स्कूल में चार कमरों का निर्माण कराया जा रहा है। जिसमें सभी कमरे बनकर तैयार हो गये हैं और सीडियों का कार्य चल रहा है। कमरों के निर्माण में घटिया मेटेरियल का इस्तेमाल होने से कमरों की सारी छतें थोडी सी बारिष में ही उखड़ गई है। जिसकी वजह से सारा बरसाती पानी कमरों में भर गया है। कमरे कहीं गिर ने जाये, इसकारण बच्चों को कमरों में भी नहीं बेठाया गया है।
गांव के राहुल, हाजी इलयास आदि लोगों का आरोप है। स्कूल के कमरों के निर्माण में घटिया मैटेरियल का इस्तेमाल किया गया है। उन्होने कई बार ठेकेदार और जेई को इसकी षिकायत की लेकिन उन्होने शिकायत पर कोई गौर नहीं किया है। ग्रामीणों का कहना है कि ठेकेदार ने कमरे और उनकी छते पूरी तरह बनाकर तैयार कर दी थी।
जिनकी छत अभी से ही टूटने लगी हैैं। ये कमरे और छत कभी भी गिर सकती है। ग्रीमीणों ने ठेकेदार और विभाग के अधिकारियों पर घटिया मैटेरियल लगाने का आरोप लगाते हुऐ इसकी जांच कराने की मांग की है।
स्कूल के अध्यापक महमूद खान ने बताया कि एक सप्ताह पहले ही तबादला होकर स्कूल में ज्वाईन किया है। षनिवार को जब कमरों में छत से अधिक बरसाती पानी बहने लगा तो वह गांव के कई लोगों को साथ लेकर छत पर चढ़ा। उसने देखा की छत पर बिछाई गई टायलें पैरों से ही उखड रही थी। इससे जाहिर होता है कि छत और कमरों के निर्माण में घटिया मैटेरियल का इस्तेमाल का इस्तेमाल किया गया है। उनहोने बताया कि इसबारे में वह उच्च अधिकारियों को शिकायत कर अवगत कराऐंगें।
KI
क्या कहते हैं अधिकारी
षिक्षा विभाग में कार्यत कनिष्ठ अभियंता साकिर ने बताया कि टूटी हुई छत को ठेकेदार से मरम्मत करवा देगें। जब उनसे पूछा गया कि घटिया मैटेरियल का इस्तेमाल करने की जांच होगी या नहीं इसका वह खास जवाब नहीं दे सके।
Author: Khabarhaq
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